ब्रज में हो रही जय जयकार,
नन्द घर लाला जायो है,
ग्वाल बाल सब रलमिल गावें,
यूथ के यूथ नन्द घर आवें,
ब्रह्मानन्द समान आज सुख सबने पायो है,
ब्रज में हो रही........
ब्रज चौरासी कोस में भैया,
सब कहें धन्य यशोदा मैया,
अस्सी साल की आयु में सुत ऐसा जायो है,
ब्रज में हो रही........
ब्रह्मा शिव सनकादि आये,
सिद्ध मुनि सब देव सिहाये,
धर ग्वालन को रुप सबन मिल मंगल गायो है
ब्रज में हो रही........
नन्द यशोदा भाग्य बड़ाई,
सब ही देने लगे बधाई,
ऐसो अद्भुत सुत ओर नही कोई जायो है,
ब्रज में हो रही........
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें