मेरा दिल तो दीवाना हो गया मुरली बाले तेराMera dil to diwana ho gaya

 मेरा दिल तो दीवाना हो गया मुरली बाले तेरा॥

मुरली बाले तेरा,बंशी बाले तेरा॥
नजरो का निशाना हो गया मुरली बाले तेरा॥

दीवानगी ने क्या क्या दिखाया ।॥
दुनिया छुड़ाकर तुमसे मिलाया।
दुश्मन  जमाना हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल .............

जब से नजर से नजर मिल गयी है॥
उजड़े चमन की कली खिल गयी है।
क्या नजरे मिलाना हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल ............

यह दुनिया पागल खाना है,
जहा पागलआतेजाते है,
मेरा मेरा कहने वाले सब पागल बन कर जाते है,
कोई पागल है धन दोलत का कोई पागल नर नारी का,
पर सचा तो पागल बही है जो पागल है बनके बिहारी का,
तू मेरे प्यारा प्यारा मैं तेरा पागल ओ तिर्चि नजर से है दिल मेरा घायल,
मेरा दिल ............

प्राणों के प्यारे कहा तुम गए हो ।
मेरी आँखों के तारे कहा छुप गए हो।
मैं तो प्यार में पागल हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल..........

Aai bhar haste haste

 आई बहार हँसते-हँसते,

आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

परम अनूप आया,
त्रिभुवन का भूप आया.....-2
रघुवर सरताज हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

नाथों का नाथ आया,
करने सनाथ आया....-2
श्रृष्टि सुधार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

तपसिन का त्याग,
भक्तन अनुराग आया.....-2
प्रेमिन का प्यार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

किसी का भगवान आया,
शंकर का ध्यान आया,
किसी का भगवान आया,
बाबा का ध्यान आया,
वेदों का सार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

भरत जी का भाई आया ,
जनकजी का जमाई आया।
मिथिला का श्रृंगार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

प्रगटे अवध में आके,
कौशल्या के लाल कहाके,
दशरथ कुमार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

तजि के साकेत आया,
परिकर को संग लाया,
भई जय-जयकार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते.......

Radha rani hame bhi bata de jara राधा रानी हमे भी बता दे ज़रा

 कान्हां की तस्वीर पे, रख के राधे हाथ,

सच्ची सच्ची बोलना, हम पूछे जो बात।
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा,
राधे राधे रटे हर घड़ी बाँवरा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ साँवरा,
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा।

तुम ना आये तो जमुना पे आता नहीं,
तुम ना हो तो ये बंसी बजाता नहीं,
तेरी पानी सी लस्सी भी हँस के पिए,
हम खिलाये तो माखन भी खाता नहीं,
हम खिलाये तो माखन भी खाता नहीं,
जादू टोना, जादू टोना बता कौन सा है करा,
जादू टोना बता कौन सा है करा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा,
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा।

तेरी गलीयो के चक्कर लगाने लगा,
रोज़ बरसाने में आने जाने लगा,
चूड़ी वाली कभी मेहंदी वाली कभी,
रूप निश दिन नए ये बनाने लगा,
रूप निश दिन नए ये बनाने लगा,
दे जवाब, दे जवाब आज तू सोलह आने खरा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा,
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा।

कल तलक जो चरणजीत का मीत था,
जो निभाता सदा प्रीत की रीत था,
उसकी बंसी तेरे गीत गाने लगी,
जिसकी धुन में लिखा मैंने हर गीत था,
जिसकी धुन में लिखा मैंने हर गीत था,
रह गया, रह गया प्रेम मेरा धरा का धरा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा,
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा।

अंजनी के लाला ने,दुनिया में नाम कर दिया।। Choti umar me tune kaisa kamal kar diya

