तर्ज

*किसी से उनकी मंज़िल का*

* लगन तुमसे लगा बैठे *

बनो इतने न निर्मोही, दया सागर कहाते हो

सभी कष्ट हरते हो, हमे फ़िर क्यों सताते हो


जो दोगे दर्श निज जन को, तुम्हारा हर्ज क्या होगा

न आते जो बुलाने से,

मुझे इतना रुलाते हो


*बनो इतने न निर्मोही.....*

इसी चिंता में रहता हूं,

तुम्हे किस तरह पाऊँ।।

घनश्याम तुम्हारे मिलने को

जीवन की बाजी लगा चुके

तुम मानो या न हमे मानो

हम तुमको अपना बना चुके


यदि दुर्गति प्रभु मेरी होगी

अपकिरत भी तेरी होगी

क्योकि....

हम नन्द सुवन गोपाल के हैं

यह बात जगत को बता चुके

इसी चिंता में रहता हूँ

तुम्हें मैं किस तरह पाउ


पुकारूँ तुमको, जिसे सुन दौड़े आते हो

बनो इतने निर्मोही दया सागर कहाते हो

करोगे राम के मन की ,

घड़ी वह कौन आवेगी,

करोगे राम के मन की

मिलोगे कब जनै मोहन

मुझे तुम बहुत भाते हो


*बनो इतने न निर्मोही

दया सागर कहाते हो*

करो मन चलने की तैयारी।

दोहा 

जाते नहीं है कोई 

दुनिया से दूर चलके 

आ  मिलते है  सब यही पर 

कपड़े बदल बदल के 



 करो मन चलने की तैयारी।
आये हो तो जाना होगा,
शाश्वत नियम निभाना होगा।
सूरज रोज़ किया करता है,
ढ़लने की तैयारी।


स्वप्न सभी रह गए अधूरे,
जाने कौन करेगा पूरे।
कालबली सम्पन्न कर चुका,
छलने की तैयारी।


हमसे कोई तंग न होगा,
महफ़िल होगी रंग न होगा।
गंगा के तट धू-धू करके ,
जलने की तैयारी।
करो मन चलने की तैयारी।


 मुंदरी उरझि गई राधिका की लट बीच,

ढूंढत फिरत स्याम, अपनी मुंदरिया।

ललिता ने पाय लई, मुंदरी सहेज लई,
स्याम जू को जाय दई, हीरे की मुंदरिया।
बोली इठलाय कछू भेंट तो निकारो, स्याम
बोले स्याम, चूमि लेव, मोरी या अंगुरिया।
चूमत हंसत जात, 'ललिता' कहत जात,
राम करे खोय जाय, तोरी या बंसुरिया॥

 राम सृष्टा भी है राम सृष्टि भी है

राम दृष्टा भी है और दृष्टि भी है राम एकांत है राम महफिल भी है राम रस्ता भी है राम मंजिल भी है राम जीवन भी है राम मुक्ति भी है राम है खोज भी राम युक्ति भी है राम मनहर भी है और मनस्वी भी है राम राजा भी है और तपस्वी भी है.

 मोहे ब्रज की धुल बना दे,

लाड़ली श्री राधे,लाड़ली श्री राधे,
स्वामिनी श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे

मैं साधन हिन किशोरी जी,
दीनन में दीन किशोरी जी,
दीनन में दीन किशोरी जी,
मेरे सोये भाग्य जगा दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे

अज्ञानी अभागिन हूँ दासी,
अखियाँ दर्शन को है प्यासी,
अखियाँ दर्शन को है प्यासी,
मेरी नैनो की प्यास बुझा दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे

जैसी भी हूँ मैं तुम्हारी हूँ,
करुणा की मैं अधिकारी हूँ,
करुणा की मैं अधिकारी हूँ,
मीरा गोपाल मिला दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे

जो राधे राधे कहते है,
वो प्रिया शरण में रहते है,
वो प्रिया शरण में रहते है,
उसे अपना भक्त बना दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे।।

