SHIV SHAMBHU SA NIRALA KOI DEVTA शिव शम्भू सा निराला

 शिव शंभू सा निराला, कोई देवता नहीं है 

जैसा भी है डमरू वाला, कोई देवता नहीं है

सिर पर बसी है गंगा माथे पर चंद्रमा है 

नंदी की है सवारी अर्धांगिनी उमा है

 गले सर्प की है माला, कोई देवता नही है

 शिव शम्भू सा निराला कोई देवता नही है

अमृत की कामना से सब मथ रहे थे सागर 

निकला है जिससे विष जो वो गए हराहर 

वो जहर को पीने वाला कोई देवता नहीं है 

शिव शंभू से निराला कोई देवता नहीं है

आशा हुई निराशा जाए तो किसी के द्वारे

तुझे छोड़कर महेश्वर अब किसको हम पुकारे

 सोना है.....महक वाला कोई देवता नहीं है 

शिव शंभू से निराला कोई देवता नहीं है


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें