सभा में द्रोपती, रो रो के, पुकारे आओ
कहाँ छुपे हो प्रभु, नंद दुलारे आओ
लाज अबला की, लूटी जा रही है, मनमोहन
भक्त वत्तस्ल प्रभु, निर्बल के, सहारे आओ
कब आओगे ॥॥, लाज मेरी लूट जाएगी क्या, तब आओगे
देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll
आ जा रे,,, मोहन लाज न मेरी लूट जाए,
देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll
सुना है लाज तुमने, कितनो की बचाई है ll
और बिगड़ी भी सुना, लाखों की बनाई है,
देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll
आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,
देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll
जब भक्त की तेरे लाज गई,
तब क्या होगा फिर आने से ll
जब खेती सूख गई तो,
क्या होगा अमृत बरसाने से,
देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll
आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,
देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll
अब तो अपने सभी, हो गए पराए,
बैठे सब हैं यहां, सर को झुकाए ll
दुशाशन खींचे मेरी, साड़ी सभा में ll
इज़्ज़त मेरी, बचे न बचाए ll
सारी दुनियां के आगे,,,बदनाम मोहन,,,,,ll
हो जाओगे,,मैं जान दे दूँगी जो,,, तुम नहीं आओगे
देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll
आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,
देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll
अब तो होता नहीं, सब्र आ जा,
लेने द्रोपती की, खबर आ जा,
शर्मा बेचैन है, दर्शन के लिए,
देर से ही सही, मगर आ जा,
" दुःख की घड़ी है,,, आ जा,
विपदा पड़ी है,,, आ जा,
नैया भंवर में मेरी,
आकर पड़ी है आ जा श्याम " ll
देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll
आ जा रे,,, मोहन लाज न मेरी लूट जाए,
देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll
गाऊँऊ की कसम है " तुझे, ग्वालों की कसम है "
ओ राधा की कसम है " तुझे, रुक्मण की कसम है "
आ जा,,, कि तेरे, भक्तों की कसम है
देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll
आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,
देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll
देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll
आ जा ओ मोहन तेरी, बहना पुकारती है ll
बहना पुकारती है, बहना पुकारती है,
लाज बचा जा तेरी, बहना पुकारती है ll
आ जा ओ मोहन तेरी, बहना पुकारती है ll
सुन के पुकार, श्याम आए हैं,
लाज बहना की, वो बचाए हैं
थक गया दुष्ट, दुशाशन तो भी,
ढेर साड़ी के, वो लगाए हैं
सुन के पुकार, श्याम आऐ हैं
लाज बहना की, वो बचाए हैं,,,,,,,
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