दरबार में खाटू वाले के दुःख तर्ज - क्या तुम्हें पता है ए गुलशन दरबार में खाटू वाले के दुःख दर्द मिटाए जाते है, गर्दिश के सताए लोग यहाँ सिने से लगाए जाते है, दरबार में खाटु वाले के दुःख दर्द मिटाए जाते है ये महफ़िल है मतवाल…
उतरा सागर में उसको ही मोती मिला। खोज जिसने भी की मैं उसी को मिला।। उतरा सागर में जो, उसको मोती मिले खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया तूने मूरत कहा मैं मुरति वान था तूने पत्थर कहा मैं भी पाषाण था ये तो तेरे ही विश्वाश की…
तर्ज - तुम्हें दिल्लगी भूल जाने पड़ेगी कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके भुला क्यों दिया हमे अपना बना के कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके भुला क्यों दिया हमे अपना बना के अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है, चले क्यों गए …