राधे की कोई खबर लाता नहीं,
ग़म यही दिल से निकल पाता नहीं ।।
जा हवा तूं राधे को छूकर बता,
क्या उसे अब मुझसे नाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
दर्शन दो या प्रीत बन्धन तोड़ दो,
और ग़म मुझसे सहा जाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
आके जो ले ले खबर मुझ दीन की,
राधे बिन कोई नजर आता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
क्यों तड़फता है ये दिल बेप्रीत को,
दिल को ये कोई भी समझाता नहीं ।।
राधें की कोई खबर लाता.....
एक दिन साकार होती साधना,
फूल अगर श्रद्धा का मुरझाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
पूजता है यूँ ही राधे को,
राधे सा जग में कोई दाती नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
ग़म यही दिल से निकल पाता नहीं ।।
जा हवा तूं राधे को छूकर बता,
क्या उसे अब मुझसे नाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
दर्शन दो या प्रीत बन्धन तोड़ दो,
और ग़म मुझसे सहा जाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
आके जो ले ले खबर मुझ दीन की,
राधे बिन कोई नजर आता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
क्यों तड़फता है ये दिल बेप्रीत को,
दिल को ये कोई भी समझाता नहीं ।।
राधें की कोई खबर लाता.....
एक दिन साकार होती साधना,
फूल अगर श्रद्धा का मुरझाता नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
पूजता है यूँ ही राधे को,
राधे सा जग में कोई दाती नहीं ।।
राधे की कोई खबर लाता.....
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