Prabhu ko gar bhulaoge bande

 प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


पैसे के खातिर तू बन्दे,करता रहा हेरा फेरी,

घी में डालडा, डालडा में घी,करते नही तनिक देरी,

सुंदर वक़्त को कब तक बन्दे,व्यर्थ में यू ही गवाओगे,

पैसे से बिस्तर लाओगे,नींद कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


साबुन से इस् तन को बन्दे,धोता रहा तू मल-मल के,

मन तो तेरा गंदा रह गया,तीरथ करता चल-चल के,

प्रभु शरण में नही गए तो,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से गहना लाओगे,रूप कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥

संगीत है शक्ति ईश्वर का,इसका ही गुणगान करो,

मन को बांधो तन को साधो,कभी नही अभिमान करो,

अगर साधना नही करोगे,अंत समय पछताओगे,

पैसे से सरगम सीखोगे,दर्द कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥

TUJHE DEKH KE DIL BHARTA HI NAHI तुझे देख के दिल भरता ही नहीं

 मोहन नैना आपके नौका के आकर

जो जन इनमे इनमे बस सो जान है गए पार।।

आ पिया इन नैनं में पालक धाप तोहे लू
ना मैं तोहे देखु गैर को न तोहे देखन दूँ।।

तुझे देख के दिल भरता ही नहीं
अब जाऊं कहां मैं सांवरिया।।

पीया छोड़ गए दिल तोड़ गए दिल
अब बांके फिरू मैं बावरिया
अब बांके फिरू मैं बावरिया।।

तुझे देख के दिल भरता ही नहीं
अब जाऊं कहां मैं सांवरिया।।

तिरछी चितवन बाकी है अदा
तेरे नैन कटीले कजरारे
अब तेरे बिना जी लगता नहीं
अब काहे सताए सांवरिया तेरी।।

तुझे देख के दिल भरता ही नहीं
अब जाऊं कहां मैं सांवरिया।।

मुरली की मीठी तानों पर
दिल मेरा कन्हैया खोने लगा
अब आके सुना दे बांसुरिया
अब मिल भी जाओ सांवरिया।।

तुझे देख के दिल भरता ही नहीं
अब जाऊं कहां मैं सांवरिया।।

तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

 


तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना
तेरे बिगड़े बनेंगे काम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

एक रघुवर श्री जानकी मैया
फिर क्यों परेशान हो भैया
तेरे कटेंगे कष्ट तमाम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

योजन राम कथा सत्संगी
उनके सहायक श्री बजरंगी
अतुलित बल के धाम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

अगर प्रभु मनमानी करेंगे
नहीं शरणागत की पीर हरेंगे
होगा बिरथ बदनाम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना

अब बेकार ना आह भरो तुम
नहीं व्यर्थ परवाह करो तुम
रटो रामजी का नाम फिकर फिर क्या करना
तेरे सिर पे सीताराम फिकर फिर क्या करना
तेरे बिगड़े बनेंगे काम फिकर फिर क्या करना

RAM KO MANG LE MERE PYARE राम को मांग ले मेरे प्यारे

 राम को मांग ले मेरे प्यारे,

उमर भर को सहारा मिलेगा,
राम को माँग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा,
सिर्फ इनकी शरण ही में तुझको,
सिर्फ इनकी शरण में ही सबको,
जिंदगी भर गुज़ारा मिलेगा,
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।

कितना दो हाथों से ले सकेगा,
देने वाले की है लाख बाँहें,
इनका दामन पकड़ कर तो देखो,
(इसकी बाँह पकड़ कर तो देखों)
ख़ुशनुमा सा नज़ारा मिलेगा,
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।
(राम को माँग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा। )

खुद को तनहा समझता है तू,
जर्रे जर्रे में है ये समाया,
(कण कण में वह समाया है)
दुख में आवाज देकर तो देखों,
दिल से आवाज देकर तो देखो,
कौशल्या का दुलारा मिलेगा,
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।
(राम को माँग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा। )

