Attitude Shayari In Hindi

1. ज़मीं पर रह कर आसमान छूने की फितरत है मेरी,
पर गिरा कर किसी को उपर उठने का शौक नहीं मुझे।

2.दुश्मनो को सजा देने की एक तहजीब है मेरी,
मै हाथ नहीं उठाता बस नजरों से गिरा देता हूँ।

3.अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,
जिनकी हमे छुने की औकात नहीं होती।

4.अभी कांच हूँ इसलिए दुनिया को चुभता हूँ,
जब आइना बन जाऊंगा पूरी दुनिया देखेगी।

5.अभी मुट्ठी नहीं खोली हैं मैंने आसमान सुन ले,
तेरा बस वक़्त आया है मेरा तो दौर आयेगा।

6.ज़िंदगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते,
कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िंदगी देकर

7. भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं हैं मेरा,
बल्कि भीड़ जिसके लिए खडी है वो बनना है मुझे

8.अभी तो हम मैदान में उतरे भी नहीं,
और लोगों ने हमारे चर्चे शुरू कर दिये!!

9.जब से मुझे पता चला है कि मेरा आत्मविश्वास मेरे साथ है,
तबसे मैने ये सोचना बंद कर दिया कि कौन मेरे खिलाफ है!!

10.ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहे हैं वो जिसे हासिल नहीं हैं हम।

11.गम ए हयात परेसान न कर सकेगा मुझे,
के आ गया हैं हुनर मुझको मुस्कुराने का।

12.अंजाम की परवाह होती तो,
हम मोहब्बत करना छोड़ देते,
मोहब्बत में तो जिद्द होती है,
और जिद्द के बड़े पक्के हैं हम!! 

13.शायरीयो का बादशाह हूँ और कलम मेरी रानी है,
अल्फाज़ मेरे गुलाम है, बाकी रब की महेरबानी है

14. चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये,
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये

15.चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये,
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये

16.अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो,
मैं खुद ही लौट जाऊंगा मुझे नाकाम होने दो,
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूढ़ते क्यों हो,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो।

17.मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रखी है,
तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रखी है,
भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आया हूँ ,
तुम्हारी याद की खातिर भी पूरी रात रखी है।

18. आज मैंने दिल को थोड़ा साफ किया,
कुछ को भुला दिया कुछ को माफ किया।

19.जो हुक्म करता है वो इल्तिजा भी करता है,
आसमान भी कहीं जाकर झुका करता है,
अगर तू बेवफा है तो ये भी सुन ले,
इंतज़ार मेरा कोई बहां भी करता है।

20.आग लगाना मेरी फितरत मे नहीं,
मेरी सादगी से लोग जले तो मेरा क्या कसूर।

21.ठहर सके जो लबों पर हमारे,
हंसी के सिवाय मजाल किसकी।

22.तेरी मोहब्बत को कभी खेल नहीं समझा,
वरना खेल तो इतने खेले हैं कि कभी हारे नहीं।

23.बिकने वाले और भी हैं जाओ जाकर खरीद लो,
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते हैं।

24.शांखो से गिर कर टूट जाऊ मै वो पत्ता नही,
आंधियो से कह दो कि अपनी औकात मे रहें। 

25.अकड़ती जा रही हैं हर रोज गर्दन की नसें,
आज तक नहीं आया हुनर सर झुकाने का।

26.माना के इस ज़मीं को गुलज़ार न कर सके,
कुछ खार कम तो कर गए गुजरे जिधर से हम।

27.ये मत समझ के तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहें हैं वो जिन्हें हासिल नहीं हैं हम।

28.कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए
हम तो बादल है प्यार के किसी और पर बरस जायेंगे 

29.सर झुकाने की आदत नहीं है,
आँसू बहाने की आदत नहीं है,
हम खो गए तो पछताओगे बहुत,
क्युकी हमारी लौट के आने की आदत नहीं है!

30.इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं

31.मौसम बदल गये जमाने बदल गये
लम्हों में दोस्त बरसों पुराने बदल गये
दिन भर रहे जो मेरी मौहब्बत की छॉंव में
वो लोग धूप ढलते ही ठिकाने बदल गये 

 

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