NA JANE KYON BAHUT ROYA TUMHARI YAAD ME MOHAN न जाने क्यों बहुत रोया तुम्हारी याद में मोहन |

न जाने क्यों बहुत रोया तुम्हारी याद में मोहन |

जितना दिया सरकार ने मुझको, उतनी मेरी औकात नही

ये तो करम उनका वरना मुझमे तो कोई बात नही


प्रीतम ये मत जानियो, तुम बिछड़े मोहे चैन !!

जैसे जल बिन माछरी तड़पत हूं दिन रैन !!


तेरी खातिर कन्हैया मैं जोगन बनी, खाख तन पे लगी कि लगी रह गई

पीछे मुड़कर तो तुमने देखा ही नही, मेरी पूजा में कोई कमी रह गई


न जाने क्यों बहुत रोया तुम्हारी याद में मोहन |

कभी न नींद भर सोया,तुम्हारी याद में मोहन|| 


अगर तुम ज्ञान से मिलते,तो ज्ञानी बहुत हैं जग में |

मिले उसको जो जग खोया,तुम्हारी याद में मोहन ||


सबर की हो गई हद,अब सहा जाता नही हमसे

अश्रु से तन बदन धोया, तुम्हारी याद में मोहन


न तुम पूजा से मिल पाते, न हम कोई पुण्य कर पाते |

मैं गठरी पाप की ढोया तुम्हारी याद में मोहन||


ज़माना रूठ जाए ,पर न रूठो तुम मेरे दाता |

पुराना जन्म जन्मो का कन्हैया आपसे नाता

मैं ठोकर दुनिया की खाया तुम्हारी याद में मोहन ||


दया करदो मेरे प्यारे तुम्ही दाता कहाते  हो

नैनो में नीर है मेरे, मुझे तुम क्यों रुलाते हो

तड़प अब सह नही पाया, तुम्हारी याद में मोहन


न जाने क्यों बहुत रोया तुम्हारी याद में मोहन |

कभी न नींद भर सोया,तुम्हारी याद में मोहन|| 

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