रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का फल हम अब पा रहे है, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है इसी धरा से शरीर पाए, इसी धरा में फिर सब समाए, है …
राम कहने का मजा, जिसकी जुबान पर आ गया, मुक्त जीवन हो गया, चारो पदार्थ पा गया ॥ लुटा मज़ा प्रह्लाद ने, इस राम के प्रताप से, नरसिंह हो दर्शन दिए, त्रिलोक में यश छा गया।। राम कहने का मजा...... जाती की थी भीलनी, उस प्रेम से सुमिरन किया, घर आकर परम…
उतरा सागर में उसको ही मोती मिला। खोज जिसने भी की मैं उसी को मिला।। उतरा सागर में जो, उसको मोती मिले खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया खोज की जिसने मेरी, मुझे पा गया तूने मूरत कहा मैं मुरति वान था तूने पत्थर कहा मैं भी पाषाण था ये तो तेरे ही विश्वाश की…
तेरी मेहरबानी का है बोज इतना, की मैं तो उठाने के काबिल नही हूँ । मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ, तेरे दर पे आने के काबिल नही हूँ ॥ ज़माने की चाहत में खुद को भुलाया, तेरा नाम हरगिज़ जुबा पे ना लाया । गुन्हेगार हूँ मैं खतावार हूँ मैं, तुझे मुह…
यदि नाथ का नाम दयानिधि है तो दया भी करेंगे कभी ना कभी दुःख हारी हरी दुखियारी जन की दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी दुःख हारी हरी दुखियारी जन की दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी यदि नाथ का नाम दयानिधि है जहाँ वेद निषाद का आदर है जहाँ जाद अजनिल का घर है वह…
तेरा साथ निभाएगा विश्वास जरूरी है, तेरी बिगड़ी बनाएगा विश्वास जरूरी है, तेरा साथ निभाएगा विश्वास जरूरी है॥ जिस दिन भी तू सच्चे मन से इसका हो जाएगा, उस दिन से तू हर पल इसको अपने संग पाएगा, तेरे संग संग चलेगा ये आभास जरूरी है, तेरा सा…
प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर प्रभु को नियम बदलते देखा . अपना मान भले टल जाये भक्त मान नहीं टलते देखा .. ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं । यही सद् ग्रंथ कहते हैं, यही हरि भक्त गाते हैं ॥ नहीं स्वीकार करते हैं, निमंत्रण नृप सुयोधन का । विदुर…
तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो मुझे रास आ गया है,तेरे दर पे सर झुकाना, तुझे मिल गया पुजारी,मुझे मिल गया ठिकाना। मुझे कौन जानता था,तेरी बंदगी से पहले, तेरी याद ने बना दी,मेरी ज़िन्दगी फसाना ॥ * तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो…
करो रे मन चलने की तैयारी, दोहा जाते नहीं है कोई, दुनिया से दूर चल के, आ मिलते हैं सब यहीं पर, कपड़े बदल बदल के। करो रे मन चलने की तैयारी, चलने की तैयारी।। आए हो तो जाना होगा -2 शास्त्र नियम निभाना होगा - 2 सूरज नित प्रद करता रहता.....ढलने की तैयारी..…
मान मेरा कहना, नहीं तो पछतायेगा। माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा मात पिता तेरा,कुटुंब कबीला। विपदा पड़े पर,कोई ना किसी का। एक दिन हंसा,अकेला उड़ जायेगा। मिट्टी का खिलौना, मिट्टी में मिल जायेगा। …
बूटी हरि के नाम की सबको पिलाके पी । चितवन को चित के चोर से चित को चुराके पी ॥ अंतरा पीने की तमन्ना है तो खुद मिटाके पी । ब्रम्हा ने चारो वेदों की पुस्तक बनाके पी ॥ बूटी ॥ शंकर ने अपने शीश पे गंगा चढ़ाके पी। ठोकर से श्री राम ने पत्थ…
कोई आए कोई जाए ये तमाशा क्या है मैं तो समझा नहीं यह महफिल ए दुनिया क्या है यह हर्ष हवस की मंडी है अनमोल रतन बिक जाते हैं कागज के कड़क के नोटों पर दुनिया के चमन बिक जाते हैं ये हर्ष हवस की मंडी है अनमोल रतन बिक जाते हैं हर चीज यहां पर बिकती है हर ची…