तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी, TUMNE LAKHON KI KISMAT

 


तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,
तेरी चौखट पे जो भी झुका है,
उसको दुनियाँ ने सर पे रखा है,
तेरे रुतबे का क्या क्या सबब दे,
इतनी ताकत नहीं है हमारी,
तुमने लाखो की किस्मत सँवारी,
अब संवरने की बारी हमारी,

आस तेरी भरोसा तुम्ही पर है श्याम,
तू ही मोहन कन्हैयाँ तू ही तो है राम,
दर पे आए बेगाने दीवाने बड़े,
भर दो झोली खड़े है भगत ये तेरे,
जब तलक तू सँवारे ना बिगड़ी,
तेरे दर से ना जाए सवाली,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,

हम सुधरना भी चाहें कहो क्या करें,
तेरी मोह माया से बौल कितना लड़े,
हम है नर तेरे जैसे नारायण नहीं,
तुम अगर साथ दो होगी तेरी कहीं,
रजा तेरी में हम तो है राजी,
श्याम करना ना हमसे नाराज़ी,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,

तू जो चाहें तो बहरा भी सुनने लगे,
लूला लंगड़ा पहाड़ों पे चढने लगे,
जिंदगी मौत सब कुछ तेरे हाथ है,
तुम अगर साथ हो तो फिर क्या बात है,
तेरे रहमों करम पे पड़े हैं,
जाने कब होगी रहमत तुम्हारी,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,

तुम हो दानी तो हम है भिखारी तेरे,
तुम हो ठाकुर तो हम है पुजारी तेरे,
जया भक्तों से क्यों इतना कतराते हो,
ऐसा क्या माँगा देने में घबराते हो,
ख़ुदगर्जों ने अर्जी सुना दी,
अब कृपा की है मर्जी तुम्हारी,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,
तुमने लाख़ों की क़िस्मत सँवारी,
अब सँवरने की बारी हमारी,
तेरी चौखट पे जो भी झुका है,
उसको दुनियाँ ने सर पे रखा है,
तेरे रुतबे का क्या क्या सबब दे,
इतनी ताकत नहीं है हमारी,
तुमने लाखो की किस्मत सँवारी,
अब संवरने की बारी हमारी,

mati ka khilo na mati me mil माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

 

मान मेरा कहना, नहीं तो पछतायेगा।
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा

मात पिता तेरा,कुटुंब कबीला।

विपदा पड़े पर,कोई ना किसी का।

एक दिन हंसा,अकेला उड़ जायेगा।

मिट्टी का खिलौना, मिट्टी में मिल जायेगा।
                                                                    मान मेरा.......

बेटा बेटा क्या करता है।बेटा तेरा एक दिन,
पडोसी बन जायेगा।

माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                                  मान मेरा........

बेटी बेटी क्या करता है। बेटी तेरी एक दिन,
जवाई ले जायेगा।

माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                            मान मेरा.........

पडोसी पडोसी क्या करता है। पडोसी तो एक दिन,
जला कर चला जायेगा।
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                   मान मेरा..........

धन दौलत तेरे, कोठी रे बंगले।
इन से ममता,छोड़ दे पगले।
सब कुछ तेरा,यही रह जायेगा।
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                        मान मेरा...........

मनुस्ये जनम तूने, पाया रे बन्दे।
करम ना कर तू ,जग में गंदे।
जैसा बीज बोया तू ,वैसा फल पायेगा।
माटी का खिलौना माटी में मिल जाएगा
                                                मान मेरा...........

RAM KO DEKH KAR KE JANAK राम को देख कर के जनक नंदिनी (तेरा दिल मेरे पास रहने दे)

 राम को देख कर के जनक नंदिनी,
बाग़ में वो खड़ी की खड़ी रह गयी ।
राम देखे सिया को सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी ॥

यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग,
ले धनुष दानवो को लगे काटने ।
एक ही बाण में ताड़का राक्षसी,
गिर जमी पर पड़ी की पड़ी रह गयी ॥

राम को मन के मंदिर में अस्थान दे
कर लगी सोचने मन में यह जानकी ।
तोड़ पाएंगे कैसे यह धनुष कुंवर,
मन में चिंता बड़ी की बड़ी रह गयी ॥

विश्व के सारे राजा जनकपुर में जब,
शिव धनुष तोड़ पाने में असफल हुए ।
तब श्री राम ने तोडा को दंड को,
सब की आँखे बड़ी की बड़ी रह गयी ॥

तीन दिन तक तपस्या की रघुवीर ने,
सिंधु जाने का रास्ता न उनको दिया ।
ले धनुष राम जी ने की जब गर्जना,
उसकी लहरे रुकी की रह गयी ॥

Kanha mera kam karoge kya loge बाबा मेरा काम करोगे बोलो क्या लोगे, baba mera kam kroge bolo kya loge

 बाबा मेरा काम करोगे बोलो क्या लोगे,
सिर पर हाथ दरो गये बोलो क्या लोगे,
छोटी सी है नाव मेरी बाबा जी इसको पार करो गये,
बोलो क्या लोगे,

जीवन चार दिन का है तुम्हारा साथ क्या मंग्ये
बड़ी छोटी सी जिंदगानी तुम्हारा हाथ क्या मांगे
लम्बी उम्र जो दोगे बोलो क्या लोगे,
सिर पर हाथ दरो गये बोलो क्या लोगे

मेरी नैया पुराणी है मुझे उस पार जाना है,
बड़ा कमजोर हु बाबा तुम्हे माजी बनाना है,
सबको पार करो गये बोलो क्या लोगे,
बाबा मेरा काम करोगे....

