मेरे बांके बिहारी संवरिया- MERE BANKE BIHARI SAWARIYA

मेरे बांके बिहारी संवरिया
मेरे बांके बिहारी संवरिया तेरा जलवा कहाँ पर नहीं हे
मेरे बांके बिहारी संवरिया तेरा जलवा कहाँ पर नहीं हे

आंख बालों ने आँखों से देखा, कान बालों ने कानों सुना हे
तेरा दर्शन उसी को हुआ हे, जिसकी आँखों में पर्दा नहीं हे

लोग श्रीधाम वृन्दावन जाते,' वहां राधा राधा राधा नाम गाते
राधे रानी कई सच्ची कचहरी, कोई झूठी अदालत नहीं हे

लोग पीते हे पी पे के गिरते, हम पीते हैं गिरते नहीं है
हम तो पीते हैं सत्संग का प्याला, कोई अंगूरी मदिरा नहीं हे

ये नशा जल्दी चढ़ता नहीं हे ,चढ़ जाये तो उतरता नहीं हे
लोग जीते है दुनिया के डर से, हमें दुनिया का कोई दर नहीं हे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें