JAB SE BANKE BIHARI HAMARE HUYE // जब से बांके बिहारी हुमारे हुए

जब से बांके बिहारी हुमारे हुए

कवित्त 

हम एसे नहीं तुम्हें चाहने वाले 
जो आज तुम्हें कल ओर को चाहें ॥ 
फेंक दें आख निकाल दोई  ....
जो ओर किसी से नजरें मिलाएं ॥ 
लाख मिलें तुम से बढ़कर .....
तुम्ही को ही चाहें तुम्ही को सराहें 
जब लों तन मे प्राण रहें,  तव लों  हम प्रीत को नातों निभाएं 

जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए,
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,

बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...

अब कही देखने की ना ख्वाइश रही, 
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही, 
 जबसे वो मेरी, नज़रो के तारे हुए, 2
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए,

वो एक नज़र सा डाल के जादू सा कर गये, 
नज़रे मिला के मुझसे ना जाने किधर गये,


दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ............. हे बाँके बिहारी .........
दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ......2 

 सवैया- 
ये अग्नि तुम्हारी लगाई हुई ,तेरे  बिन अब बुझाएगा कोन  
परिवार जनों से नाता तजा ,उनमे  हमको अपनाएगा कोन 
श्री कृष्ण अनाथन को तज के ,दुखियों पर दया दिखाएगा कोन 
ब्रिजराज तुम्हारे बिना हमको , अब अधराम्रत  पान कराएगा कोन ॥ 

दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ......2 
यह दर्द भी उन्ही के  नजारे हए 
जो कुच्छ भी यह दौलत है,
वो तेरी ही बदोलत है, प्यारे
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए

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