गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
करता है सबसे पहले पूजा तेरी जहान,
गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
चंदन चौकी पे बिराजे दाता गजशिश धारी,
शीश स्वर्ण मुकुट गले मोतियन माला प्यारी,
रिद्धि सिद्धि अंग संग छवि सबसे है न्यारी,
भोग लड्डुवन का लगे करे मूसे की सवारी,
पुरे हो काम तब ही पहले तुम्हारा ध्यान,
गौरी के लाडले महिमा तेरी महान,
माता गौरी जी के लाल शिव भोले के दुलारे,
रखे भक्तो की लाज काज बिगड़े सवारे,
अन धन ज्ञान मान से वो भरते भंडारे,
तेरा नाम सरल जो भी मन से पुकारे,
बिन मांगे लख्खा पाए मुंह माँगा तुमसे दान,
गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
करता है सबसे पहले पूजा तेरी जहान,
गौरी के लाडले महिमा तेरी महान,
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GIRIJA KE LADLE - GORI KE LADLE गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान
न जाने कौन से गुण पर दया निधि
प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर प्रभु को नियम बदलते देखा .
अपना मान भले टल जाये भक्त मान नहीं टलते देखा ..गजानन पधारो आसन सम्हारो-Gajanan Padharo Aasan Samharo
गजानन पधारो आसन संभालो
करूं वंदना मेरी और निहारो.....
गजानन पधारो आसन संभालो....2
रिद्धि और सिद्धि दाता दासी तुम्हारी....
सदा सिंघवाहिनी शक्ति माता तुम्हारी ......
नीलकंठ गंगाधर जग को सहारो....
गजानन पधारो आसन सम्हारो....
अंधों को आँख देते कोढ़िन को काया...
स्वामी गणों के बन के गणपति कहाया.....
लडुअन के भोग दाता लगे तुमको प्यारा....
गजानंद पधारो आसन संभालो.....
विघ्नों को विघ्नों को हरने वाले मंगल कराओ....
भक्ति से स्वामी अपने दया बरसाओ.....
भटकी हुई नैया तुम पार लगाओ....
गजानन पधारो आसन संभालो
करू वंदना मेरी ओर निहारो
गजानन पधारो आसन सम्हारो
SHIV KE PYARE GANESH शिव के प्यारे गणेश
शिव के प्यारे गणेश, काटो विघन कलेश.
मेरे अंगना पधारो मैं तर जाऊंगा...
इक दया की नजर आप करदो इधर .
मेरी बिगड़ी सुधारो मैं तर जाऊंगा...
रिद्धि सिद्धि के दाता कहें आपको .
ज्ञान बुद्धि विधाता कहें आपको ...
कर के मूषे सबारी चले आइये .
मेरा नर तन सँवारो, मैं तर जाऊंगा ....
चार मौदक के लड्डू चढ़ायें तुम्हें .
सारे देवों से पहले मनायें तुम्हें ...
नाम सुमरन करें शीश चरनन धरें .
पार भव से उतारो मैं तर जाऊंगा .....
आपके दर पे जो भी सवाली आया .
आज तक कोई दर से न खाली गया .....
मैं हूँ पापी अधम, है शरण में पदम्.
गीत मेरे निहारो, मैं तर जाऊंगा ........
MERE RASHKE QAMAR
VEENA VALI MA SHARE वीणा वाली माँ शारदे वीणा तुम बजा देना
वीणा वाली माँ शारदे वीणा तुम बजा देना
मैया अपनी वीणा से जरा रस बरसा देना
श्वेत वसन वाली है,हंस की सवारी है
प्रेम भरे आँचल को मुझी पे उढा देना
तू जग से न्यारी है जग तेरा पुजारी है
प्रेम भाव से सब रहें ऐसा ज्ञान दे जाना
स्वर का तो ज्ञान नही,लय का ठिकाना नही
संगीत सागर से स्वर सुधा पिला देना
तुम से मेरी अर्जी है,आगे तेरी मर्जी है
अंधकार मिट जाए ज्ञान का प्रकाश देना
तुम तो ठहरे परदेसी धुन पर वंदना
SABSE PAHE TUMHE . सबसे पहले तुम्हे मनाऊँ,
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान
HE GAJANN AAPKI DARKAR हे गजानन आपकी दरकार है
दिल के अरमां आंसुओ में बह गए
RIDDHI SIDHI KE DATA रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति, MERE RASHE KAMAR
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आरती अतिपावन पुराण की | धर्म - भक्ति - विज्ञान - खान की || टेक || महापुराण भागवत निर्मल | शुक-मुख-विगलित निगम-कल्ह-फल || परम...
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नन्द के द्वार मची होली सूरदास जी की दृष्टि में कुँवर कन्हैया की होली कैसी है ? बाबा नन्द के द्वार पर होली की धूम है। एक ओर पाँच वर्ष के...