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चलो तुम तोड़ दो ये दिल

 चलो तुम तोड़ दो ये दिल....

....................................................................

तुम्हे  लगता  है  अश्कों  की  घटाएँ  अब  नहीं होंगी,

ग़लतफहमी  तुम्हारी  है   ख़तायें   अब   नहीं  होंगी,

कोई ज़ालिम  मुहब्बत  मे तुम्हे  जब   छोड़  जायेगा,

तुम्हे   बर्बादियों    के    रास्ते    पर    मोड़   जायेगा,


करोगे याद उस दिन तुम मगर होंगे न  हम   हासिल,

चलो तुम तोड़ दो ये दिल, चलो तुम तोड़ दो ये दिल,


हमारे साथ जब तक थे  तुम्हे  ग़म  छुल   नहीं पाए,

मगर अफ़सोस तुम इन धड़कनों  में घुल  नहीं पाए,

मेरा  चेहरा  तुम्हारे  सामने  अब  जब  भी  आएगा,

भले  ख़ामोश   होंगे  लब  मगर  दिल  मुस्कुरायेगा,


लो कर दो  क़त्ल  मेरा है इजाज़त  ऐ  मेरे  क़ातिल,

चलो तुम तोड़ दो …… …… … … … ...... .. …....।


चलो  अब  जा  रहा  हूं  मै तुम्हारी छोड़ कर दुनिया,

नहीं  मैं  लौट  पाऊंगा  तकोगी   तुम  फकत  रस्ता,

तुम्हारे  ज़ख्म  पर  भरने  कोई  मरहम  न  आएगा,

मेरे  जैसा  तुम्हारा  अब  कोई   हमदम  न  आयेगा,


तुम्हे   हर पल लगेगी  अब तुम्हारी सांस ये बोझिल,

चलो तुम तोड़ दो ..................................…।


          ✍️ आशीष कविगुरु

JAB BHI MILTE HAI //जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं

 हम तेरे शहर में आये है- गज़ल

जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं

हम तो मौसम की तरह रोज़ बदल जाते हैं


हम अभी तक हैं गिरफ़्तार-ए-मुहब्बत यारो

ठोकरें खा के सुना था कि सम्भल जाते हैं


ये कभी अपनी जफ़ा पर न हुआ शर्मिन्दा

हम समझते रहे पत्थर भी पिघल जाते हैं


उम्र भर जिनकी वफ़ाओं पे भरोसा किये

वक़्त पड़ने पे वही लोग बदल जाते हैं


लाख दुश्मन ही सही मिलके तो देखो एक बार।

प्यार की आंच से ,पत्थर भी पिघल जाते है


बेहुनर शख्स से मिलकर, ये एहसास हुआ

खोटे सिक्के भी तो,बाज़ार में चल जाते हैं।।


ठोकरें खाके न सम्हला तो, ये तेरी क़िस्मत

लोग तो एक ही ठोकर में सम्हल जाते हैं।।


जब भी मिलते है तो कतरा के निकल जाते है

UTRA SAGAR ME JO USKO MOTI MILA - उतरा सागर में जो, उसको मोती मिले खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया

 उतरा सागर में उसको ही मोती मिला।
खोज जिसने भी की मैं उसी को मिला।।

उतरा सागर में जो, उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया

खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया

तूने मूरत  कहा मैं मुरति वान था
तूने पत्थर कहा मैं भी पाषाण  था

ये तो तेरे ही विश्वाश की बात है
ये तो तेरे ही विश्वाश की बात है

धन्ना जात बुलाया मैं झट आ गया
धन्ना जात बुलाया मैं झट आ गया

उतरा सागर में जो, उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया

ये तो सच है की तूने बुलाया नही
बिन बुलाए कभी मैं भी आया नही

तूने प्रेम से मुझको खिलाया नही
तूने प्रेम से मुझको खिलाया नही
मैं विदुरानी के छिलके तक खा गया
तूने प्रेम से मुझको खिलाया नही

उतरा सागर में जो, उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया

प्रेम तो प्रेम  है सीधी सी बात है
प्रेम तो प्रेम है सीधी सी बात है
प्रेम कब पूछता  है की क्या जात है
चाहे हिंदू हो चाहे कोई मुसलमान
मुझको रस्खान सलवार पहना गया

खोज की जिसने मेरी मुझे पा गया
नुकता ची संका वाडी को मैना मिला
मुझको तो सबरी का भोलापन  भा गया

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
उतरा सागर में जो उसको मोती मिले

 

 

 



1. तूने मंदिर में ढूँढा मैं पाषाण था,
तूने मस्जिद में ढूँढा मैं आज़ान था।
देख भीतर हूँ तेरे तेरे पास था,
तूने देखा नहीं मैं दिखा भी नहीं।।

2. देह मिट्टी की मिट्टी में मिल जाएगी,
शान तेरी यह सारी ही घुल जाएगी।।
यूँ न अपने जीवन को तू गंवा।
तू टिकाए नहीं मन टिके भी नहीं।।

3. तूने चाहा नहीं मैं मिला भी नहीं।
तूने ढूँढा नहीं मैं दिखा भी नहीं।।
मैं वो मेहमान हूँ बिन बुलाए हुए।
जो कहीं न गया जो कभी न गया।।

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा गया

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा गया

नुकता ची संका वाडी को मैना मिला
मुझको तो सबरी का भोला पं भा गया

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा गया

तूने मूर्ति कहा मैं मूर्ती वान था
तूने पत्थर कहा मैं भी पाशन था

ये तो तेरे ही विश्वाश की बात है
ये तो तेरे ही विश्वाश की बात है

धन्ना जात बुलाया मैं झट आ गया
धन्ना जात बुलाया मैं झट आ गया

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
खोज की जिसने मेरी मुझे पा गया

ये कहना ग़लत है की उसका पता नही है
ढूँढने की हद तक कोई धुनता नही

खोज की जिसने मेरी मुझे पा गया
नुकता ची संका वाडी को मैना मिला
मुझको तो सबरी का भोला पं भा गया

ये तो सच है की तूने बुलाया नही
बिन बुलाए कभी मैं भी आया नही

तूने प्रेम से मुझको खिलाया नही
तूने प्रेम से मुझको खिलाया नही
मैं विदुरानी के छिलके तक खा गया
तूने प्रेम से मुझको खिलाया नही

खोज की जिसने मेरी मुझे पा गया
नुकता ची संका वाडी को मैना मिला
मुझको तो सबरी का भोला पं भा गया

प्यार प्यार तो प्यार है सीधी सी बात है
प्यार प्यार तो प्यार है सीधी सी बात है
प्रेम कब पूचहता है की क्या जात है
चाहे हिंदू हो चाहे कोई मुसलमान
मुझको रस्खान सलवार पहना गया

खोज की जिसने मेरी मुझे पा गया
नुकता ची संका वाडी को मैना मिला
मुझको तो सबरी का भोला पं भा गया

उतरा सागर में जो उसको मोती मिले
उतरा सागर में जो उसको मोती मिले

गोविंद गोपाल

यार की मर्ज़ी के आगे
यार का दूं भरके देख
तर्क से मिलता नही
अर्ज़ करके ही तू देख

बे इरादा मरने वेल
बा इरादा मरके देख
सारे तमाशे कर चुका
ये भी तमाशा करके देख
जिंदगी बन जाएगी
तेरे लिए आबे हयात
सब को अपना करके देखा
उनको अपना करके देखा
उनको बना के देख

यार जब तेरा है तो
सारी है तेरी कयनात
जिंदगी पे मरने वेल
जिंदगी में मरके देख

यार की मर्ज़ी के आगे
यार का दूं भरके देख
तर्क से मिलता नही
अर्ज़ करके ही तू देख
अर्ज़ करके ही तू देख

WO CHANDNI SA BADAN - वो चांदनी सा बदन ख़ुशबुओं

 वो चांदनी सा बदन

वो चांदनी सा बदन ,ख़ुशबुओं का साया है

बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है

उतर भी आओ बस अब,  आसमाँ के ज़ीने से
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे, लिये बनाया है

महक रही है ज़मीं, चांदनी के फूलों से
ख़ुदा किसी की मुहब्बत पे मुस्कुराया है

उसे किसी की मुहब्बत का ऐतबार नहीं
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है

तमाम उम्र मेरा दम उसके धुएँ से घुटा
वो इक चराग़ था मैंने उसे बुझाया है
  रचना -बसीर बद्र 

KOI LASHKAR HAI KI BADHTE HUYE GAM AA TE HAI - कोई लश्कर है कि बढ़ते हुए ग़म आते हैं

 

