रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का फल हम अब पा रहे है, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है इसी धरा से शरीर पाए, इसी धरा में फिर सब समाए, है …
हम तेरे शहर में आये है- गज़ल जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं हम तो मौसम की तरह रोज़ बदल जाते हैं हम अभी तक हैं गिरफ़्तार-ए-मुहब्बत यारो ठोकरें खा के सुना था कि सम्भल जाते हैं ये कभी अपनी जफ़ा पर न हुआ शर्मिन्दा हम समझते रहे पत्थर भी पिघल जाते …
दरबार में खाटू वाले के दुःख तर्ज - क्या तुम्हें पता है ए गुलशन दरबार में खाटू वाले के दुःख दर्द मिटाए जाते है, गर्दिश के सताए लोग यहाँ सिने से लगाए जाते है, दरबार में खाटु वाले के दुःख दर्द मिटाए जाते है ये महफ़िल है मतवाल…
कभी अपने मन के भरोसे न रहना ये तन कीमती है मगर है विनाशी, कभी अगले क्षण के भरोसे न रहना। निकल जाएगी छोड़ काया को पल में, सदा श्वास धन के भरोसे न रहना।। ये, तन कीमती है, मगर एक क्षण में योगी, एक क्षण में भोगी, पलभर में ग्यानी पल में वियोगी। बदलता जो…
एक विधाता ही बस निर्दोष रहा तर्ज -दिल का खिलौना हा टूट गया एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥ सब में कोई ना कोई दोष रहा । एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥ सब में कोई ना कोई दोष रहा । एक विधाता बस निर्दोष रहा । वेद शास्त्र का महापंडित ज्ञानी, रावण था पर था अ…
दुश्मनी की तो क्या पूछिये दोस्ती का भरोसा नहीं. दुश्मनी की तो क्या पूछिये दोस्ती का भरोसा नहीं. आप मुझ से भी पर्दा करें, अब किसी का भरोसा नही. कल ये मेरे भी आँगन में थी, जिसपे तुमको गुरूर आज है. कल ये शायद तुझे छोड़ दे, इस ख़ुशी का भरोसा नही. क्या ज़रू…
कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे जागते-जागते इक उम्र कटी हो जैसे जान बाकी है मगर साँस रुकी हो जैसे हर मुलाकात पे महसूस यही होता है मुझसे कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे राह चलते हुए अक्सर ये गुमां होता है वो नज़र छुप क…
तेरी मेहरबानी का है बोज इतना, की मैं तो उठाने के काबिल नही हूँ । मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ, तेरे दर पे आने के काबिल नही हूँ ॥ ज़माने की चाहत में खुद को भुलाया, तेरा नाम हरगिज़ जुबा पे ना लाया । गुन्हेगार हूँ मैं खतावार हूँ मैं, तुझे मुह…
साथी हमारा कौन बनेगा,तुम न सुनोगे कौन सुनेगा आ गया दर पे तेरे, सुनाई हो जाये जिंदगी से दुखो की, विदाई हो जाये एक नजर कृपा की डालो,मानुगा अहसान ॥ संकट हमारा कैसे टलेगा तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा....... पानी हे सर से ऊपर,मुसीबत अड़ गयी हे, आज हमको …
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता शरण में रख दिया जब माथा तो किस बात की चिंता किया करते हो तुम दिन रात क्यों बिन बात की चिंता किया करते हो तुम दिन रात क्यों बिन बात की चिंता किया करते हो तुम द…
ये सहेरे तमन्ना अमीरो की दुनिया ये ख़ुदग़र्ज़ और बेज़मीरो की दुनिया यहाँ सुख मुझे दो जहाँ का मिला हैं मेरा गाव जाने कहाँ खो गया है... वो गाव के बच्चे वो बच्चो की टोली वो भोली वो मासूम चाहत की बोली वो गुल्ली वो डंडा वो लड़ना वो जग…
आ गया मैं दुनियांदारी, सारी बाबा छोड़ के, लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै, लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै। हार गया मैं इस दुनियां से, अब तो मुझको थाम ले, कहा मुझे किसी श्याम भगत ने, बाबा का तू नाम ले, अपने पराए छोड़ गए सब, दिल मेरा …
प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर प्रभु को नियम बदलते देखा . अपना मान भले टल जाये भक्त मान नहीं टलते देखा .. ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं । यही सद् ग्रंथ कहते हैं, यही हरि भक्त गाते हैं ॥ नहीं स्वीकार करते हैं, निमंत्रण नृप सुयोधन का । विदुर…
है जिंदगी कितनी खूबसूरत जिन्हें अभी ये पता नही हैं कोई बहुत प्यार करने वाला जिन्हें अभी मिला नही हैं ।। है जिंदगी कितनी खूबसूरत जिन्हें अभी ये पता नही हैं कोई बहुत प्यार करने वाला जिन्हें अभी मिला नही हैं ।। चले जो आंधी वो तिनका तिनका बिखर …
तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो मुझे रास आ गया है,तेरे दर पे सर झुकाना, तुझे मिल गया पुजारी,मुझे मिल गया ठिकाना। मुझे कौन जानता था,तेरी बंदगी से पहले, तेरी याद ने बना दी,मेरी ज़िन्दगी फसाना ॥ * तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो…
हर साँस में हो सुमिरन तेरा, यूँ बीत जाये जीवन मेरा, तेरी पूजा करते बीते साँझ सवेरा, यूँ बीत जाये जीवन मेरा, नैनो की खिड़की से तुमको पल पल मै निहारूँ, मन में बिठालू, तेरी आरती उतारूँ, डाले रहू तेरे चरणों में डेरा, यूँ बीत जाए जीवन मेरा, जो भी तेरा प्…
करो रे मन चलने की तैयारी, दोहा जाते नहीं है कोई, दुनिया से दूर चल के, आ मिलते हैं सब यहीं पर, कपड़े बदल बदल के। करो रे मन चलने की तैयारी, चलने की तैयारी।। आए हो तो जाना होगा -2 शास्त्र नियम निभाना होगा - 2 सूरज नित प्रद करता रहता.....ढलने की तैयारी..…
बूटी हरि के नाम की सबको पिलाके पी । चितवन को चित के चोर से चित को चुराके पी ॥ अंतरा पीने की तमन्ना है तो खुद मिटाके पी । ब्रम्हा ने चारो वेदों की पुस्तक बनाके पी ॥ बूटी ॥ शंकर ने अपने शीश पे गंगा चढ़ाके पी। ठोकर से श्री राम ने पत्थ…