AAJ PARDA HATA DO आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,

आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,

 दोहा- छुपाए किस लिए हो तुम रूखे रुख़सार पर्दे में

नही पीता है चंचल शरबते दीदार पर्दे में 

बहुत अब हो चुका साज़ ओर सृंगार पर्दे में

रहोगे कब तलक सांवरे सरकार पर्दे में


आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,

मैं तुम्हे देख लूँ, तुम मुझे देख लो,

देखते देखते,उम्र जाए गुजर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।


मोर के पंख वाला,पहन लो मुकुट,

थाम लो हाथों में,रस भरी बांसुरी,

आज जलवा दिखाते,रहो रात भर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।


ये शरद पूर्णिमा की,चटक चांदनी,

और बंसी की मीठी,मधुर रागनी,

सारी दुनिया से,हो जाऊं मैं बेखबर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।


प्यारे जु प्यारी जु का भी,यूँ साथ हो,

उससे बढ़कर भला,कोई क्या बात हो,

धन्य हो जाऊं,जोड़ी युगल देखकर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।


मैं नहीं चाहता,लोक की सम्पदा,

मैं नहीं चाहता,मुझको ध्रुव पद मिले,

आज चंचल मिले बस,नज़र से नज़र,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।। 


आज पर्दा हटा दो, 

कन्हैया कुंवर,मैं तुम्हे देख लूँ,

तुम मुझे देख लो,

देखते देखते,उम्र जाए गुजर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।



हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊँ

 हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊँ


हे प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ,
माया के बंधनो से,
छुटकार कैसे पाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

ना जानु कोई पुजन,
अज्ञानी हुँ मैं भगवन,
करना कृपा दयालू,
इसे कैसे मैं दिखाऊं,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

मैं हुँ पतित स्वामी,
तुम हो पतित पावन,
अवगुण भरा ह्रदय है,
इसे कैसे मैं दिखाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

अच्छा हूँ या बुरा हूँ,
जैसा भी हूँ तुम्हारा,
ठुकराओ ना मुझे अब,
चरणों में सिर झुकाऊं,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

हे प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ,
माया के बंधनो से,
छुटकार कैसे पाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

umrbhar barsana me rahu //वृंदावन मे बसा लिजीये //दर्दे दिल की दवा दीजिए // उम्र भर बरसाना


दर्दे दिल दवा दीजिये,

हाय मेरा दिल मेरा दिल दिल दिल 

श्याम मेरा दिल मेरा दिल दिल दिल,

दर्दे दिल मेरे बाबा की दवा दीजिये,

कम से कम मेरे साई मुस्कुरा दीजिये 

उम्र भर बरसाना मैं रहूँ 

कोई ऐसी सजा दीजिए 

मेरा दिल आपका घर हुआ मेरे बाबा जी,

 आते आते जाते रहा कीजिये,

ज़ख़्म दुनिया ने मुझको दिए मेरे बाबा,

आप मरहम लगा दीजिये ,

क्या सही क्या गलत, क्या पता, मैं क्या जानू,

आप ही फैसला कीजिये,

आंधियो में जो न भुझ  सके मेरे बाबा,

ऐसा दीपक जला दीजिये,

एक समंदर ये कहने लगा बाबा से,

मुझको मीठा बना दीजिये,

एक होकर रहे सारे बाबा 

ऐसा भारत बना दीजिए ॥ 

कुछ भी  देना हो मारे मालिक 

मेरे हक मे दुआ कीजिए 

आप के नाम से नाम हो मेरे प्यारे 

ऐसी  शोहरत ''हम'' को अदा कीजिये,

चलो तुम तोड़ दो ये दिल

 चलो तुम तोड़ दो ये दिल....

....................................................................

तुम्हे  लगता  है  अश्कों  की  घटाएँ  अब  नहीं होंगी,

ग़लतफहमी  तुम्हारी  है   ख़तायें   अब   नहीं  होंगी,

कोई ज़ालिम  मुहब्बत  मे तुम्हे  जब   छोड़  जायेगा,

तुम्हे   बर्बादियों    के    रास्ते    पर    मोड़   जायेगा,


करोगे याद उस दिन तुम मगर होंगे न  हम   हासिल,

चलो तुम तोड़ दो ये दिल, चलो तुम तोड़ दो ये दिल,


हमारे साथ जब तक थे  तुम्हे  ग़म  छुल   नहीं पाए,

मगर अफ़सोस तुम इन धड़कनों  में घुल  नहीं पाए,

मेरा  चेहरा  तुम्हारे  सामने  अब  जब  भी  आएगा,

भले  ख़ामोश   होंगे  लब  मगर  दिल  मुस्कुरायेगा,


लो कर दो  क़त्ल  मेरा है इजाज़त  ऐ  मेरे  क़ातिल,

चलो तुम तोड़ दो …… …… … … … ...... .. …....।


चलो  अब  जा  रहा  हूं  मै तुम्हारी छोड़ कर दुनिया,

नहीं  मैं  लौट  पाऊंगा  तकोगी   तुम  फकत  रस्ता,

तुम्हारे  ज़ख्म  पर  भरने  कोई  मरहम  न  आएगा,

मेरे  जैसा  तुम्हारा  अब  कोई   हमदम  न  आयेगा,


तुम्हे   हर पल लगेगी  अब तुम्हारी सांस ये बोझिल,

चलो तुम तोड़ दो ..................................…।


          ✍️ आशीष कविगुरु

किसी से दिल लगाने की जरूरत क्या है

 किसी से दिल लगाने की जरूरत क्या है ?
समंदर में आग लगाने की जरूरत क्या है?


सच्चा राज़दार कहां मिलता है जमाने में।
सब को राज़दार बनाने की जरूरत क्या है?

हर बात से ता' अल्लुक रखते क्यों हो?
बेवजह गहराई में जाने की जरूरत क्या है?

न उसने समझा है तुम्हें न कभी समझेगा।
उससे मोहब्बत जताने की जरूरत क्या है?

कोई किसी का ग़म-ख़्वार नहीं होता'ओम'।
दर्दे-दिल सबको बताने की जरूरत क्या है?

कोई नहीं बदलता है किसी के चाहने से।
बे-वजह दिमाग लगाने की जरूरत क्या है?

KHUB SURAT HAI ANKHE TERI //खूबसूरत हैं आंखे तेरी सांवरे

खूबसूरत हैं आंखे तेरी सांवरे इक नज़र देख ले,

खुद वखुद नींद आ जाएगी प्यार से तू जरा देख ले,

दिल की गहराइयों ने छुआ है,
सांवरे इश्क(प्यार ) तुमसे हुआ है,
मेरे इस दिल में चाहत तेरी कर गई क्या असर देख ले,
खुद वखुद नींद आ जाएगी प्यार से तू जरा देख ले,

द्वार तेरे पे  आना हुआ है,
मेरा दिल ये  दीवाना हुआ है,
मर गए हम अदा पे  तेरी तुझको कुछ ना खबर देख ले,
खुद वखुद नींद आ जाएगी प्यार से तू जरा देख ले,

दुनिया तेरी अदा पे मरी है,
कैसी नज़रों में जादूगरी है,
तेरे बिन है अधूरा मेरा ज़िन्दगी का सफर देख ले,
खूबसूरत हैं आंखे तेरी सांवरे इक नज़र देख ले,  