हजारो गम छुपये है लाखो बार रोये है
मगर अफ़सोस बनवारी मेरे सरकार सोये है
दिल की बात सुनो गये बोलो क्या लोगे
बाबा मेरा काम करोगे......

गजानन पधारो आसन सम्हारो-Gajanan Padharo Aasan Samharo

गजानन पधारो आसन संभालो

 करूं वंदना मेरी और निहारो.....

गजानन पधारो आसन संभालो....2

रिद्धि और सिद्धि  दाता दासी तुम्हारी....

सदा सिंघवाहिनी शक्ति माता तुम्हारी ......

नीलकंठ गंगाधर जग को सहारो....

गजानन पधारो आसन सम्हारो....

अंधों को आँख देते कोढ़िन को काया...

स्वामी गणों के बन के गणपति कहाया.....

लडुअन के भोग दाता लगे  तुमको प्यारा....

गजानंद पधारो  आसन संभालो.....

विघ्नों को विघ्नों को हरने वाले मंगल कराओ....

भक्ति से स्वामी अपने दया बरसाओ.....

भटकी हुई नैया तुम पार लगाओ....

 गजानन पधारो आसन संभालो

करू वंदना मेरी ओर निहारो 

गजानन पधारो आसन सम्हारो


 

देर न हो जाये कहीं देर न हो जाये Der n ho jaye ahi

 सभा में द्रोपती, रो रो के, पुकारे आओ

कहाँ छुपे हो प्रभु, नंद दुलारे आओ

लाज अबला की, लूटी जा रही है, मनमोहन

भक्त वत्तस्ल प्रभु, निर्बल के, सहारे आओ


कब आओगे ॥॥, लाज मेरी लूट जाएगी क्या, तब आओगे

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, मोहन लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


सुना है लाज तुमने, कितनो की बचाई है ll

और बिगड़ी भी सुना, लाखों की बनाई है,

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


जब भक्त की तेरे लाज गई,

तब क्या होगा फिर आने से ll

जब खेती सूख गई तो,

क्या होगा अमृत बरसाने से,

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


अब तो अपने सभी, हो गए पराए,

बैठे सब हैं यहां, सर को झुकाए ll

दुशाशन खींचे मेरी, साड़ी सभा में ll

इज़्ज़त मेरी, बचे न बचाए ll

सारी दुनियां के आगे,,,बदनाम मोहन,,,,,ll

हो जाओगे,,मैं जान दे दूँगी जो,,, तुम नहीं आओगे

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


अब तो होता नहीं, सब्र आ जा,

लेने द्रोपती की, खबर आ जा,

शर्मा बेचैन है, दर्शन के लिए,

देर से ही सही, मगर आ जा,

" दुःख की घड़ी है,,, आ जा,

विपदा पड़ी है,,, आ जा,

नैया भंवर में मेरी,

आकर पड़ी है आ जा श्याम " ll

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,, मोहन लाज न मेरी लूट जाए,

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


गाऊँऊ की कसम है " तुझे, ग्वालों की कसम है "

ओ राधा की कसम है " तुझे, रुक्मण की कसम है "

आ जा,,, कि तेरे, भक्तों की कसम है

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

आ जा रे,,,  लाज न मेरी लूट जाए,

देर न हो जाए कहीं, देर न हो जाए ll

देर क्यों लगाए श्याम, देर क्यों लगाए ll


आ जा ओ  मोहन तेरी, बहना पुकारती है ll

बहना पुकारती है, बहना पुकारती है,

लाज बचा जा तेरी, बहना पुकारती है ll

आ जा ओ मोहन तेरी, बहना पुकारती है ll


सुन के पुकार, श्याम आए हैं,

लाज बहना की, वो बचाए हैं

थक गया दुष्ट, दुशाशन तो भी,

ढेर साड़ी के, वो लगाए हैं

सुन के पुकार, श्याम आऐ हैं

लाज बहना की, वो बचाए हैं,,,,,,,

बूटी हरि के नाम की buti hari ke nam ki

 बूटी हरि के नाम की सबको पिलाके पी ।
चितवन को चित के चोर से चित को चुराके पी ॥

         अंतरा

पीने की तमन्ना है तो खुद मिटाके पी ।
ब्रम्हा ने चारो वेदों की पुस्तक बनाके पी ॥ बूटी ॥

शंकर ने अपने शीश पे गंगा चढ़ाके पी।
ठोकर से श्री राम ने पत्थर जगाके पी ।
बजरंग बली ने रावण की लंका जलाके पी ॥ बूटी ॥

पृथ्वी का भार शेष के सिर पर उठाके पी ।
बालि ने चोट बाण की सीने पर खाके पी ॥ बूटी ॥

अर्जुन ने ज्ञान गीता का अमृत बनाके पी ।
श्री जी बाबा ने भक्तों को भागवत सुनाके पी ॥ बूटी ॥  

संतो ने ज्ञान सागर को गागर बनाके पी ।
भक्तों ने गुरु चरण रज मस्तक लगाके पी ॥ बूटी ॥