रुप नैनों में इनका बसा लो,
नाम लेते रहो चलते फिरते,
चाहे तूफां हो या भँवर हो,
हर सफर में किनारा मिलेगा
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।

राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उमर भर को सहारा मिलेगा,
राम को माँग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा,
सिर्फ इनकी शरण ही में तुझको,
सिर्फ इनकी शरण में ही सबको,
जिंदगी भर गुज़ारा मिलेगा,
राम को मांग ले मेरे प्यारे,
उम्र भर को सहारा मिलेगा।

हम सांस ले रहे है इस जान की बदौलत, SHRI RAM KI BADOLAT

 हम सांस ले रहे है इस जान की बदौलत,

और जान जिस्म में है श्री राम की बदौलत


श्री राम नाम जप के लंका से जीत आए,

हनुमान सिद्धि पा गए हरि नाम की बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं....


कुछ पुण्य हो रहा है जो सूरज निकल रहा है,

धरती थमी है सदियों से इंसान की बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं...


हमें  गर्व हो रहा है विज्ञान की बदौलत,

विज्ञान का वजूद है भगवान की बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं...


मेरे लिए अतिथि भगवान के बराबर,

सर करते है न्यौछावर मेहमान के बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं...


लब पे हंसी नहीं तो जीना भी है क्या जीना,

पहचान है जहाँ में मुस्कान की बदौलत,

हम सांस ले रहे हैं...

SHIV SHAMBHU SA NIRALA KOI DEVTA शिव शम्भू सा निराला

 शिव शंभू सा निराला, कोई देवता नहीं है 

जैसा भी है डमरू वाला, कोई देवता नहीं है

सिर पर बसी है गंगा माथे पर चंद्रमा है 

नंदी की है सवारी अर्धांगिनी उमा है

 गले सर्प की है माला, कोई देवता नही है

 शिव शम्भू सा निराला कोई देवता नही है

अमृत की कामना से सब मथ रहे थे सागर 

निकला है जिससे विष जो वो गए हराहर 

वो जहर को पीने वाला कोई देवता नहीं है 

शिव शंभू से निराला कोई देवता नहीं है

आशा हुई निराशा जाए तो किसी के द्वारे

तुझे छोड़कर महेश्वर अब किसको हम पुकारे

 सोना है.....महक वाला कोई देवता नहीं है 

शिव शंभू से निराला कोई देवता नहीं है


mohabbat se mohabbat ka मोहब्बत से मोहब्बत का तकाजा क्यों किया तुमने

 हमसे वादा तो वफाओं का किया जाता है
वक्त पड़ने पर मुंह फेर लिया जाता है
तेरी महफिल का अंदाज ही अलग है साकी
यारा मुंह देख के पैमाना दिया जाता है
रूहें यूँ तन के लिबासों में बसर करती हैं
चिट्टियां जैसे लिफाफे में बसर करती है
 कल तेरी याद  ने हीं बताया मुझको
तेरी नींदे मेरे ख्वाबों में बसर करती है
मोहब्बत से मोहब्बत का तकाजा क्यों किया तुमने
झुकी नज़रों से मिलने का इशारा क्यों किया तुमने
मेरा दिल तो नहीं टूटा मेरे जज्बात टूटे हैं
नआना था नहीं आते ये वादा क्यों किया तुमने
मेरी मंजिल मोहब्बत है तुम्हारी भूख है दुनिया
मोहब्बत कर नहीं सकते
तमाशा क्यों किया तुमने
जो तुमने हाथ पकड़ा था तो
कुछ दूर भी चलते
सफर आसान हो जाता
किनारा क्यों किया तुमने
जो मां का दिल दुखाते हैं
उन्हीं से पूछता हूं मैं
ये जन्नत छोड़ कर दोजख का
 सौदा क्यों किया करो