माँ करती मेहरबानीयाँ- MA KARI MEHRBANIYA

सर को झुकालो, शेरावाली को मानलो, चलो दर्शन पालो चल के |
करती मेहरबानीयाँ , करती मेहरबानियां ||
गुफा के अन्दर, मन्दिर के अन्दर, माँ की ज्योतां है नुरानियाँ ||

मैया की लीला, देखो पर्बत है नीला |
गरजे शेर छबीला, रंग जिसका है पीला, रंगीला |
कठिन चढाईयां, माँ तेरियां लाईआं, यह है मैया की निशानियां ||

कष्टों को हरती, मैया मंगल है करती |
मैया शेरों वाली का, दुनिया पानी है भरती, दुःख हरती |
अजब नज़ारे, माते के दवारे, और रुत्ता मस्तानीय ||

कोढ़ी को काया, देवे निर्धन को माया |
करती आचल की छाया, भिखारी बन के जो आया |
चला चल, माँ के द्वारे, कटे संकट सारे, मिट जाए परशानियाँ ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें