SAKHI RI METO FAG MANAUNGI सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी

 डफ ढोल बजाऊंगी
सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी.....x3

बरसने में आज मची है आज सखी रंगाली होली,
ओह्ह सखी रंगाली होली......
हा हा सखी रंगाली होली......
भरली सबने रंग पिचकारी ।।

भरली रंग घूमोरी रंग में रंग जाऊंगी ।।
सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी......
डफ ढोल बजाऊंगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी ।।
हरे गुलाबी नीला पिला उड़ रयो है भारी,
केसर की जिन गलियों में रंग गए नर नारी,
ओह्ह रंग गए नर नारी......
हा हा रंग गए नर नारी......

में भी रंग उड़ाऊंगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी,
डफ ढोल बजाऊंगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी ।।

अभी गुलाल उड़े अंबर में फ़ाग मचे चहु ओर,
ओह्ह फ़ाग मचे चहु ओर......
हा हा फ़ाग मचे चहु ओर......
इत में घेरी गली रंगाली उत में साथ विघोर,
ओह्ह उत में साथ विघोर........
हा हा उत में साथ विघोर.........

अब एक न मानूँगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी,
डफ ढोल बजाऊंगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी ।।

चित्र विचित्र पागल के संग में होरी के रसिया गावे,
ओह्ह होरी के रसिया गावे......
हा हा होरी के रसिया गावे.......
अजर अमरिया ब्रज की होरी दरश करत सत पावे,
ओह्ह दरश करत सत पावे.....
हा हा दरश करत सत पावे......

प्रेम रास में पाऊंगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी,
डफ ढोल बजाऊंगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी ।।

डफ ढोल बजाऊंगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी ।।
डफ ढोल बजाऊंगी सखी री में तो फ़ाग मनाऊंगी ।।

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