हमारी नीदें भी उड़ चुकी हैं
हमारी नीदें भी उड़ चुकी हैं,सनम भी करवट बदल रहें हैं
उधर भी जागा प्यार दिल में,इधर भी अरमां मचल रहे हैं
मिला है जिस दिन से प्यार उनका,हर एक शय है निसार मुझ पर
गुलाब कदमों में बिछ रहे हैं,चिराग राहों में जल रहे हैं
तुम्हारी आखों में प्यार देखूँ,तुम आओ तो मैं बहार देखूँ
तुम्हारे हमराह घर से निकलो,सुना है मौसम बदल रहें हैं
हमारी सासें ठहर गयी तो,तुम्हारे दिल को मलाल क्यों है
यही रहे हैं यही रहेंगे,बस आज हम घर बदल रहे हैं
शराब ऐसी भी है जहाँ में,जो होश में आदमी को लाये
वो देखो जामे रसूल पीकर,बहकने वाले संभल रहें हैं
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