हनुमान आरती

TERI MEHRBANI KA HAI BOJH ITNA - तेरी मेहरबानी का है बोज इतना,

तेरी मेहरबानी का है बोज इतना, की मैं तो उठाने के काबिल नही हूँ । मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ, तेरे दर पे आने के काबिल नही हूँ ॥ ज़माने की चाहत में खुद को भुलाया, तेरा नाम हरगिज़ जुबा पे ना लाया । गुन्हेगार हूँ मैं खतावार हूँ मैं, तुझे मुह…

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चलो तुम तोड़ दो ये दिल