काली कमली वाला मेरा यार है- KALI KAMLI WALA MERA YAAR HE


काली कमली वाला मेरा यार है
काली कमली वाला मेरा यार है,

मेरे मन का मोहन तू दिलदार है ।
तू मेरा यार है, मेरा दिलदार है ॥



मन मोहन मैं तेरा दीवाना, गाउँ बस अब यही तराना ।
श्याम सलोने तू मेरा रिजवार है, मेरे मन का मोहन तू दिलदार है ॥



तू मेरा मैं तेरा प्यारे, यह जीवन अब तेरे सहारे ।
तेरे हाथ इस जीवन की पतवार है, मेरे मन का मोहन तू दिलदार है ॥



पागल प्रीत की एक ही आशा, दर्दे दिल दर्शन का प्यासा ।
तेरे हर वादे पे मुझे ऐतबार है, मेरे मन का मोहन तू दिलदार है ॥



तुझको अपना मान लिया है, यह जीवन तेरे नाम किया है ।
चित्र विचित्र को बस तुमसे ही प्यार है, मेरे मन का मोहन तू दिलदार है ॥

रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति - RIDDHI SIDDHI KE DATA SUNO GANPATI

रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति 
आपकी मेहरबानी हमें चाहिए !!

पहले सुमिरन करू गणपति आपका
लैब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिए
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति 
आपकी मेहरबानी हमें चाहिए !!

सर झुकता हूँ चरणों में सुन लीजिये
आज बिगड़ी हमारी बना दीजिये
न तमन्ना हे धन और सरताज की
तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिए
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति 
आपकी मेहरबानी हमें चाहिए !!

तेरी भक्ति का दिल में नशा चूर हो
बस आँखों में बाबा तेरा नूर हो
कंठ पे शारदा माँ हमेशा रहे
रिद्धि सिद्धि का वर ही हमें चाहिए
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति 
आपकी मेहरबानी हमें चाहिए !!

सारे देवों मेंगुणवान दाता हो तुम
सारे वेदों में वेदों के ज्ञाता हो तुम
ज्ञान देदो भजन गीत गाते रहें
बस यही जिंदगानी हमें चाहिए
रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति 
आपकी मेहरबानी हमें चाहिए !!




मेरा खो गया बाजूबन्द रसिया-MERO KHO GAYO BAJU BAND

हो मेरा खो गयो बाजूबन्द रसियाओ रसिया होली में
होली में होली में होली-होली मेंओ रसिया होली में || मेरा खो गयो

बाजूबन्द मेरो बड़े री मोल कातोसे बनवाऊँ पूरे तोल का
सुन!!!! सुन नन्द के परचन्दओ रसिया होली में || मेरा खो गयो

सास लड़ेगी मेरी नन्द लड़ेगीबलम की सिर पे मार पड़ेगी
तो!!!! तो हो जाय सब रस भंगओ रसिया होली में || मेरा खो गयो

ऊधम तूने लाला बहुत मचायालाज-शरम जाने कहाँ धर आया
मैं तो!!!! मैं तो आ गई तोसे तंगओ रसिया होली में || मेरा खो गयो

मेरी तेरी प्रीत पुरानीतूने मोहन नहीं पहचानी

ओ मुझे!!!!! ओ मुझे ले चल अपने संगओ रसिया होली में || मेरा खो गयो

फागुन के दिन चार रे- FAGUN KE DIN CHAR

फागुन के दिन चार रे, होली खेल मना रे, फागुन के दिन चार।

बिन करताल पखावज बाजे, अनहद की टंकार रे
   बिन सुर राग छतीसों गावे, रोम-रोम झंकार रे
          होली खेल मना रे, फागुन के दिन चार ॥

शील-संतोष की केसर घोरी, प्रेम-प्रीत पिचकार रे   
   उड़त गुलाल लाल भयो अम्बर, बरसत रंग अपार रे
          होली खेल मना रे, फागुन के दिन चार ॥ 

घूँघट के पट खोल दिए हैं, लोक लाज सब ड़ार रे
   मीरा के प्रभु गिरधर नागर, चरण-कमल बलिहार रे

          होली खेल मना रे, फागुन के दिन चार ॥ 

आज बिरज में होरी रे रसिया- AAJ BIRAJ ME HORI RE RASIYA

आज बिरज में होरी रे रसिया
       होली रे रसियाबरजोरी रे रसिया  आज बिरज में -----------
चोवा चन्दन और अगरजा,
   केसर मृगमद घोरी रे रसिया ॥ आज बिरज में -----------

इधर से आए कुँवर कन्हैयाइधर से आए कुँवर कन्हैया
       उधर से राधा गोरी रे रसिया  आज बिरज में -----------
अपने-अपने घर से निकलींअपने-अपने घर से निकलीं
       कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया  आज बिरज में -----------

कौन के हाथ कनक पिचकारीकौन के हाथ कनक पिचकारी
       कौन के हाथ कमोरी रे रसिया  आज बिरज में -----------
राधा के हाथ कनक पिचकारीराधा के हाथ कनक पिचकारी
       श्याम के हाथ कमोरी रे रसिया  आज बिरज में ----------

कितना लाल-गुलाल मँगायाकितना लाल-गुलाल मँगाया
       कितनी मँगाई केसर रे रसियाआज बिरज में -----------
सौ मन लाल-गुलाल मँगायासौ मन लाल-गुलाल मँगाया
       दस मन केसर घोली रे रसिया  आज बिरज में -----------

उड़ा गुलाल लाल हुए बादलउड़ा गुलाल लाल हुए बादल
       केसर हवा में घुली रे रसिया  आज बिरज में -----------
बज रहे ताल मृदंग-झाँझ-ढपबज रहे ताल मृदंग-झाँझ-ढप
       और नगाड़ों की जोड़ी रे रसिया   आज बिरज में -----------

चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छविचन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि

       युग-युग जिए यह जोड़ी रे रसिया आज बिरज में -----------

होरी में लाज न कर गोरी होरी में- HORI ME LAJ NA KAR GORI


होरी में लाज न कर गोरी होरी में।


हम ब्रज के रसिया तू गोरी, ऐसी सुघड़ बनी यह जोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

जो हमसे सूधे नहीं खेले, तो फिर हम करि हैं बरजोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

सास ननद से दुबक दुबक के, हमसे खेल लै होरी गोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

नारायन अब निकस द्वार से, छूटेगी नाँय बन के भोरी,
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----




पुरुषोत्तम प्रभु की छवि निरखें, निरखें बरसाने की होरी।
होरी में, हाँ हाँ होरी में, हम्बै होरी में,
होरी में ----

होरी खेल रहे नन्दलाल, गोकुल की कुंज गलिन में- HORI KHEL RAHE NAND LAL

होरी खेल रहे नन्दलाल, गोकुल की कुंज गलिन में,

गोकुल की कुंज गलिन में, मथुरा की सँकरी गलिन में ॥ होरी खेल ----

पूरब में राधा प्यारी, पश्चिम में कृष्ण मुरारी,

उत्तर दक्खिन गोपी ग्वाल, गोकुल की कुंज गलिन में।

याने भर पिचकारी मारी, चूनर की सुरत बिगारी,

मेरे गालन मल्यो गुलाल, गोकुल की कुंज गलिन में।

मोहे छेड़े मत मोरे सइयाँ, मैं पड़ूँ तिहारे पइयाँ,

मोहे मती करो बेहाल, गोकुल की कुंज गलिन में।