PARWAH NAHI HE MERA YAR//परवाह नही है मेरा यार,मुरली वाला है

एक बार अयोध्या जाओ,दो बार द्वारिका

तीन बार जाकर त्रिवेणी में नहाओ

चार बार चित्रकूट नौ बार नासिक में

बार बार बद्रीनाथ चाहे जहाँ जाओ

कोटि बार काशी  केदार नाथ रामेश्वर

गया जगन्नाथ चाहे जहां जाओगे

होंन्गे प्रत्यक्ष तुम्हें दरश श्यामा श्याम के

वृन्दावन सा कहीं आनंद नही पाओगे


इसी ने ही पाला मुझको,इसी ने सम्हाला है

परवाह नही है मेरा यार,मुरली वाला है

मुझे हर मुसीबत से बाहर निकाला है

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है

इसी ने ही पाला मुझको 

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है

करुणा मई करुणा सब बहती  माया है

मिट्टी था मैं तो मुझको चंदन बनाया है

अंधेरो को भी मेरे उजालों में ढाला है

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है

मुझे हर मुसीबत से बाहर निकाला है

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है


मतलब की है ये दुनिया खूब आजमाया है

मुसीबत में भी मेरे श्याम काम आया है

सांस सांस सिमरे  तेरे नाम की ही माला है 

मुझे हर मुसीबत से बाहर निकाला है

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है

JAB SE BANKE BIHARI HAMARE HUYE // जब से बांके बिहारी हुमारे हुए

जब से बांके बिहारी हुमारे हुए

कवित्त 

हम एसे नहीं तुम्हें चाहने वाले 
जो आज तुम्हें कल ओर को चाहें ॥ 
फेंक दें आख निकाल दोई  ....
जो ओर किसी से नजरें मिलाएं ॥ 
लाख मिलें तुम से बढ़कर .....
तुम्ही को ही चाहें तुम्ही को सराहें 
जब लों तन मे प्राण रहें,  तव लों  हम प्रीत को नातों निभाएं 

जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए,
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,

बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...

अब कही देखने की ना ख्वाइश रही, 
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही, 
 जबसे वो मेरी, नज़रो के तारे हुए, 2
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए,

वो एक नज़र सा डाल के जादू सा कर गये, 
नज़रे मिला के मुझसे ना जाने किधर गये,


दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ............. हे बाँके बिहारी .........
दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ......2 

 सवैया- 
ये अग्नि तुम्हारी लगाई हुई ,तेरे  बिन अब बुझाएगा कोन  
परिवार जनों से नाता तजा ,उनमे  हमको अपनाएगा कोन 
श्री कृष्ण अनाथन को तज के ,दुखियों पर दया दिखाएगा कोन 
ब्रिजराज तुम्हारे बिना हमको , अब अधराम्रत  पान कराएगा कोन ॥ 

दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ......2 
यह दर्द भी उन्ही के  नजारे हए 
जो कुच्छ भी यह दौलत है,
वो तेरी ही बदोलत है, प्यारे
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए

कविता

 कितना अच्छा हो

जो मैं उसका तकिया

बन जाऊँ

उसकी हर साँस 

को महसूस कर पाऊँ

उसकी हंसी सुन पाऊँ

उसके अश्को को

समा लूँ खुद मैं

कभी उसकी बाहो में 

महफूज हो जाऊं

कभी उसके होंठो की

नरमी को महसूस कर पाऊँ

कितना अच्छा हो…


कितना अच्छा हो 

जो मैं हवा बन जाऊँ

जब भी मन करे

उसे अपनी गिरफ्त में

ले कर कस लूँ

जो कभी वो कांप जाए

उसे अपनी गर्माहट का

एहसास करा पाऊँ

जो कभी वो बेचैन

हो जाए

उसे अपनी

शीतलता दूँ

कितना अच्छा हो…


कितना अच्छा हो

जो मैं एक दरख्त 

हो जाऊं

मुझ पर बांधे

वो अपनी मन्नतो

का लाल धागा

कर ले आलिंगन मेरा

और मिल जाए मुझमे

जो हो जाए पूरी 

उसकी हर आस

फिर आए वो 

उस लाल धागे को

अपनी उंगलियों से खोलने

कितना अच्छा हो..


कितना अच्छा हो 

जो मैं एक मूरत बन जाऊँ

मुझमे ढूंढे वो अपने

इष्ट को

हर बार मेरे सजदे

में झुक जाए

रोज निहारे वो मुझे

रोज सँवारे मुझे

दूध ,दही रोज

मुझको भोग लगाएं

मेरी आँखों मे ढूंढे वो

अपने सारे जवाब

कितना अच्छा हो मैं

कृष्ण हो जाऊं

कितना अच्छा हो 

वो मेरी  बाँसुरी हो जाए ।


मीनाक्षी पाठक

आ जइयो श्याम बरसाने में

 आ जाइयो श्याम बरसाने गाँव


तोये होरी खूब खिलाय दूँगी


होरी को मजा चखाय दूँगी-2


संग लाइयो ग्वालन की टोली


सब छैल छबीले हम जोली


पीरो पटुका पगिया पीरो पीरी पोखर न्हवाय दूँगी, होरी को……


पहराय दऊँ लहँगा अरू चोली


निधरक खेलेगें हम होरी


चुरिया विछिया काजर बिदिंया पामन पायल पहराये दूँगी, होरी को…….


