शिव के प्यारे गणेश, काटो विघन कलेश.
मेरे अंगना पधारो मैं तर जाऊंगा...
इक दया की नजर आप करदो इधर .
मेरी बिगड़ी सुधारो मैं तर जाऊंगा...
रिद्धि सिद्धि के दाता कहें आपको .
ज्ञान बुद्धि विधाता कहें आपको ...
कर के मूषे सबारी चले आइये .
मेरा नर तन सँवारो, मैं तर जाऊंगा ....
चार मौदक के लड्डू चढ़ायें तुम्हें .
सारे देवों से पहले मनायें तुम्हें ...
नाम सुमरन करें शीश चरनन धरें .
पार भव से उतारो मैं तर जाऊंगा .....
आपके दर पे जो भी सवाली आया .
आज तक कोई दर से न खाली गया .....
मैं हूँ पापी अधम, है शरण में पदम्.
गीत मेरे निहारो, मैं तर जाऊंगा ........
MERE RASHKE QAMAR
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