 लाल देह लाली लसे,अरु धरि लाल लंगूर ।

बज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर


छोटी उम्र में  तूने कैसा,कमाल कर दिया।

अंजनी के लाला ने,दुनिया में नाम कर दिया।।


छोटी उम्र में तूने,सूरज को मुख में ले लिया

अंजनी के लाला ने कैसा कमाल कर दिया।

शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन।

राम जी के चरणों में शत शत वंदन।।

अंजनी के लाला ने दुनिया में नाम कर दिया।

बालापन में हनुमान ने सूरज को दबाया था

 बचपन में जब हनुमान ने वल अपना दिखलाया था

फल समझ के सूरज को मुख में आन दबाया

देख अन्धेरा पृथ्वी पर भगवान पास में आये,

अटल वरदान दिये हनुमत को सूरज मुख से छुड़ाया

देवताओं ने भी तुमको ऐसा वरदान दिया अंजनी के लाला ने दुनिया में नाम कर दिया

मेघनाद ने लक्ष्मण जी के बाण लगाया ऐसा था 

आयी मूर्छा गिरे पृथ्वी पर लक्ष्मण होश गवाया था

दोहा-

रो रहे भगवान लखन धर गोदी में

क्या करु हनुमान सिया गई चोरी में।।

आयी मूर्छा गिरे पृथ्वी पर लक्षमण होश गवाया था 

देखी हालत जब लखन लाल की, द्रोणागिरी को धाए थे

बूटी जब वो समझ न आई, पर्वत दिया उठाये

हनुमत ने लक्ष्मण जी को, जीवनदान दिया।

अंजनी के लाला ने,दुनिया में नाम कर दिया।


Prabhu ko gar bhulaoge bande

 प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


पैसे के खातिर तू बन्दे,करता रहा हेरा फेरी,

घी में डालडा, डालडा में घी,करते नही तनिक देरी,

सुंदर वक़्त को कब तक बन्दे,व्यर्थ में यू ही गवाओगे,

पैसे से बिस्तर लाओगे,नींद कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


साबुन से इस् तन को बन्दे,धोता रहा तू मल-मल के,

मन तो तेरा गंदा रह गया,तीरथ करता चल-चल के,

प्रभु शरण में नही गए तो,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से गहना लाओगे,रूप कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥

संगीत है शक्ति ईश्वर का,इसका ही गुणगान करो,

मन को बांधो तन को साधो,कभी नही अभिमान करो,

अगर साधना नही करोगे,अंत समय पछताओगे,

पैसे से सरगम सीखोगे,दर्द कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥

TUJHE DEKH KE DIL BHARTA HI NAHI तुझे देख के दिल भरता ही नहीं

 मोहन नैना आपके नौका के आकर

जो जन इनमे इनमे बस सो जान है गए पार।।

आ पिया इन नैनं में पालक धाप तोहे लू
ना मैं तोहे देखु गैर को न तोहे देखन दूँ।।

तुझे देख के दिल भरता ही नहीं
अब जाऊं कहां मैं सांवरिया।।

पीया छोड़ गए दिल तोड़ गए दिल
अब बांके फिरू मैं बावरिया
अब बांके फिरू मैं बावरिया।।

तुझे देख के दिल भरता ही नहीं
अब जाऊं कहां मैं सांवरिया।।

तिरछी चितवन बाकी है अदा
तेरे नैन कटीले कजरारे
अब तेरे बिना जी लगता नहीं
अब काहे सताए सांवरिया तेरी।।

तुझे देख के दिल भरता ही नहीं
अब जाऊं कहां मैं सांवरिया।।

मुरली की मीठी तानों पर
दिल मेरा कन्हैया खोने लगा
अब आके सुना दे बांसुरिया
अब मिल भी जाओ सांवरिया।।

तुझे देख के दिल भरता ही नहीं
अब जाऊं कहां मैं सांवरिया।।

तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

 


तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना
तेरे बिगड़े बनेंगे काम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

एक रघुवर श्री जानकी मैया
फिर क्यों परेशान हो भैया
तेरे कटेंगे कष्ट तमाम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

योजन राम कथा सत्संगी
उनके सहायक श्री बजरंगी
अतुलित बल के धाम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

अगर प्रभु मनमानी करेंगे
नहीं शरणागत की पीर हरेंगे
होगा बिरथ बदनाम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

अब बेकार ना आह भरो तुम
नहीं व्यर्थ परवाह करो तुम
रटो रामजी का नाम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना
तेरे बिगड़े बनेंगे काम फिकर फिर क्या करना

RAM KO MANG LE MERE PYARE राम को मांग ले मेरे प्यारे

 राम को मांग ले मेरे प्यारे,

उमर भर को सहारा मिलेगा,
राम को माँग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा,
सिर्फ इनकी शरण ही में तुझको,
सिर्फ इनकी शरण में ही सबको,
जिंदगी भर गुज़ारा मिलेगा,
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।

कितना दो हाथों से ले सकेगा,
देने वाले की है लाख बाँहें,
इनका दामन पकड़ कर तो देखो,
(इसकी बाँह पकड़ कर तो देखों)
ख़ुशनुमा सा नज़ारा मिलेगा,
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।
(राम को माँग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा। )

खुद को तनहा समझता है तू,
जर्रे जर्रे में है ये समाया,
(कण कण में वह समाया है)
दुख में आवाज देकर तो देखों,
दिल से आवाज देकर तो देखो,
कौशल्या का दुलारा मिलेगा,
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।
(राम को माँग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा। )

रुप नैनों में इनका बसा लो,
नाम लेते रहो चलते फिरते,
चाहे तूफां हो या भँवर हो,
हर सफर में किनारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।

राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उमर भर को सहारा मिलेगा,
राम को माँग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा,
सिर्फ इनकी शरण ही में तुझको,
सिर्फ इनकी शरण में ही सबको,
जिंदगी भर गुज़ारा मिलेगा,
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।

हम सांस ले रहे है इस जान की बदौलत, SHRI RAM KI BADOLAT

 हम सांस ले रहे है इस जान की बदौलत,

और जान जिस्म में है श्री राम की बदौलत


श्री राम नाम जप के लंका से जीत आए,

हनुमान सिद्धि पा गए हरि नाम की बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं....


कुछ पुण्य हो रहा है जो सूरज निकल रहा है,

धरती थमी है सदियों से इंसान की बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं...


हमें  गर्व हो रहा है विज्ञान की बदौलत,

विज्ञान का वजूद है भगवान की बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं...


मेरे लिए अतिथि भगवान के बराबर,

सर करते है न्यौछावर मेहमान के बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं...


लब पे हंसी नहीं तो जीना भी है क्या जीना,

पहचान है जहाँ में मुस्कान की बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं...

SHIV SHAMBHU SA NIRALA KOI DEVTA शिव शम्भू सा निराला

 शिव शंभू सा निराला, कोई देवता नहीं है 

जैसा भी है डमरू वाला, कोई देवता नहीं है

सिर पर बसी है गंगा माथे पर चंद्रमा है 

नंदी की है सवारी अर्धांगिनी उमा है

 गले सर्प की है माला, कोई देवता नही है

 शिव शम्भू सा निराला कोई देवता नही है

अमृत की कामना से सब मथ रहे थे सागर 

निकला है जिससे विष जो वो गए हराहर 

वो जहर को पीने वाला कोई देवता नहीं है 

शिव शंभू से निराला कोई देवता नहीं है

आशा हुई निराशा जाए तो किसी के द्वारे

तुझे छोड़कर महेश्वर अब किसको हम पुकारे

 सोना है.....महक वाला कोई देवता नहीं है 

शिव शंभू से निराला कोई देवता नहीं है


mohabbat se mohabbat ka मोहब्बत से मोहब्बत का तकाजा क्यों किया तुमने

 हमसे वादा तो वफाओं का किया जाता है
वक्त पड़ने पर मुंह फेर लिया जाता है
तेरी महफिल का अंदाज ही अलग है साकी
यारा मुंह देख के पैमाना दिया जाता है
रूहें यूँ तन के लिबासों में बसर करती हैं
चिट्टियां जैसे लिफाफे में बसर करती है
 कल तेरी याद  ने हीं बताया मुझको
तेरी नींदे मेरे ख्वाबों में बसर करती है
मोहब्बत से मोहब्बत का तकाजा क्यों किया तुमने
झुकी नज़रों से मिलने का इशारा क्यों किया तुमने
मेरा दिल तो नहीं टूटा मेरे जज्बात टूटे हैं
नआना था नहीं आते ये वादा क्यों किया तुमने
मेरी मंजिल मोहब्बत है तुम्हारी भूख है दुनिया
मोहब्बत कर नहीं सकते
तमाशा क्यों किया तुमने
जो तुमने हाथ पकड़ा था तो
कुछ दूर भी चलते
सफर आसान हो जाता
किनारा क्यों किया तुमने
जो मां का दिल दुखाते हैं
उन्हीं से पूछता हूं मैं
ये जन्नत छोड़ कर दोजख का
 सौदा क्यों किया करो

तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी, TUMNE LAKHON KI KISMAT

 


तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,
तेरी चौखट पे जो भी झुका है,
उसको दुनियाँ ने सर पे रखा है,
तेरे रुतबे का क्या क्या सबब दे,
इतनी ताकत नहीं है हमारी,
तुमने लाखो की किस्मत सँवारी,
अब संवरने की बारी हमारी,

आस तेरी भरोसा तुम्ही पर है श्याम,
तू ही मोहन कन्हैयाँ तू ही तो है राम,
दर पे आए बेगाने दीवाने बड़े,
भर दो झोली खड़े है भगत ये तेरे,
जब तलक तू सँवारे ना बिगड़ी,
तेरे दर से ना जाए सवाली,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,

हम सुधरना भी चाहें कहो क्या करें,
तेरी मोह माया से बौल कितना लड़े,
हम है नर तेरे जैसे नारायण नहीं,
तुम अगर साथ दो होगी तेरी कहीं,
रजा तेरी में हम तो है राजी,
श्याम करना ना हमसे नाराज़ी,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,

तू जो चाहें तो बहरा भी सुनने लगे,
लूला लंगड़ा पहाड़ों पे चढने लगे,
जिंदगी मौत सब कुछ तेरे हाथ है,
तुम अगर साथ हो तो फिर क्या बात है,
तेरे रहमों करम पे पड़े हैं,
जाने कब होगी रहमत तुम्हारी,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,

तुम हो दानी तो हम है भिखारी तेरे,
तुम हो ठाकुर तो हम है पुजारी तेरे,
जया भक्तों से क्यों इतना कतराते हो,
ऐसा क्या माँगा देने में घबराते हो,
ख़ुदगर्जों ने अर्जी सुना दी,
अब कृपा की है मर्जी तुम्हारी,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,
तेरी चौखट पे जो भी झुका है,
उसको दुनियाँ ने सर पे रखा है,
तेरे रुतबे का क्या क्या सबब दे,
इतनी ताकत नहीं है हमारी,
तुमने लाखो की किस्मत सँवारी,
अब संवरने की बारी हमारी,

mati ka khilo na mati me mil माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

 

मान मेरा कहना, नहीं तो पछतायेगा।
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

मात पिता तेरा,कुटुंब कबीला।

विपदा पड़े पर,कोई ना किसी का।

एक दिन हंसा,अकेला उड़ जायेगा।

मिट्टी का खिलौना, मिट्टी में मिल जायेगा।
                                                                    मान मेरा.......

बेटा बेटा क्या करता है।बेटा तेरा एक दिन,
पडोसी बन जायेगा।

माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                                  मान मेरा........

बेटी बेटी क्या करता है। बेटी तेरी एक दिन,
जवाई ले जायेगा।

माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                            मान मेरा.........

पडोसी पडोसी क्या करता है। पडोसी तो एक दिन,
जला कर चला जायेगा।
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                   मान मेरा..........

धन दौलत तेरे, कोठी रे बंगले।
इन से ममता,छोड़ दे पगले।
सब कुछ तेरा,यही रह जायेगा।
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                        मान मेरा...........

मनुस्ये जनम तूने, पाया रे बन्दे।
करम ना कर तू ,जग में गंदे।
जैसा बीज बोया तू ,वैसा फल पायेगा।
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                मान मेरा...........