मेरी गली रँगीली अति प्यारी


होरी खेले श्यामा प्यारी


जब चले दुहत्था लट्ठ श्याम तोहे नानी याद दिलाय दूँगी, होरी को….


आय जइयो प्राणन के प्यारे


सखियन के नैनन के तारे


चित्रा संग सखिया विनय करै हियरा में तोहे बसाय लूँगी, होरी को…..

मालिक के दरवार में//MALI KE DARWAR ME SAB

 मेरे दाता के दरबार में, है सब का खाता

जितना जिसके लिखा भाग्य में, वो उतना ही पाता

रे पाता मेरे मालिक के दरबार मे रे

मेरे दाता के दरबार में

क्या साधू कया संत गृहस्थी, क्या राजा क्या रानी

प्रभु की पुस्तक में लिखी है, सब की कर्म कहानी

वही सभी के जमा खरच का सही हिसाब लगाता

लगाता मेरे मालिक के दरबार मे रे

मेरे दाता के दरबार में, हैं सब का खाता…

बड़े कड़े कानून प्रबु के बड़ी कड़ी मर्यादा

किसी को कोडी कम नही देता किसी को दमड़ी ज्यादा

इसलिए वो इस दुनिया का नगर सेठ कहलाता

कहलाता मेरे मालिक के दरबार मे रे

मेरे दाता के दरबार में, हैं सब का खाता…

करते हैं इन्साफ फैसले, प्रभु आकर के डट के

इनका फैसला कभी ना बदले, लाख कोई सर पटके

समझदार तो चुप रह ता हैं, मुर्ख शोर मचाता

मचाता मेरे मालिक के दरबार मे रे

मेरे दाता के दरबार में, हैं सब का खाता…

आछि करनी करो चतुरजन, कर्म ना करियो काला,

हज़ार आंख से देख रहा है, तुझे देखने वाला,

सूरदासजी युंह कहते है, समय गुजरता जाता

रे जाता मेरे मालिक के दरबार मे रे

मेरे दाता के दरबार में, हैं सब का खाता…

RACHA HE SHRISTI KO // रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये सृष्टि चला रहे है,
जो पेड़ हमने लगाया पहले,
उसी का फल हम अब पा रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये सृष्टि चला रहे है

इसी धरा से शरीर पाए,

इसी धरा में फिर सब समाए,
है सत्य नियम यही धरा का,
है सत्य नियम यही धरा का,
एक आ रहे है एक जा रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

 
जिन्होने भेजा जगत में जाना,
तय कर दिया लौट के फिर से आना,
जो भेजने वाले है यहाँ पे,
जो भेजने वाले है यहाँ पे,
वही तो वापस बुला रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

बैठे है जो धान की बालियो में,
समाए मेहंदी की लालियो में,
हर डाल हर पत्ते में समाकर,
हर डाल हर पत्ते में समाकर,
गुल रंग बिरंगे खिला रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये सृष्टि चला रहे है,
जो पेड़ हमने लगाया पहले,
उसी का फल हम अब पा रहे है,
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,
वही ये सृष्टि चला रहे है ॥ 

 

बिन पिये नशा हो जाता है भोले

 

बिन पिये नशा हो जाता है जब सूरत देखू भोले की लिरिक्स 


बिन पिये नशा हो जाता है
जब सूरत देखू भोले की
उसके शीश पे चंदा विराज रह्या
चंदा की चांदनी में खो जाऊ
जब सूरत देखू भोले की
बिन पिये नशा हो जाता है
जब सूरत देखू भोले की
उसके गले में नाग विराज रह्या
नागा की लहर में खो जाऊ
जब सूरत देखू भोले की
बिन पिये नशा हो जाता है
जब सूरत देखू भोले की
उसके हाथ में डमरू विराज रह्या
डमरू की ताल में खो जाऊ
जब सूरत देखू भोले की
बिन पिये नशा हो जाता है
जब सूरत देखू भोले की
उसके पैरो में घुंघरू विराज रहे
घुंघरू की ताल में खो जाऊ
जब सूरत देखू भोले की
बिन पिये नशा हो जाता है
जब सूरत देखू भोले की

बिन पिये नशा हो जाता है// BIN PIYE NASHA HO JATA HAI

बिन पिये नशा हो जाता है

जो राधे राधे गाता  है

बिन पिये नशा हो जाता है
जब सुरत देखू मोहन की

मनमोहन मदन मुरारी है
जन जन का पालनहारी है
एह दिल उस पर ही आता है
जब.......

