वो मेरे राम हैं //o mere ram hai

 तर्ज - 

Jo bhi kasme khai thi hamne 

क्या तुम्हें याद है....

हनुमत के दिल के पास है

भाई भरत के खास है

एक पल में भक्तों का हर लेते है कष्ट सारा......

वो मेरे राम हैं.......

गुरु विश्वामित्र संग जाके, तड़का मार दिए।

चरण से छूकर नारी अहिल्या को तार दिए।

छण में धनुष को तोड़ा  है

सीता से नाता जोड़ है

जिनके स्वरूप को देख के कामदेव हारे.....

वो मेरे राम है.....

चौदह बरस बनवास को जाना स्वीकार किये।

पुरुषों में उत्तम हो गए ऐसा वो काम किये।

हनुमत लखन के साथ मे धर्म ध्वजा ले हाथ में

युद्ध मे जिसने लंकापति को मारा....

वो मेरे राम हैं

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