वीणा वाली माँ शारदे वीणा तुम बजा देना
मैया अपनी वीणा से जरा रस बरसा देना
श्वेत वसन वाली है,हंस की सवारी है
प्रेम भरे आँचल को मुझी पे उढा देना
तू जग से न्यारी है जग तेरा पुजारी है
प्रेम भाव से सब रहें ऐसा ज्ञान दे जाना
स्वर का तो ज्ञान नही,लय का ठिकाना नही
संगीत सागर से स्वर सुधा पिला देना
तुम से मेरी अर्जी है,आगे तेरी मर्जी है
अंधकार मिट जाए ज्ञान का प्रकाश देना
तुम तो ठहरे परदेसी धुन पर वंदना
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