तर्ज

*किसी से उनकी मंज़िल का*

* लगन तुमसे लगा बैठे *

बनो इतने न निर्मोही, दया सागर कहाते हो

सभी कष्ट हरते हो, हमे फ़िर क्यों सताते हो


जो दोगे दर्श निज जन को, तुम्हारा हर्ज क्या होगा

न आते जो बुलाने से,

मुझे इतना रुलाते हो


*बनो इतने न निर्मोही.....*

इसी चिंता में रहता हूं,

तुम्हे किस तरह पाऊँ।।

घनश्याम तुम्हारे मिलने को

जीवन की बाजी लगा चुके

तुम मानो या न हमे मानो

हम तुमको अपना बना चुके


यदि दुर्गति प्रभु मेरी होगी

अपकिरत भी तेरी होगी

क्योकि....

हम नन्द सुवन गोपाल के हैं

यह बात जगत को बता चुके

इसी चिंता में रहता हूँ

तुम्हें मैं किस तरह पाउ


पुकारूँ तुमको, जिसे सुन दौड़े आते हो

बनो इतने निर्मोही दया सागर कहाते हो

करोगे राम के मन की ,

घड़ी वह कौन आवेगी,

करोगे राम के मन की

मिलोगे कब जनै मोहन

मुझे तुम बहुत भाते हो


*बनो इतने न निर्मोही

दया सागर कहाते हो*

करो मन चलने की तैयारी।

दोहा 

जाते नहीं है कोई 

दुनिया से दूर चलके 

आ  मिलते है  सब यही पर 

कपड़े बदल बदल के 



 करो मन चलने की तैयारी।
आये हो तो जाना होगा,
शाश्वत नियम निभाना होगा।
सूरज रोज़ किया करता है,
ढ़लने की तैयारी।


स्वप्न सभी रह गए अधूरे,
जाने कौन करेगा पूरे।
कालबली सम्पन्न कर चुका,
छलने की तैयारी।


हमसे कोई तंग न होगा,
महफ़िल होगी रंग न होगा।
गंगा के तट धू-धू करके ,
जलने की तैयारी।
करो मन चलने की तैयारी।


 मुंदरी उरझि गई राधिका की लट बीच,

ढूंढत फिरत स्याम, अपनी मुंदरिया।

ललिता ने पाय लई, मुंदरी सहेज लई,
स्याम जू को जाय दई, हीरे की मुंदरिया।
बोली इठलाय कछू भेंट तो निकारो, स्याम
बोले स्याम, चूमि लेव, मोरी या अंगुरिया।
चूमत हंसत जात, 'ललिता' कहत जात,
राम करे खोय जाय, तोरी या बंसुरिया॥

 राम सृष्टा भी है राम सृष्टि भी है

राम दृष्टा भी है और दृष्टि भी है राम एकांत है राम महफिल भी है राम रस्ता भी है राम मंजिल भी है राम जीवन भी है राम मुक्ति भी है राम है खोज भी राम युक्ति भी है राम मनहर भी है और मनस्वी भी है राम राजा भी है और तपस्वी भी है.

 मोहे ब्रज की धुल बना दे,

लाड़ली श्री राधे,लाड़ली श्री राधे,
स्वामिनी श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे

मैं साधन हिन किशोरी जी,
दीनन में दीन किशोरी जी,
दीनन में दीन किशोरी जी,
मेरे सोये भाग्य जगा दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे

अज्ञानी अभागिन हूँ दासी,
अखियाँ दर्शन को है प्यासी,
अखियाँ दर्शन को है प्यासी,
मेरी नैनो की प्यास बुझा दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे

जैसी भी हूँ मैं तुम्हारी हूँ,
करुणा की मैं अधिकारी हूँ,
करुणा की मैं अधिकारी हूँ,
मीरा गोपाल मिला दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे

जो राधे राधे कहते है,
वो प्रिया शरण में रहते है,
वो प्रिया शरण में रहते है,
उसे अपना भक्त बना दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे।।

AAJ PARDA HATA DO आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,

आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,

 दोहा- छुपाए किस लिए हो तुम रूखे रुख़सार पर्दे में

नही पीता है चंचल शरबते दीदार पर्दे में 

बहुत अब हो चुका साज़ ओर सृंगार पर्दे में

रहोगे कब तलक सांवरे सरकार पर्दे में


आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,

मैं तुम्हे देख लूँ, तुम मुझे देख लो,

देखते देखते,उम्र जाए गुजर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।


मोर के पंख वाला,पहन लो मुकुट,

थाम लो हाथों में,रस भरी बांसुरी,

आज जलवा दिखाते,रहो रात भर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।


ये शरद पूर्णिमा की,चटक चांदनी,

और बंसी की मीठी,मधुर रागनी,

सारी दुनिया से,हो जाऊं मैं बेखबर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।


प्यारे जु प्यारी जु का भी,यूँ साथ हो,

उससे बढ़कर भला,कोई क्या बात हो,

धन्य हो जाऊं,जोड़ी युगल देखकर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।


मैं नहीं चाहता,लोक की सम्पदा,

मैं नहीं चाहता,मुझको ध्रुव पद मिले,

आज चंचल मिले बस,नज़र से नज़र,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।। 


आज पर्दा हटा दो, 

कन्हैया कुंवर,मैं तुम्हे देख लूँ,

तुम मुझे देख लो,

देखते देखते,उम्र जाए गुजर,

मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।



हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊँ

 हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊँ


हे प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ,
माया के बंधनो से,
छुटकार कैसे पाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

ना जानु कोई पुजन,
अज्ञानी हुँ मैं भगवन,
करना कृपा दयालू,
इसे कैसे मैं दिखाऊं,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

मैं हुँ पतित स्वामी,
तुम हो पतित पावन,
अवगुण भरा ह्रदय है,
इसे कैसे मैं दिखाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

अच्छा हूँ या बुरा हूँ,
जैसा भी हूँ तुम्हारा,
ठुकराओ ना मुझे अब,
चरणों में सिर झुकाऊं,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ

हे प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ,
माया के बंधनो से,
छुटकार कैसे पाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