रसिया को नार बनावो री रसिया को।
कटि लहंगा गल माल कंचुकी,
वाको चुनरी शीश उढाओ री।
रसिया को॥१॥
बाँह बडा बाजूबंद सोहे,
वाको नकबेसर पहराओ री ।
रसिया को ॥२॥
लाल गुलाल दृगन बिच काजर,
वाको बेंदी भाल लगावो री ।
रसिया को ॥३॥
आरसी छल्ला और खंगवारी,
वाको अनपट बिछुआ पहराओ री
रसिया को ॥४॥
नारायण करतारी बजाय के,
वाको जसुमति निकट नचाओ री।
रसिया को ॥५॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें