Jay ganesh jay maha deva

चिराग बुझ ना जाये
इन्हें आंधियो से बचाले हाय
जिसका जग में कोई न हो उससे
साई गोद में उठा ले
जीने का सबक सीखा साई के फकीरो से
तकदीर झलकती है हाथों की लकीरों से
चराग दिल के जलाओ बहुत अंधेरा है
मेरे घर आओ साई बहुत अँधेरा है
जीने का सबक सीखा साई के फकीरो से
तकदीर झलकती है हाथों की लकीरों से
जय गणेश जय महादेव
जय गणेश जय महादेव
ओम नमो नमो नमः
ओम नमो नमो नमः
कह दिया कह दिया
कह दिया मेरे दिल में
जो था तुझसे मैंने सब कहा
कह दिया कह दिया कह दिया
जय गणेश जय महादेव
जय गणेश जय महादेव
ओम नमो नमो नमो नमो नमः
ओम नमो नमो नमो नमो नमः
दुखियन पे कृपा करो
हे दुखियन पे कृपा करो हे
बहुत दूर से आया हु मै
झोली खली लाया हु मैं
अरे बाबा मेरी आस ना तोड़ो
मुझ निर्धन से मुह को न मोड़ो
मेरी खाली झोली भरदे
इतनी दया तू निरधन पे भी करदे
मैंने तेरा नाम लिया है
अपने दिल को साई थाम लिया है
आंख से आंसू झलक रहे है
और तेरे चरणो में तड़प रहे है
इनको छूकर पवन करदे मुझको
भी साई सदा सुहागन करदे
दुनिया ताने अब ना
मरे बाँझ कह के ना कोई पुकारे
ना तुम रहोगे ना समाज रहेगा
अब ना कोई भी बाँझ रहेगा उसके करम से
दुखियन पे कृपा करो
हे दुखियन पे कृपा करो हे
और करे तेरी सेवा
जय गणेश जय महादेव
जय गणेश जय महादेव
ओम नमो नमो नमो नमो नमः
ओम नमो नमो नमो नमो नमः
माता जाकी पार्वती जो पार करे
नैया वो पारवती मैया
जो भाग्य बनता है
महादेव कहलाता है
माँ बाप दिल को जो दुखता है
दुनिया में मजे करले वह
वो नरक में जाता है
अपना इरादा नेक है सबका मालिक एक है
जो पार करे नैया वो पारवती मैया
जो भाग्य बनता है महादेव कहलाता है
जब तुझ में आया दम तुम कहलाय आदम
ममता की छाया दे माँ हौ कह लेती है
जो अग्नि परीक्षा दे वो है सीता मैय्या
जो वनवास निभाता है वोही तो राम कहता है
माता जाकी पार्वती
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय महादेव
जय गणेश जय महादेव

MAN ME BASAKAR TERI MURTI मन में बसा कर तेरी मूर्ती

मन में बसा कर तेरी मूर्ती
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती
मन में बसा कर तेरी मूर्ती
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती
करुना करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन
भव में फासी नाव तार दो भगवन
दर्द की दवा तुम्हारे पास है
ज़िन्दगी है दया की है भीख मांगती
मन में बसा कर तेरी मूर्ती
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती
मांगू तुझसे क्या मैं यही सोचु भगवन
ज़िन्दगी जब तेरे नाम कर दी अर्पन
सबकुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
चिंता है तुझको प्रभू संसार की
मन में बसा कर तेरी मूर्ती
उतारूं मैं गिरधर तेरी आरती
वेद तेरी महिमा गाएं संत करे ध्यान
नारद गुण गान करें छेड़े वीणा तान
भक्त तेरे द्वार करते हैं पुकार
दास तेरा गाये तेरी आरती
मन में बसा कर तेरी मूर्ती
उतारूं मैं गिरधर तेरी आरती

राधे की कोई खबर लाता नही

राधे की कोई खबर लाता नहीं,
ग़म यही दिल से निकल पाता नहीं ।।

जा हवा तूं राधे को छूकर बता,
क्या उसे अब मुझसे नाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....

दर्शन दो या प्रीत बन्धन तोड़ दो,
और ग़म मुझसे सहा जाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....

आके जो ले ले खबर मुझ दीन की,
राधे बिन कोई नजर आता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....

क्यों तड़फता है ये दिल बेप्रीत को,
दिल को ये कोई भी समझाता नहीं ।।
राधें की कोई खबर लाता.....

एक दिन साकार होती साधना,
फूल अगर श्रद्धा का मुरझाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....

पूजता है यूँ ही राधे को,
राधे सा जग में कोई दाती नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....

जय-जय राम सीताराम-JAY JAY RAM SEETA RAM

'जय-जय राम'
मन चातक यह कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम,
चरणों में तेरे बसते है, जग के सारे धाम..
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम. नगर अयोध्या में तुम जन्मे, दशरथ पुत्र कहाये,
गुरु थे विश्वामित्र तुम्हारे, कौशल्या के जाये,
ऋषि मुनियों की रक्षा करके, धन्य किया है नाम ..
मन चातक यह कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम,
वाल्मीकि, तुलसी से साधक, बाँटे जग में ज्ञान... जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम..
मित्र संत सुग्रीव तुम्हारे, केवट-शबरी साधक,
भ्रात लक्ष्मण साथ तुम्हारे, राक्षस सारे बाधक,
बालि व रावण को संहारा, सौंपा अपना धाम ..
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम..
था जटायु सा मित्र तुम्हारा, आया रण में काम ..
मन चातक यह कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम, शिव जी ठहरे साधक तेरे, हनुमत भक्त कहाते,
जिन पर कृपा तुम्हारी होती वो तेरे हो जाते,
सभी भक्तजन रहें शरण में, मिले तुम्हारा धाम ..
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम..
जग में हम सब चाहें तुझसे, भक्ति हृदय में राम .. मन चातक यह कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम,
मोक्ष-आदि क्या तुमसे माँगूं , कर्मयोग तुम देना,
जब भी जग में मैं गिर जाऊँ, मुझको अपना लेना,
कृष्ण, कल्कि प्रिय रूप तुम्हारे, परमब्रह्म है नाम ..
प्रतिक्षण करूँ वंदना तेरी, भाव मुझे दो राम .. जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम..
मन चातक यह कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम, चलता जो भी राह तुम्हारी, जग उसका हो जाता,
लव-कुश जैसे पुत्र वो पाए, भरत से मिलते भ्राता,
उसके दिल में तुम बस जाना जो ले तेरा नाम ..
भक्ति भाव में अम्बरीष ये, करता तुम्हें प्रणाम . जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम.
मन चातक यह कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम,
चरणों में तेरे बसते है, जग के सारे धाम.
जय-जय राम सीता राम जय-जय राम सीता राम…

मेरे सरकार का दीदार बड़ा प्यारा है

मेरे सरकार का दीदार बड़ा प्यारा है
मेरे सरकार का दीदार बड़ा प्यारा है
कृष्ण मेरा प्यारा गोविन्द बड़ा प्यारा है
कृष्ण मेरा प्यारा गोविन्द बड़ा प्यारा है

.तेरे नैना कटीले मोटे मोटे रसीले
तेरे नैना कटीले मोटे मोटे रसीले।
दिल को छीन लिया तेरी प्यारी हसी
दिल को छीन लिया तेरी प्यारी हसी
प्यारी अंखियों में लगा कजरा बड़ा प्यारा है
प्यारी अंखियों में लगा कजरा बड़ा प्यारा है
कृष्ण मेरा प्यारा……..

लटों ने लूट लिया जिगर घायल ये किया
लटों ने लूट लिया जिगर घायल ये किया
तेरी प्यारी अदा ने मुझे बैचैन किया
तेरी प्यारी अदा ने मुझे बैचैन किया
मेरे सीने में तेरा दर्द बड़ा प्यारा है
मेरे सीने में तेरा दर्द बड़ा प्यारा है
कृष्ण मेरा प्यारा…….
ओ मेरे श्याम पिया तेरे बिन तड़पे
ओ मेरे श्याम पिया तेरे बिन तड़पे
प्रेम तुम से ही किया तूने क्या जादू
तेरी यांदो में थिरके अंग मेरा सारा है
तेरी यांदो में थिरके अंग मेरा सारा है
कृष्ण मेरा प्यारा…….
.
मेरे सरकार का दीदार बड़ा प्यारा है ……..

नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की - NAND KE ANAND BHAYO


नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की 
हाथी घोडा पालकी जय कन्हैया लाल की

सारे ब्रज में शोर मचा है, गोकुल में है हल्ला 
नन्द यशोदा के घर जन्मा सोहणा सोहणा लल्ला
बल्ले बल्ले बधाई सारे भगतां ने 

धन घड़ी धन भाग्य हमारा ऐसा शुभ दिन आया 
हम भगतों की रक्षा करने कृष्णा कन्हैया आया 
बल्ले बल्ले बधाई सारे भगतां ने 

बाल कृष्णा के दर्शन करने देवी देवता आएं
पलने में पालनहारी को देख सभी सुख पाएं 
बल्ले बल्ले बधाई सारे भगतां ने 

सोड़ा सोड़ा चाँद सा मुखड़ा नजर नहीं लग जावे 
लल्ला के मस्तक पे मैया काली टिकी लगावे 
बल्ले बल्ले बधाई सारे भगतां ने 

बनवारी जन्माष्टमी आई घर घर थाल बजाओ
झूमो नाचो ख़ुशी मनाओ जय जयकार लगाओ 
बल्ले बल्ले बधाई सारे भगतां ने

प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया- PRAGTE HE CHARON BHAIYA

प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया
बाजे बधाईयां बाजे शहनाईंयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

गलिन गलिन में धूम मची है-2
बाज रही शहनाईयां अवध में बाजे बधाईयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

जगमत जगमत दिवला जलत है-2
झिलमिल होत अटरिया अवध में बाजे बधाईयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

मईया लुटावे हीरे मोती-2
राजा लुटावे रुपइया अवध में बाजे बधाईयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

झांझ मृदंग ताल ढप बाजे-2
नाचे ता ता थइया अवध में बाजे बधाईयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

आज की बधाई राजा दशरथ जी के-AAJ KI BADHAI RAJA DASHRATH JI KE

आज की बधाई राजा दशरथ जी के

गंगा फूले यमुना फूले अति सुख पाइके
सरयू मैया ऐसे फूले राम के नहाय से
आज की बधाई राजा दशरथ जी के


चंपा चमेली जूही ऐसे फूले अति सुख पाइके
महलों में कौशल्या फूले अति सुख पाइके
आज की बधाई राजा दशरथ जी के


सूरज फूले चंदा फूले अति हर्षाय के
मोती जैसे चावल फूले राम के शीश पे लगाय के
आज की बधाई राजा दशरथ जी के

ऋषि मुनि महर्षि फूले अति हर्षाय के
वशिष्ट मुनि ऐसे फूले नाम रखवाय के
आज की बधाई राजा दशरथ जी के


ब्रम्हा फूले विष्णु फूले आनंद मनाय के
तुलसी दास ऐसे फूले राम गुण गाय के
आज की बधाई राजा दशरथ जी के 

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ- HE RAJA RAM TERI ARTI UTARUN


हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ
आरती उतारूँ तुझे तन मन बारूँ,

कनक शिहांसन रजत जोड़ी,
दशरथ नंदन जनक किशोरी,
युगुल  छबि को सदा निहारूँ,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ........

बाम भाग शोभति जग जननी, 
चरण बिराजत है सुत अंजनी,
उन चरणों को सदा पखारू,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ........ 

आरती हनुमंत के मन भाये,
राम कथा नित शिव जी गाये,
राम कथा हिरदय में उतारू,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ........ 

चरणों से निकली गंगा प्यारी,
बधन करती दुनिया सारी,
उन चरणों में शीश को धारू,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ........ 

भये प्रगट कृपाला-BHAYE PRAGAT KRIPALA

भये प्रगट कृपाला
भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी .
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी ..

लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी .
भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी ..

कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता .
माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता ..

करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता .
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयौ प्रकट श्रीकंता ..

ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै .
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै ..

उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै .
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ..

माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा .
कीजे सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा ..

सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा .
यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि ते न परहिं भवकूपा ..

लल्ला जन्म सुन आयी-LALLA JANM SUN AAYE

लल्ला जन्म सुन आयी

लल्ला जन्म सुन आयी , यशोदा मैया देदे बधाई 
देदे बधाई मैया देदे बधाई 
लल्ला जन्म सुन आयी यसोदा मैया देदे बधाई ॥

हीरे भी देदे मैया मोती भी देदे
नथनी की देदे घड़ाई यसोदा मैया देदे बधाई 
लल्ला जन्म सुन आयी यसोदा मैया देदे बधाई ॥

लहंगा भी देदे मैया चूड़ी भी देदे 
साड़ी की देदे कढ़ाई यसोदा मैया देदे बधाई 
लल्ला जन्म सुन आयी यसोदा मैया देदे बधाई ॥

सोना भी देदे मैया चांदी भी देदे 
झुमकी की देदे घड़ाई यसोदा मैया देदे बधाई 
लल्ला जन्म सुन आयी यसोदा मैया देदे बधाई॥

बांके बिहारी मुझको देना सहारा-BANKE BIHARI MUJHKO DENA SAHARA

बांके बिहारी मुझको देना सहारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

तेरे सिवा दिल में समाये न कोई
लगन का ये दीपक बुझाये ना कोई
तु ही मेरी कश्ती, तु ही है किनारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा
तेरे सिवा दिल में समाये न कोई
 का ये दीपक बुझाये ना कोई

तु ही मेरी कश्ती, तु ही है किनारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हार
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

तेरे नाम का गान गाता रहूं मै
सुबह शाम तुझको रिझाता रहू मै
तेरा नाम है मुझको प्राणों से प्यारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा

बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा
इशारो से मुझको बुलाती है दुनिया
देखू न हरगिज़ मै दुनिया का इशारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

बड़ी भूल की जो मै दुनिया में आया
मूल भी ख़ोया और ब्याज भी गवाया
दुनिया में मुझको ना भेजना दुबारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

बांके बिहारी मुझको देना सहारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा


इंतज़ाम कर दिया है तुमने रोज़ी रोटी का- INTZAM KAR DIYA HE TUMNE

इंतज़ाम कर दिया है तुमने रोज़ी रोटी का
इंतज़ाम कर दिया है तुमने रोज़ी रोटी का
विश्वकर्मा जी से नक्शा पास करा दे कोठी का
बाबा सुनलो ऐसी मेरी कोठी हो
दूर से ही कोठी के दरवाजे पर दिखे गणेश
जिनके दर्शन से मिट जाये सभी कलेश
ड्रॉइंग रूम और डायनिंग हाल भी हो उच्च कोटि का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
कोठी के अंदर बाबा तेरा सुन्दर मंदिर हो
सारे देवी देव साथ मंदिर के अंदर हो
घर में रहे प्रकाश भी बाबा तेरी ज्योति का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
एक रसोई अलग से हो जहा भोग रोज बन जाये
तुझको भोग लगा पहले बाद में हम मिल खाये
आँगन में तुलसी का पौधा हो पट्टी छोटी का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
मेरी श्याम और सुनलो
खड़ी हो बाबा एक लम्बी सी गाडी
खिली नरसिंघ लक्खा के घर की फुलवारी
शोर हमेशा मचा रहे घर पोते पोती का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
सुनले मेरी विनती बाबा
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का

आरती श्री दुर्गाजी - ARTI SHRI DURGA JI KI

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से है बलशाली,  अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

श्री गणेशजी की आरती - AARTI GANESH JI KI

श्री गणेशजी की आरती


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।।
'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

ॐ जय शिव ओंकारा- OM JAY SHIV OMKARA

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं- SHI BANKE BIHARI TERI AARTI GAU


श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं।
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं।
बाल कृष्ण तेरी आरती गाऊं॥



मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे।
प्यारी बंसी मेरो मन मोहे।
देख छवि बलिहारी मैं जाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥



चरणों से निकली गंगा प्यारी,
जिसने सारी दुनिया तारी।
मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥



दास अनाथ के नाथ आप हो।
दुःख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो।
हरी चरणों में शीश झुकाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥



श्री हरीदास के प्यारे तुम हो।
मेरे मोहन जीवन धन हो।
देख युगल छवि बलि बलि जाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

आरती अतिपावन पुराण की (श्रीमद भागवत पुराण) -AARTI ATI PAVAN PURAN KI


आरती अतिपावन पुराण की |
धर्म - भक्ति - विज्ञान - खान की || टेक ||

महापुराण भागवत निर्मल |
शुक-मुख-विगलित निगम-कल्ह-फल ||
परमानन्द-सुधा रसमय फल |
लीला रति रस रसिनधान की || आरती० 

कलिमल मथनि त्रिताप निवारिणी |
जन्म मृत्युमय भव भयहारिणी ||
सेवत सतत सकल सुखकारिणी |
सुमहैषधि हरि चरित गान की || आरती० 

विषय विलास विमोह विनाशिनी |
विमल विराग विवेक विनाशिनी ||
भागवत तत्व रहस्य प्रकाशिनी |
परम ज्योति परमात्मा ज्ञान को || आरती० 

परमहंस मुनि मन उल्लासिनी |
रसिक ह्रदय रस रास विलासिनी ||
भुक्ति मुक्ति रति प्रेम सुदासिनी |
कथा अकिंचन प्रिय सुजान की || आरती० 

आरती कुंजबिहारी की- ARTI KUNJ BIHARI KI


आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला,
श्रवण में कुण्डल झलकाला;
नंद के आनंद, मोहन बृज चंद्र, हरी सुख कंद
राधिका रमण बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…

गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली
रतन में ठाढ़े बनमाली;
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक;
ललित छवि श्यामा प्यारी की ॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…

कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं
गगन सों सुमन रासि बरसै;
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;
अतुल रति गोप कुमारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…

जहां से प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा
स्मरण से होत मोह भंगा;
बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;
चरन छवि श्रीबनवारी की ॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…

चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू 
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद;
टेर सुन दीन भिखारी की ॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…

आरती श्री रामायण जी की - ARTI SHRI RAMAYAN JI KI


आरती श्री रामायण जी की
कीरत कलित ललित सिय पिय की।

गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद
बाल्मीक विज्ञानी विशारद।
शुक सनकादि शेष अरु सारद
वरनि पवन सुत कीरति निकी।।
आरती श्री रामायण जी की ..

संतन गावत शम्भु भवानी
असु घट सम्भव मुनि विज्ञानी।
व्यास आदि कवि पुंज बखानी
काकभूसुंडि गरुड़ के हिय की।।
आरती श्री रामायण जी की ….

चारों वेद पूरान अष्टदस
छहों होण शास्त्र सब ग्रंथन को रस।
तन मन धन संतन को सर्वस
सारा अंश सम्मत सब ही की।।
आरती श्री रामायण जी की …

कलिमल हरनि विषय रस फीकी
सुभग सिंगार मुक्ती जुवती की।
हरनि रोग भव भूरी अमी की
तात मात सब विधि तुलसी की ।।
आरती श्री रामायण जी की ….

जानकी जानकी मैं ना दूँ जानकी - JANKI JANKI ME NA DUN JANKI


रावण मंदोदरी से कहता है:-

जानकी जानकी मैं ना दूँ जानकी,
मैंने बाज़ी लगाई है जान की।

मुझको परवा नहीं अपनी जान की,
मैं चुरा लाया मैं राम की जानकी।
तेरा बीटा जला, मेरी लंका जली,
अब ना वापिस करूँगा मैं जानकी॥

मेरे महलो की रानी बने जानकी,
तेरे पास बिठाऊंगा मैं जानकी।
मेरे मन में बसी उस दिन जानकी,
जब सवमवर में देखि थी जानकी॥

पार होगा वोही जिसे पकड़ेंगे राम,
जिस को छोड़ेंगे पल भर में डूब जाएगा।
मुझको चिंता नहीं अपनी जान की, 
मुझको चिंता लगी है उसकी जान की।
मैंने खायी कसम अपनी जान की,
मरते दम तक ना दूंगा मैं जानकी॥

श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में- SHAYM DEEWANO NE SHAYM KE PYAR ME

श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में 
ऐसी महफ़िल सजाई मज़ा आ गया !!
चाँद के साये में ए मेरे सांवरे
ऐसी मस्ती पिलाई मज़ा आ गया

हर एक भक्त तो आज मदहोश हे
ये तेरी ही नज़र का तो सा दोष हे
तेरे भजनों में हम ऐसे खो से गए
तूने नजरें मिलाईमज़ा आ गया
श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में 
ऐसी महफ़िल सजाई मज़ा आ गया !!

देखो बाबा भी नजरें मिलाने लगा 
देखकर हमको वो मुस्कुराने लगा
देखा हमने उन्हें मुस्कुराते हुए 
फिर गर्दन झुकाई मज़ा आ गया
श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में 
ऐसी महफ़िल सजाई मज़ा आ गया 

आज खाटू में आना सफल होगया
हम दिवानो को अब श्याम मिल ही गया
उसने हाथों से गिन्नी मेरे माथे पर
ऐसे ऊँगली फिराई मज़ा आ गया
श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में 
ऐसी महफ़िल सजाई मज़ा आ गया 

श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में 
ऐसी महफ़िल सजाई मज़ा आ गया 

जब से देखा तुम्हे, जाने क्या हो गया- JAB SE DEKHA TUJHE JANE KYA HOGYA


जब से देखा तुम्हे, जाने क्या हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ।

तू दाता है तेरा पुजारी हूँ मैं,
तेरे दर का ए बाबा भिखारी हूँ मैं ।
तेरी चौखट पे दिल है मेरा खो गया,
ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥

जब से मुझको ए श्याम तेरी भक्ति मिली,
मेरे मुरझाए मन में हैं कालिया खिली ।
जो ना सोचा कभी था वाही हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥

तेरे दरबार की वाह अजब शान है,
जो भी देखे वो ही तुझपे कुर्बान है ।
तेरी भक्ति का मुझको नशा हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥

‘शर्मा’ जब तेरी झांकी का दर्शन किया,
तेरे चरणो में तन मन यह अर्पण किया ।
इक दफा तेरी नगरी में जो भी गया,
ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