मेरी चुनरी में पर गयो दाग री, ऐसो चटक रंग डारो।
औरन की लंग देखत नाहीं, औरन की लंग,
ये तो मोही को, रे ये तो मोही को देखे दिन रात री,
ऐसो चटक रंग डारो।
औरन को अँचरा न छुअत है, औरन को,
याकी मोही सों, रे याकी मोही सों लग रही लाग री,
ऐसो चटक रंग डारो।
ललिता बिसाखा कोई न भावै, ललिता बिसाखा,
ये तो मोहीं सों, रे ये तो मोहीं सों खेले फाग री,
ऐसो चटक रंग डारो।
मात यसोदा भी बरजै न याको, मात यसोदा भी,
ऐसी होरी में, रे ऐसी होरी में लग जाय आग री,
ऐसो चटक रंग डारो।
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मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री-MERI CHUNRI ME PAD GAYO DAG RI
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