घुंघराली लट मुख पर लटके
कानो में कंडल है छलके
जब मन्द मन्द मुस्काता है
जब.......

अंदाज़ निराले है उनके
दुख दर्द मिटाये जीवन के
मेरा रोम रोम हर्षाता है
जब........

वानी में सरस विवार सरल
आंखो में है अंदाज़ उमंग
आनन्द नन्द बरसाता है
जब........

मेरे नैना लड़गये

नैना लड़ गए मेरे कुंज बिहारी से

उन्ही से नैना लड़ गए

मोरे नैना लड़ गये, हाय जी लड़ गए

नैना लड़ गए मेरे कुंज बिहारी से.....

बांके बिहारी से, कुञ्ज बिहारी से, रास बिहारी से,

मेरे नैना लड़ गए, हाय रे मेरे नैना लड़ गए।
नयना लड़ गए मेरे कुंज बिहारी से, उन्ही से नैना लड़ गए।
नैना लड़ गए, लड़ गए, लड़ गए,
मेरे नैना लड़ गए, हाय रे मेरे नैना लड़ गए॥

छवि देखि ऐसी वृन्दावन,
प्यारो रसिया मेरो मन भावन।
फ़ास्ट
मोर मुकुट पे अड़ गए,
यह तो अड़ गए, अड़ गए, अड़ गए,
मेरे नैना लड़ गए, हाय रे मेरे नैना लड़ गए॥

उन्ही से नैना लड़ गए

मोरे नैना लड़ गये, हाय जी लड़ गए

नैना लड़ गए मेरे कुंज बिहारी से.....

बांके बिहारी से, कुञ्ज बिहारी से, रास बिहारी से,


नयनो  में मेरे तेरी सूरत समाई,
कैसे भूली जाए श्याम, तेरी याद आई।
फ़ास्ट
बंसी के पीछे पड़ गए,
यह तो पड़ गए, पड़ गए, पड़ गए
मेरे नैना लड़ गए, हाय रे मेरे नैना लड़ गए॥

ऐसा क्यूँ प्यारे मुझपे जादू घेरे,
मोटे मोटे नयना तेरे, छोटे छोटे नयना मेरे।
फ़ास्ट
फिर भी ना जाने क्यूँ लड़ गए,
यह तो लड़ गए, लड़ गए, लड़ गए,
मेरे नैना लड़ गए, हाय रे मेरे नैना लड़ गए।

वो मेरे राम हैं //o mere ram hai

 तर्ज - 

Jo bhi kasme khai thi hamne 

क्या तुम्हें याद है....

हनुमत के दिल के पास है

भाई भरत के खास है

एक पल में भक्तों का हर लेते है कष्ट सारा......

वो मेरे राम हैं.......

गुरु विश्वामित्र संग जाके, तड़का मार दिए।

चरण से छूकर नारी अहिल्या को तार दिए।

छण में धनुष को तोड़ा  है

सीता से नाता जोड़ है

जिनके स्वरूप को देख के कामदेव हारे.....

वो मेरे राम है.....

चौदह बरस बनवास को जाना स्वीकार किये।

पुरुषों में उत्तम हो गए ऐसा वो काम किये।

हनुमत लखन के साथ मे धर्म ध्वजा ले हाथ में

युद्ध मे जिसने लंकापति को मारा....

