गजानन पधारो आसन सम्हारो-Gajanan Padharo Aasan Samharo

गजानन पधारो आसन संभालो

 करूं वंदना मेरी और निहारो.....

गजानन पधारो आसन संभालो....2

रिद्धि और सिद्धि  दाता दासी तुम्हारी....

सदा सिंघवाहिनी शक्ति माता तुम्हारी ......

नीलकंठ गंगाधर जग को सहारो....

गजानन पधारो आसन सम्हारो....

अंधों को आँख देते कोढ़िन को काया...

स्वामी गणों के बन के गणपति कहाया.....

लडुअन के भोग दाता लगे  तुमको प्यारा....

गजानंद पधारो  आसन संभालो.....

विघ्नों को विघ्नों को हरने वाले मंगल कराओ....

भक्ति से स्वामी अपने दया बरसाओ.....

भटकी हुई नैया तुम पार लगाओ....

 गजानन पधारो आसन संभालो

करू वंदना मेरी ओर निहारो 

गजानन पधारो आसन सम्हारो


 

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