एक बार जो रघुबर की - EK BAR JO RAGHUVAR KI


                            एक बार जो रघुबर की

नजरो का इशारा हो जाये... तेरी लगन में खो जाऊँ मैं,
दुनिया से किनारा हो जाये।।
एक बार जो रघुबर की.....


श्री राम तुम्हारे चरणों में,
आशीष सभी को मिलती है... यह धूल तुम्हारी मिल जाये,
जीवन का सहारा हो जाये।
एक बार जो रघुबर की.....


सरकार तुम्हारी महफ़िल में,
तकदीर बनाई जाती है.... मेरी भी बिगड़ी बन जाये,
एहसान तुम्हारा हो जाये।
एक बार जो रघुबर की.....


ये श्री राम का मंदिर है,
भागीरथी गंगा बहती है.... सब लोग यहाँ पे तरते है,
भव पार सभी का हो जाये।
एक बार जो रघुबर की,
नजरो का इशारा हो जाये....

एक बार जो रघुबर की,
नजरो का इशारा हो जाये.. तेरी लगन में खो जाऊँ मैं,
दुनिया से किनारा हो जाये।।
एक बार जो रघुबर की.....


श्री राम तुम्हारे चरणों में,
आशीष सभी को मिलती है.. यह धूल तुम्हारी मिल जाये,
जीवन का सहारा हो जाये।
एक बार जो रघुबर की.....


सरकार तुम्हारी महफ़िल में,
तकदीर बनाई जाती है.... मेरी भी बिगड़ी बन जाये,
एहसान तुम्हारा हो जाये।
एक बार जो रघुबर की.....


ये श्री राम का मंदिर है,
भागीरथी गंगा बहती है... सब लोग यहाँ पे तरते है,
भव पार सभी का हो जाये।
एक बार जो रघुबर की,
नजरो का इशारा हो जाये....
नजरो का इशारा हो जाये... तेरी लगन में खो जाऊँ मैं,
दुनिया से किनारा हो जाये।।
एक बार जो रघुबर की.....


श्री राम तुम्हारे चरणों में,
आशीष सभी को मिलती है.. यह धूल तुम्हारी मिल जाये,
जीवन का सहारा हो जाये।
एक बार जो रघुबर की.....


सरकार तुम्हारी महफ़िल में,
तकदीर बनाई जाती है.... मेरी भी बिगड़ी बन जाये,
एहसान तुम्हारा हो जाये।
एक बार जो रघुबर की.....


ये श्री राम का मंदिर है,
भागीरथी गंगा बहती है.... सब लोग यहाँ पे तरते है,
भव पार सभी का हो जाये।
एक बार जो रघुबर की,
नजरो का इशारा हो जाये....


 

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