कोई लश्कर है कि बढ़ते हुए ग़म आते हैं

कोई लश्कर है कि बढ़ते हुए ग़म आते हैं

शाम के साए बहुत तेज़ क़दम आते हैं

दिल वो दरवेश है जो आँख उठाता ही नहीं
इसके दरवाजे पे सौ अहले-करम आते हैं
 
मुझ से क्या बात लिखानी है कि अब मेरे लिए
कभी सोने कभी चाँदी के क़लम आते हैं

मैंने दो -चार किताबें तो पढ़ी हैं लेकिन
शहर के तौर-तरीक़े मुझे कम आते हैं
 
ख़ूबसूरत-सा कोई हादसा आँखों में लिये
घर की दहलीज़ पे डरते हुए हम आते हैं
 रचना-बशीर बद्र  

YE KASAK DIL KI DIL ME JAMI RAH GAI ये कसक दिल की दिल

 ये कसक दिल की दिल  

ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गई

ज़िंदगी में तुम्हारी कमी रह गई

एक मैं, एक तुम, एक दीवार थी
ज़िंदगी आधी-आधी बँटी रह गई

रात की भीगी-भीगी छतों की तरह
मेरी पलकों पे थोडी नमी रह गई

मैंने रोका नहीं वो चला भी गया
बेबसी दूर तक देखती रह गई

मेरे घर की तरफ धूप की पीठ थी
आते-आते इधर चाँदनी रह गई



रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे -Rooth Kar Hum Unhe Bhool Jane Lage


 

रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे

रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे
रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे
रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे
वो हमें वो हमें
वो हमें और भी याद आने लगे
वो हमें और भी याद आने लगे

भूल जाने वाले, याद आने वाले
भूल जाने वाले, याद आने वाले
भूल जाने वाले जाने वाले जाने वाले
भूल जाने याद आने वाले
भूल जाने याद आने वाले

हमने दिल से कही अपनी मजबूरियाँ
हमने दिल से कही अपनी मजबूरियाँ
हमने दिल से कही अपनी मजबूरियाँ
हमने दिल से कही अपनी मजबूरियाँ
दिल को लेकिन ये सारे बहाने लगे
दिल को लेकिन ये सारे बहाने लगे
भूल जाने वाले, याद आने वाले
भूल जाने वाले, याद आने वाले

उनके कदमों में गिर जाएँ मर जाएँ हम
उनके कदमों में गिर जाएँ मर जाएँ हम
मर जाएँ हम
इस तरह अपनी मिट्टी ठिकाने लगे
इस तरह अपनी मिट्टी ठिकाने लगे
भूल जाने वाले, याद आने वाले
भूल जाने वाले, याद आने वाले

उनसे एक पल में कैसे बिछड़ जायें हम
उनसे एक पल में कैसे बिछड़ जायें हम
उनसे एक पल में कैसे बिछड़ जायें हम
उनसे एक पल में कैसे बिछड़ जायें हम

जिनसे मिलने में शायद जमाने लगे
जिनसे मिलने में शायद जमाने लगे
भूल जाने वाले, याद आने वाले
भूल जाने वाले, याद आने वाले

रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे
रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे
वो हमें वो हमें
वो हमें और भी याद आने लगे
वो हमें और भी याद आने लगे
भूल जाने वाले, याद आने वाले
भूल जाने वाले, याद आने वाले

जो सोच रहे हैं कभी देखा ही नहीं था
जो देख रहे हैं कभी सोचा ही नहीं था
याद आने वाले याद आने वाले
याद आने वाले याद आने वाले
याद आने वाले..


 

महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी MEHFIL ME BAR BAR



महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी  

महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 
हमने बचायी लाख मगर फिर भी उधर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनकी नज़र में कोई तो जादू ज़ुरूर है 
जिस पर पड़ी उसी के जिगर तक उतर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उस बेवफा की आँख से आंसू छलक पड़े 
हसरत भरी निगाह बड़ा काम कर गयी
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनके ज़माल-ए-रुख़ पे उन्हीं का ज़माल था 
वो चल दिए तो रौनक-ए-शामों सहर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

उनको खबर करो की है बिस्मिल करीब-ए-मर्ग 
वो आएंगे जरूर जो उन तक खबर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 
हमने बचायी लाख मगर फिर भी उधर गयी 
महफ़िल में बार बार किसी पर नज़र गयी 

 

हमारी नीदें भी उड़ चुकी हैं HAMARI NEENDEN BHI UD CHUKI HAI LYRICS


हमारी नीदें भी उड़ चुकी हैं

हमारी नीदें भी उड़ चुकी हैं,सनम भी करवट बदल रहें हैं

उधर भी जागा प्यार दिल में,इधर भी अरमां मचल रहे हैं

मिला है जिस दिन से प्यार उनका,हर एक शय है निसार मुझ पर

गुलाब कदमों में बिछ रहे हैं,चिराग राहों में जल रहे हैं

तुम्हारी आखों में प्यार देखूँ,तुम आओ तो मैं बहार देखूँ

तुम्हारे हमराह घर से निकलो,सुना है मौसम बदल रहें हैं

हमारी सासें ठहर गयी तो,तुम्हारे दिल को मलाल क्यों है

यही रहे हैं यही रहेंगे,बस आज हम घर बदल रहे हैं

शराब ऐसी भी है जहाँ में,जो होश में आदमी को लाये

वो देखो जामे रसूल पीकर,बहकने वाले संभल रहें हैं

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ओ दीवानी ओ मस्तानी O DEEWANI O MASTANI

ओ दीवानी ओ मस्तानी

जिगर को कर गई घायल
तेरी निगाहें सितम
इलाज खूब दिया है
तूने दर्दे दिल का सनम

आतिशे इश्क कलेजे में दबी रहती है
तूने जिस दिन से लगाई है लगी रहती है
ओ दीवानी ओ मस्तानी जमना  पे जाए भरने को पानी
ढूंढले  कोई सवरिया 2


ओ दीवानी ओ मस्तानी भरने को आए जमना पे पानी
बरसाने वारी गुजरिया
ढूंढले कोई सवरिया
तीखे नयना गाल गुलाबी
सुंदर मुखड़ा होंठ शराबी2

बात हमारी मान ले कोई रात को आजा चोरी चोरी
खाली है मन की गठरिया
ढूंढले कोई सवरिया

चढ़ती जवानी तड़पाए है
व्याकुल नैना तरसाए है


# हस्ती को मोहब्बत में फना कोन करेगा
ये फर्ज़ अदा मेरे सिवा कोन करेगा
यूं तो नाकाम आरज़ू की कीमत है बहुत
मेरे लिए मरने की दुआ कोन करेगा 


चढ़ती जवानी तड़पाए है व्याकुल नैना तरसाए है
आजा गले से तुझको लगा लूं
चेहरे से तेरे जुल्फें हटा लूं
लखनऊ की गोरी गुजरिया
ढूंढले कोई सवरियां ढूंढले कोई ......

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TUMHE DILLAGI BHUL JANI PADEGI - तुम्हें दिल्लगी भूल जाने पड़ेगी


तर्ज - तुम्हें दिल्लगी भूल जाने पड़ेगी
 

कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के
कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के
 
अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है,
चले क्यों गए श्याम दीवाना बना के
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के
कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के

अभी मेरी आँखों में आसू भरे है
जख्म मेरे दिल के अभी भी हरे है
अगर तुम ना आये तो दिल क्या करेगा
तुम्हारे लिए ही तडपता रहेगा
निभाना नहीं था तो पहले ही कहते
बुझाते हो क्यों आग दिल में लगा के

भुला क्यों दिया हमे अपना बना के
कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के
कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके
भुला क्यों दिया हमे अपना बना के 

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इतनी जल्दी करो ना जाने की ITNI JALDI KARO NA JAANE KI

इतनी जल्दी करो ना जाने की

हर लम्हा गुजरता है खता वार हमारा
मरना भी अब तो मरना है दुश्वार हमारा
हमने तो सिर्फ आस लगाई है हरी से
है उसके सिवा कौन मददगार हमारा

इतनी जल्दी करो ना जाने की
सांस रुक जाएगी दीवाने की
इतनी जल्दी करो ना जाने की ………

आप आए बहार आई है
जागी किस्मत गरीब खाने की
इतनी जल्दी करो ना जाने की……….

आओ मेरे करीब आ जाओ
आरजू है गले लगाने की
इतनी जल्दी करो ना जाने की……….

रूठना है तो रूठ जाओ तुम
हमको फुर्सत नहीं मनाने की
इतनी जल्दी करो ना जाने की……….

धड़कने और बढ़ गई दिल की
क्या जरूरत थी मुस्कुराने की
इतनी जल्दी करो ना जाने की………