Mere kanha jo aaye palat ke

मेरे कान्हा जो आये पलट के,
आज  होली मैं खेलूंगी डट के,

अपने तन पे गुलाल लगा गे,
उनके पीछे मैं छुपके से जाके,
रंग दूंगी उन्हें मैं लिपट के,
आज  होली मैं खेलूंगी डट के,

की उन्हों अगर जोरा-जोरी,
जोरा-जोरी,जोरा-जोरी,
छिन्नी पिचकारी बाइयाँ मरोरी,
गरियाँ मैंने रखी है रट के,
आज  होली मैं खेलूंगी डट के,

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