वो मेरे राम हैं

हे आर्य पुत्रो

तर्ज- है जिंदगी कितनी खूबसूरत

हे आर्य पुत्रों, हे राम भक्तों

तुम्हे अयोध्या बुला रही है
दमक रहा है, श्री राम मंदिर
दिवाली सी जगमगा रही है


बङी खुशी का दिन आज आया
राम लैला ने है मान पाया
हे आर्य पुत्रों हे राम भक्तों
तुम्हे अयोध्या बुला रही है


ध्वाजा, सनातन ले राम टोली
वचन को अपने निभा रही है –
हे आर्य पुत्रों, हे राम भक्तों
तुम्हे अयोध्या बुला रही है


हजारों सालो की चिर प्रतिक्षा

सफल हुई भक्तो की तपस्या

अवधपुरी की धरा मगन हो
जय जय श्री राम गा रही है
हे आर्य पुत्रों, हे राम भक्तों ।
तुम्हे अयोध्या बुला रही है


जो कार सेवक थे उनका वन्दन

सभी के माथे पे आज चन्दन

हनुमान गढी कनक भवन को
सरयू मैया लुभा रही है।
हे आर्य पुत्रो हे राम भक्तों
तुम्हे अयोध्या बुला रही है

दमक रहा है, श्री राम मंदिर
दिवाली सी जगमगा रही है

सुंदर कांड धुन

 कितना प्यारा है वो चेहरा जिसपे हम मरते है

तू धरती पे चाहे जहां भी रहेगी

इश्क़ में एक पल की भी जुदाई

शुरू हो रही है प्रेम कहानी

राधे राधे बोल श्याम आएंगे

मेरे मस्त मस्त नैन

कौन दिशा के लेके चला रे 

झील मिल सितारों का आंगन होगा

चिट्ठी आयी है आयी है

सुध ले लो मेरी घनश्याम

हम तुम्हे इतना प्यार करेंगे

मुबारक हो तुमको ये शादी तुम्हारी




 कन्हैया ने कहा राधा,बता तू किसकी रानी है

बुरा है हाल  तेरा, शर्म से क्यो पानी है

क्रोध आया तो  राधा ने कहा ,सुन चोर माखन के।

मैं उसकी हूँ दीवानी.... जिसकी ये दुनिया दीवानी है!!

JAB BHI MILTE HAI //जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं

 हम तेरे शहर में आये है- गज़ल

जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं

हम तो मौसम की तरह रोज़ बदल जाते हैं


हम अभी तक हैं गिरफ़्तार-ए-मुहब्बत यारो

ठोकरें खा के सुना था कि सम्भल जाते हैं


ये कभी अपनी जफ़ा पर न हुआ शर्मिन्दा

हम समझते रहे पत्थर भी पिघल जाते हैं


उम्र भर जिनकी वफ़ाओं पे भरोसा किये

वक़्त पड़ने पे वही लोग बदल जाते हैं


लाख दुश्मन ही सही मिलके तो देखो एक बार।

प्यार की आंच से ,पत्थर भी पिघल जाते है


बेहुनर शख्स से मिलकर, ये एहसास हुआ

खोटे सिक्के भी तो,बाज़ार में चल जाते हैं।।


ठोकरें खाके न सम्हला तो, ये तेरी क़िस्मत

लोग तो एक ही ठोकर में सम्हल जाते हैं।।


जब भी मिलते है तो कतरा के निकल जाते है

NAM MERI RADHA RANI//नाम मेरी राधा रानी का


 

नाम मेरी राधा रानी का जिस जिस ने गाया है,
बांके बिहारी ने उसे अपना बनाया है,
जय राधे, जय राधे, जय श्री कृष्ण बोलो जय राधे….

नाम मेरी राधा रानी का, सदा देता सहारा है,
तू भी एक बार जप ले, यह नाम बड़ा प्यारा है,
जय राधे, जय राधे, जय श्री कृष्ण बोलो जय राधे….

राधा राधा नाम वाली, फेरी जिसने माला है,
उस पर रीझ गया, मेरा मुरली वाला है,
जय राधे, जय राधे, जय श्री कृष्ण बोलो जय राधे….

राधा राधा नाम का तो, हुआ पागल जमाना है,
प्यारा तीनों लोको से, श्री जी का बरसाना है,
जय राधे, जय राधे, जय श्री कृष्ण बोलो जय राधे….

राधा राधा नाम वाली चढ़ गई हमें मस्ती है,
‘चित्र विचित्र’ पे कृपा राधा रानी की बरसती है,
जय राधे, जय राधे, जय श्री कृष्ण बोलो जय राधे….