कविताएं

चलो तुम तोड़ दो ये दिल

चलो तुम तोड़ दो ये दिल.... .................................................................... तुम्हे  लगता  है  अश्कों  की  घटाएँ  अब  नहीं होंगी, ग़लतफहमी  तुम्हारी  है   ख़तायें   अब   नहीं  होंगी, कोई ज़ालिम  मुहब्बत  मे तुम्हे  जब   छोड़  जायेगा, …

EK VIDHATA HI NIRDOSH RAHA - एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥

एक विधाता ही बस निर्दोष रहा   तर्ज -दिल का खिलौना हा टूट गया एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥ सब में कोई ना कोई दोष रहा । एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥ सब में कोई ना कोई दोष रहा । एक विधाता बस निर्दोष रहा ।  वेद शास्त्र का महापंडित ज्ञानी, रावण था पर था अ…

आपसे.......

गज़ल  शुष्क जीवन हुआ है सजल आपसे भाग्य मेरा हुआ है प्रबल आपसे अब तो जो कुछ लिखूँ कथ्य बस आप हैं मेरे मुक्तक,रुबाई,ग़ज़ल आपसे आपकी दो भुजाएँ किनारे मेरे और मै हूँ नदी इक धवल आपसे   राशिफल क्यों पढूँ अपना अख़बार में आज है आपसे और कल आपसे आपको जब निहारा तो …

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चलो तुम तोड़ दो ये दिल