फागुन के दिन चार रे- FAGUN KE DIN CHAR

फागुन के दिन चार रे, होली खेल मना रे, फागुन के दिन चार।

बिन करताल पखावज बाजे, अनहद की टंकार रे
   बिन सुर राग छतीसों गावे, रोम-रोम झंकार रे
          होली खेल मना रे, फागुन के दिन चार ॥

शील-संतोष की केसर घोरी, प्रेम-प्रीत पिचकार रे   
   उड़त गुलाल लाल भयो अम्बर, बरसत रंग अपार रे
          होली खेल मना रे, फागुन के दिन चार ॥ 

घूँघट के पट खोल दिए हैं, लोक लाज सब ड़ार रे
   मीरा के प्रभु गिरधर नागर, चरण-कमल बलिहार रे

          होली खेल मना रे, फागुन के दिन चार ॥ 

आज बिरज में होरी रे रसिया- AAJ BIRAJ ME HORI RE RASIYA

आज बिरज में होरी रे रसिया
       होली रे रसियाबरजोरी रे रसिया  आज बिरज में -----------
चोवा चन्दन और अगरजा,
   केसर मृगमद घोरी रे रसिया ॥ आज बिरज में -----------

इधर से आए कुँवर कन्हैयाइधर से आए कुँवर कन्हैया
       उधर से राधा गोरी रे रसिया  आज बिरज में -----------
अपने-अपने घर से निकलींअपने-अपने घर से निकलीं
       कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया  आज बिरज में -----------

कौन के हाथ कनक पिचकारीकौन के हाथ कनक पिचकारी
       कौन के हाथ कमोरी रे रसिया  आज बिरज में -----------
राधा के हाथ कनक पिचकारीराधा के हाथ कनक पिचकारी
       श्याम के हाथ कमोरी रे रसिया  आज बिरज में ----------

कितना लाल-गुलाल मँगायाकितना लाल-गुलाल मँगाया
       कितनी मँगाई केसर रे रसियाआज बिरज में -----------
सौ मन लाल-गुलाल मँगायासौ मन लाल-गुलाल मँगाया
       दस मन केसर घोली रे रसिया  आज बिरज में -----------

उड़ा गुलाल लाल हुए बादलउड़ा गुलाल लाल हुए बादल
       केसर हवा में घुली रे रसिया  आज बिरज में -----------
बज रहे ताल मृदंग-झाँझ-ढपबज रहे ताल मृदंग-झाँझ-ढप
       और नगाड़ों की जोड़ी रे रसिया   आज बिरज में -----------

चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छविचन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि

       युग-युग जिए यह जोड़ी रे रसिया आज बिरज में -----------

होरी में लाज न कर गोरी होरी में- HORI ME LAJ NA KAR GORI


होरी में लाज न कर गोरी होरी में।


हम ब्रज के रसिया तू गोरी, ऐसी सुघड़ बनी यह जोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

जो हमसे सूधे नहीं खेले, तो फिर हम करि हैं बरजोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

सास ननद से दुबक दुबक के, हमसे खेल लै होरी गोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

नारायन अब निकस द्वार से, छूटेगी नाँय बन के भोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----




पुरुषोत्तम प्रभु की छवि निरखें, निरखें बरसाने की होरी।
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

होरी खेल रहे नन्दलाल, गोकुल की कुंज गलिन में- HORI KHEL RAHE NAND LAL

होरी खेल रहे नन्दलाल, गोकुल की कुंज गलिन में,

गोकुल की कुंज गलिन में, मथुरा की सँकरी गलिन में ॥ होरी खेल ----

पूरब में राधा प्यारी, पश्चिम में कृष्ण मुरारी,

उत्तर दक्खिन गोपी ग्वाल, गोकुल की कुंज गलिन में।

याने भर पिचकारी मारी, चूनर की सुरत बिगारी,

मेरे गालन मल्यो गुलाल, गोकुल की कुंज गलिन में।

मोहे छेड़े मत मोरे सइयाँ, मैं पड़ूँ तिहारे पइयाँ,

मोहे मती करो बेहाल, गोकुल की कुंज गलिन में।

नेक आगे आ श्याम तोपे रंग डारूँ, नेक आगे आ- NEK AGE AA SHYAM TOPE



नेक आगे आ श्याम तोपे रंग डारूँनेक आगे आ
       हाँ रे नेक आगे आहम्बै नेक आगे आ
       नेक आगे आ श्याम तोपे रंग डारूँनेक आगे आ।

रंग डारूँ तेरे अंगन सारूँरंग डारूँ तेरे अंगन सारूँ लाला,
       तेरे गालन पेतेरे गालन पे, गुलचा मारूँ नेक आगे आ
       नेक आगे आ श्याम तोपे रंग डारूँनेक आगे आ।

 टेढ़ी रे टेढ़ी तेरी पगिया बाँधूँटेढ़ी रे टेढ़ी तेरी पगिया बाँधूँ लाला
       तेरी पगिया पेतेरी पगिया पे फुलड़ी डारूँनेक आगे आ
       नेक आगे आ श्याम तोपे रंग डारूँनेक आगे आ।

ब्रज दूल्हा तू छैल अनोखाब्रज दूल्हा तू छैल अनोखा लाला
       तोपे तन-मन-धन-जोबन वारूँनेक आगे आ

       नेक आगे आ श्याम तोपे रंग डारूँनेक आगे आ।

डार गयो री, डार गयो री, रंगीलो रंग डार गयो री मेरी बीर DAR GAYO RI DAR GAYO RI

डार गयो रीडार गयो रीरंगीलो रंग डार गयो री मेरी बीर।

तान दई मम तन पिचकारी,
            फ़ट्यो कंचुकी चीररंगीलो रंग डार गयो री मेरी बीर।
चूनर बिगर गई जरतारी,
            कसकत दृगन अबीररंगीलो रंग डार गयो री मेरी बीर।
जैसे-तैसे इन अँखियन से,
            धोय तो डारो अबीररंगीलो रंग डार गयो री मेरी बीर।
मृदु मुसकाय कान्ह नैनन के,
      मारत तीर गंभीररंगीलो रंग डार गयो री मेरी बीर।

डार गयो रीडार गयो रीरंगीलो रंग डार गयो री मेरी बीर।

फाग खेलन बरसाने आए हैं, नटवर नन्दकिशोर- FAG KHELAN BARSANE AAYE HEN

 फाग खेलन बरसाने आए हैंनटवर नन्दकिशोर
नटवर नन्दकिशोरनटवर नन्दकिशोरफाग खेलन --------

घेर लई सब गली रंगीली,
       छाय रही सब छवि छवीली,
             जिन अबीरजिन अबीरजिन अबीर,
गुलाल उड़ाए हैंमारत भर-भर झोरफाग खेलन --------

सह रहे चोट ग्वाल ढालन पे,
       केसर कीच मलैं गालन पे,
             जिन हरियलजिन हरियलजिन हरियल
बाँस मँगाए हैंचलन लगे चहुँ ओरफाग खेलन --------

भई अबीर घोर अँधियारी,
       दीखत नाहिं कोई नर और नारी,
               जिन राधेजिन राधेजिन राधे,
सैन चलाए हैंपकरे माखन-चोरफाग खेलन --------

जुल-मिल के सब सखियाँ आईं,
       उमड़ घटा अम्बर पे छाई,
             जिन ढोलजिन ढोलजिन ढोल
मृदंग बजाए हैंबंसी की घनघोरफाग खेलन --------

जो लाला घर जानो चाहो,
       तो होरी को फगुआ लाओ
             जिन श्याम नेजिन श्याम नेजिन श्याम ने
सखा बुलाए हैंनाचत कर-कर शोरफाग खेलन --------

राधे जू के हा-हा खाओ,
             सब सखियन कै घर पहुँचाओ

जिन घासीरामजिन घासीराम पथ गाए हैंलगी श्याम से डोर।