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BANWARI TERI YARI NE - DIWANA BANA DIYA MASTANA BANA DIYA-बनवारी तेरी यारी ने, दीवाना बना दिया


 

दीवाना बना दिया हमे, मस्ताना बना दिया

दीवाना बना दिया हमे, मस्ताना बना दिया
बनवारी तेरी यारी ने, दीवाना बना दिया

भूल गई सुध बुध अपनी, बे-सुध सी हो गई,
अपने ही घर में रह कर, बेघर सी हो गई
तुम्हे शमा , बना के दिल अपना, परवाना बना दिया
बनवारी तेरी यारी ने...........

तेरी पायल का बन घुंघरूं, नाचूंगी संग मैं,
छोड़ रंग दुनियाँ के रंग गई, तेरे ही रंग में
तुम्हे बना के, मथुरा और खुद को, बरसाना बना दिया
बनवारी तेरी यारी ने............

कुछ भी कहे ज़माना, अब कोई परवाह नहीं,
धन दौलत और शोहरत की, अब मुझ को चाह नहीं
क्या करूँ  कांच के टुकड़ों का, मैंने हीरा पा लिया,
बनवारी तेरी यारी ने........

तुम जो प्रेम पतंग बनो, बन जाऊँगी डोर मैं,
उड़ती फिरूं गगन में संग संग, चारों ओर मैं
कहे किशन ,तेरी पद रैनू ने, जग बंधन छुड़ा लिया,
बनवारी तेरी यारी ने.............

 

VRINDAVAN JAUNGI- MERE UTHE VIRAH - मेरे उठे विरह की पीर

 सब द्वारन को छोड़ के,

श्यामा आई तेरे द्वार,
श्री वृषभान की लाड़ली,
मेरी और निहार।

मेरे उठे विरह में पीड़,
सखी वृन्दावन जाउंगी,
मुरली बाजे यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।

श्याम सलोनी सूरत पे,
दीवानी हो गई,
अब कैसे धारू धीर सखी,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।

छोड़ दिया मेने भोजन पानी,
श्याम की याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।

इस दुनिया के रिश्ते नाते,
सब ही तोड़ दिए,
तुझे कैसे दिखाऊं दिल चिर,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।

नैन लड़े मेरे गिरधारी से,
बावरी हो गई,
दुनिया से हो गई अंजानी,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।

मेरे उठे विरह में पीड़,
सखी वृन्दावन जाउंगी,
मुरली बाजे यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।