YE SUNDAR SHRINGAR SUHANA LAGTA HE - ये सुन्दर श्रृंगार सुहाना लगता हे

ये सुन्दर श्रृंगार सुहाना लगता हे
ये सुन्दर श्रृंगार सुहाना लगता हे 
भगतो का तो दिल दिवाना लगता हे॥
ये सुन्दर श्रृंगार सुहाना लगता हे ..............

ज्यादा मत देखो नजर लग जाएगी।
ये र्कीतन की रात दोवारा आएगी॥
ये सुन्दर श्रृंगार सुहाना लगता हे !


अगर हम दूर  से देखें कन्हैया पास लगते हो !

अगर नज़दीक से देखें हमें तुम खास लगते हो॥
ये सुन्दर सेहरा सुहाना लगता.......... है
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता हे 

ये सुन्दर श्रृंगार सुहाना लगता हे !

हजारे बार देखा हे हजारों बार सजते हो।
मगर क्या बात हे मोहन गजब के आज लगते हो॥

ये तेरा अंदाज़ पुराना लगता............. हे 
भगतो का तो दिल दिवाना लगता हे॥

ये सुन्दर श्रृंगार सुहाना लगता हे !

उछालो रंग बनवारी दीवाना आज कर डालो !
ज़रा मुस्का के देखो तुम नज़र के तीर मत मारो !!
भक्तों के दिल पे निशाना लगता......... हे 
DULHE KA SEHRA 

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