RAM KO DEKH KAR KE JANAK राम को देख कर के जनक नंदिनी (तेरा दिल मेरे पास रहने दे)

 राम को देख कर के जनक नंदिनी,
बाग़ में वो खड़ी की खड़ी रह गयी ।
राम देखे सिया को सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी ॥

यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग,
ले धनुष दानवो को लगे काटने ।
एक ही बाण में ताड़का राक्षसी,
गिर जमी पर पड़ी की पड़ी रह गयी ॥

राम को मन के मंदिर में अस्थान दे
कर लगी सोचने मन में यह जानकी ।
तोड़ पाएंगे कैसे यह धनुष कुंवर,
मन में चिंता बड़ी की बड़ी रह गयी ॥

विश्व के सारे राजा जनकपुर में जब,
शिव धनुष तोड़ पाने में असफल हुए ।
तब श्री राम ने तोडा को दंड को,
सब की आँखे बड़ी की बड़ी रह गयी ॥

तीन दिन तक तपस्या की रघुवीर ने,
सिंधु जाने का रास्ता न उनको दिया ।
ले धनुष राम जी ने की जब गर्जना,
उसकी लहरे रुकी की रह गयी ॥

Kanha mera kam karoge kya loge बाबा मेरा काम करोगे बोलो क्या लोगे, baba mera kam kroge bolo kya loge

 बाबा मेरा काम करोगे बोलो क्या लोगे,
सिर पर हाथ दरो गये बोलो क्या लोगे,
छोटी सी है नाव मेरी बाबा जी इसको पार करो गये,
बोलो क्या लोगे,

जीवन चार दिन का है तुम्हारा साथ क्या मंग्ये
बड़ी छोटी सी जिंदगानी तुम्हारा हाथ क्या मांगे
लम्बी उम्र जो दोगे बोलो क्या लोगे,
सिर पर हाथ दरो गये बोलो क्या लोगे

मेरी नैया पुराणी है मुझे उस पार जाना है,
बड़ा कमजोर हु बाबा तुम्हे माजी बनाना है,
सबको पार करो गये बोलो क्या लोगे,
बाबा मेरा काम करोगे....

हजारो गम छुपये है लाखो बार रोये है
मगर अफ़सोस बनवारी मेरे सरकार सोये है
दिल की बात सुनो गये बोलो क्या लोगे
बाबा मेरा काम करोगे......

गजानन पधारो आसन सम्हारो-Gajanan Padharo Aasan Samharo

गजानन पधारो आसन संभालो

 करूं वंदना मेरी और निहारो.....

गजानन पधारो आसन संभालो....2

रिद्धि और सिद्धि  दाता दासी तुम्हारी....

सदा सिंघवाहिनी शक्ति माता तुम्हारी ......

नीलकंठ गंगाधर जग को सहारो....

गजानन पधारो आसन सम्हारो....

अंधों को आँख देते कोढ़िन को काया...

स्वामी गणों के बन के गणपति कहाया.....

लडुअन के भोग दाता लगे  तुमको प्यारा....

गजानंद पधारो  आसन संभालो.....

विघ्नों को विघ्नों को हरने वाले मंगल कराओ....

भक्ति से स्वामी अपने दया बरसाओ.....

भटकी हुई नैया तुम पार लगाओ....

 गजानन पधारो आसन संभालो

करू वंदना मेरी ओर निहारो 

गजानन पधारो आसन सम्हारो


 

देर न हो जाये कहीं देर न हो जाये Der n ho jaye ahi

 सभा में द्रोपती, रो रो के, पुकारे आओ

कहाँ छुपे हो प्रभु, नंद दुलारे आओ

लाज अबला की, लूटी जा रही है, मनमोहन

भक्त वत्तस्ल प्रभु, निर्बल के, सहारे आओ


कब आओगे ॥॥, लाज मेरी लूट जाएगी क्या, तब आओगे

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, मोहन लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


सुना है लाज तुमने, कितनो की बचाई है ll

और बिगड़ी भी सुना, लाखों की बनाई है,

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


जब भक्त की तेरे लाज गई,

तब क्या होगा फिर आने से ll

जब खेती सूख गई तो,

क्या होगा अमृत बरसाने से,

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


अब तो अपने सभी, हो गए पराए,

बैठे सब हैं यहां, सर को झुकाए ll

दुशाशन खींचे मेरी, साड़ी सभा में ll

इज़्ज़त मेरी, बचे न बचाए ll

सारी दुनियां के आगे,,,बदनाम मोहन,,,,,ll

हो जाओगे,,मैं जान दे दूँगी जो,,, तुम नहीं आओगे

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


अब तो होता नहीं, सब्र आ जा,

लेने द्रोपती की, खबर आ जा,

शर्मा बेचैन है, दर्शन के लिए,

देर से ही सही, मगर आ जा,

" दुःख की घड़ी है,,, आ जा,

विपदा पड़ी है,,, आ जा,

नैया भंवर में मेरी,

आकर पड़ी है आ जा श्याम " ll

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, मोहन लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


गाऊँऊ की कसम है " तुझे, ग्वालों की कसम है "

ओ राधा की कसम है " तुझे, रुक्मण की कसम है "

आ जा,,, कि तेरे, भक्तों की कसम है

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,,  लाज न मेरी लूट जाए,

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


आ जा ओ  मोहन तेरी, बहना पुकारती है ll

बहना पुकारती है, बहना पुकारती है,

लाज बचा जा तेरी, बहना पुकारती है ll

आ जा ओ मोहन तेरी, बहना पुकारती है ll


सुन के पुकार, श्याम आए हैं,

लाज बहना की, वो बचाए हैं

थक गया दुष्ट, दुशाशन तो भी,

ढेर साड़ी के, वो लगाए हैं

सुन के पुकार, श्याम आऐ हैं

लाज बहना की, वो बचाए हैं,,,,,,,

बूटी हरि के नाम की buti hari ke nam ki

 बूटी हरि के नाम की सबको पिलाके पी ।
चितवन को चित के चोर से चित को चुराके पी ॥

         अंतरा

पीने की तमन्ना है तो खुद मिटाके पी ।
ब्रम्हा ने चारो वेदों की पुस्तक बनाके पी ॥ बूटी ॥

शंकर ने अपने शीश पे गंगा चढ़ाके पी।
ठोकर से श्री राम ने पत्थर जगाके पी ।
बजरंग बली ने रावण की लंका जलाके पी ॥ बूटी ॥

पृथ्वी का भार शेष के सिर पर उठाके पी ।
बालि ने चोट बाण की सीने पर खाके पी ॥ बूटी ॥

अर्जुन ने ज्ञान गीता का अमृत बनाके पी ।
श्री जी बाबा ने भक्तों को भागवत सुनाके पी ॥ बूटी ॥  

संतो ने ज्ञान सागर को गागर बनाके पी ।
भक्तों ने गुरु चरण रज मस्तक लगाके पी ॥ बूटी ॥

shree ram janm bhumi he mata bharti


 

यह हर्ष हवस की मंडी है

कोई आए कोई जाए ये तमाशा क्या है
 मैं तो समझा नहीं यह महफिल ए दुनिया क्या है

यह हर्ष हवस की मंडी है
अनमोल रतन बिक जाते हैं 

कागज के कड़क के नोटों पर 

दुनिया के चमन बिक जाते हैं
ये हर्ष हवस की मंडी है
अनमोल रतन बिक जाते हैं
हर चीज यहां पर बिकती है
हर चीज का सौदा होता है
इज्जत भी बेची जाती है
ईमान खरीदे जाते हैं
यह हरष हबस की मंडी है
 अनमोल रतन बिक जाते हैं
 बिकते हैं मुल्लों के सजदे
पंडित के भजन बिक जाते हैं 

बिकती है दुल्हन की रातें
मुर्दों के कफन बिक जाते हैं
यह हरष हवस की मंडी है  
अनमोल रतन बिक जाते हैं
यह हर्ष हवस की मंडी है
 अनमोल रतन बिक जाते हैं 

कागज के कड़क के नोटों पर 

दुनिया के चमन बिक जाते हैं 

ये इश्क़ हवस की मंडी है , अनमोल रतन बिक जाते है ,
मुल्लाओ के सजदे बिकते है ,पंडित के भजन बिक जाते है

मंदिर भी यहाँ पर बिकता है , मस्जिद भी ख़रीदी जाती है चाँदी के खनकते सिक्कों पर ,शायर के शकुन बिक जाते है

बिकती है सुहाग की रात यहाँ , दुल्हन के चलन बिक जाते है
दुनिया के चलन का ज़िक्र ही क्या , मुर्दों के कफ़न बिक जाते है।

 

Pawan ho gai aaj ayodhya पावन होगई आज अयोध्या