KHUB SURAT HAI ANKHE TERI //खूबसूरत हैं आंखे तेरी सांवरे

खूबसूरत हैं आंखे तेरी सांवरे इक नज़र देख ले,

खुद वखुद नींद आ जाएगी प्यार से तू जरा देख ले,

दिल की गहराइयों ने छुआ है,
सांवरे इश्क(प्यार ) तुमसे हुआ है,
मेरे इस दिल में चाहत तेरी कर गई क्या असर देख ले,
खुद वखुद नींद आ जाएगी प्यार से तू जरा देख ले,

द्वार तेरे पे  आना हुआ है,
मेरा दिल ये  दीवाना हुआ है,
मर गए हम अदा पे  तेरी तुझको कुछ ना खबर देख ले,
खुद वखुद नींद आ जाएगी प्यार से तू जरा देख ले,

दुनिया तेरी अदा पे मरी है,
कैसी नज़रों में जादूगरी है,
तेरे बिन है अधूरा मेरा ज़िन्दगी का सफर देख ले,
खूबसूरत हैं आंखे तेरी सांवरे इक नज़र देख ले,  

PARWAH NAHI HE MERA YAR//परवाह नही है मेरा यार,मुरली वाला है

एक बार अयोध्या जाओ,दो बार द्वारिका

तीन बार जाकर त्रिवेणी में नहाओ

चार बार चित्रकूट नौ बार नासिक में

बार बार बद्रीनाथ चाहे जहाँ जाओ

कोटि बार काशी  केदार नाथ रामेश्वर

गया जगन्नाथ चाहे जहां जाओगे

होंन्गे प्रत्यक्ष तुम्हें दरश श्यामा श्याम के

वृन्दावन सा कहीं आनंद नही पाओगे


इसी ने ही पाला मुझको,इसी ने सम्हाला है

परवाह नही है मेरा यार,मुरली वाला है

मुझे हर मुसीबत से बाहर निकाला है

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है

इसी ने ही पाला मुझको 

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है

करुणा मई करुणा सब बहती  माया है

मिट्टी था मैं तो मुझको चंदन बनाया है

अंधेरो को भी मेरे उजालों में ढाला है

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है

मुझे हर मुसीबत से बाहर निकाला है

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है


मतलब की है ये दुनिया खूब आजमाया है

मुसीबत में भी मेरे श्याम काम आया है

सांस सांस सिमरे  तेरे नाम की ही माला है 

मुझे हर मुसीबत से बाहर निकाला है

परवाह नही है मेरा यार मुरली वाला है

JAB SE BANKE BIHARI HAMARE HUYE // जब से बांके बिहारी हुमारे हुए

जब से बांके बिहारी हुमारे हुए

कवित्त 

हम एसे नहीं तुम्हें चाहने वाले 
जो आज तुम्हें कल ओर को चाहें ॥ 
फेंक दें आख निकाल दोई  ....
जो ओर किसी से नजरें मिलाएं ॥ 
लाख मिलें तुम से बढ़कर .....
तुम्ही को ही चाहें तुम्ही को सराहें 
जब लों तन मे प्राण रहें,  तव लों  हम प्रीत को नातों निभाएं 

जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए,
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,

बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...  बाँके बिहारी ...

अब कही देखने की ना ख्वाइश रही, 
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही, 
 जबसे वो मेरी, नज़रो के तारे हुए, 2
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए,

वो एक नज़र सा डाल के जादू सा कर गये, 
नज़रे मिला के मुझसे ना जाने किधर गये,


दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ............. हे बाँके बिहारी .........
दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ......2 

 सवैया- 
ये अग्नि तुम्हारी लगाई हुई ,तेरे  बिन अब बुझाएगा कोन  
परिवार जनों से नाता तजा ,उनमे  हमको अपनाएगा कोन 
श्री कृष्ण अनाथन को तज के ,दुखियों पर दया दिखाएगा कोन 
ब्रिजराज तुम्हारे बिना हमको , अब अधराम्रत  पान कराएगा कोन ॥ 

दर्द ही अब हमारी दवा बन गया ......2 
यह दर्द भी उन्ही के  नजारे हए 
जो कुच्छ भी यह दौलत है,
वो तेरी ही बदोलत है, प्यारे
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हुमारे हुए