गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
करता है सबसे पहले पूजा तेरी जहान,
गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
चंदन चौकी पे बिराजे दाता गजशिश धारी,
शीश स्वर्ण मुकुट गले मोतियन माला प्यारी,
रिद्धि सिद्धि अंग संग छवि सबसे है न्यारी,
भोग लड्डुवन का लगे करे मूसे की सवारी,
पुरे हो काम तब ही पहले तुम्हारा ध्यान,
गौरी के लाडले महिमा तेरी महान,
माता गौरी जी के लाल शिव भोले के दुलारे,
रखे भक्तो की लाज काज बिगड़े सवारे,
अन धन ज्ञान मान से वो भरते भंडारे,
तेरा नाम सरल जो भी मन से पुकारे,
बिन मांगे लख्खा पाए मुंह माँगा तुमसे दान,
गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
करता है सबसे पहले पूजा तेरी जहान,
गौरी के लाडले महिमा तेरी महान,
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GIRIJA KE LADLE - GORI KE LADLE गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान
Na Ghar chahiye na sansar chahiye
मातु सुधा रस का प्याला गर,मिल जाता तो पी लेता l
कितना पीता इतना पीता, सावन का महीना आ जाता ll
सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है
ये मेरी मां की दुआओं का असर लगता है
एक वीराना जहां उम्र गुजार दी मैंने
मां की तस्वीर लगा दी तो घर लगता है
मां की दुआओं का असर निकला l
ये कामयाबी मेरे इश्क का सफर निकला ll
जमाने भर की निगाहों ने उसे थाम लिया l
जो अपनी मां का कदम घर से चूम के निकला ll
ना घर चाहिए ना संसार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए //2//
मां...ओ ...मां ....मां ... ओ ..मांमां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए
नयन झुका के मां कब से खड़ा हूं,
मां तेरे चरणों में आके पड़ा हूंl
प्यासी है अखिया- प्यासी है अखियां दीदार चाहिए
मां तेरे चरणों का प्यार चाहिए
मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए
ना घर चाहिए ना संसार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए
तेरी दया मां अगर मिल जाए, जीवन की बगिया खिल जाएl
उजड़े चमन में - उजड़े चमन में बहार चाहिए
मा तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए
मां तेरे थोड़ा सा प्यार चाहिए
ना घर चाहिए ना संसार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए
मां तेरे दरश की आस लगी है, दर्शन की मां प्यास लगी है ll
भक्तों को तेरा दीदार चाहिए
हम सब को मां तेरा दीदार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए
ना घर चाहिए ना संसार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए
जल जाए जिह्वा पापिनी .....राम के नाम बिना
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट
अंत काल पछतायेगा जब प्राण जाएंगे छूट
राम के नाम बिना रे मूरख,..... राम के नाम बिना
राम के नाम बिना रे मूरख....... राम के नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी .....राम के नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी ......राम के नाम बिना
1. क्षत्रिय आन बिन, विप्र ज्ञान बिन,वेद पुराण बिना
क्षत्रिय आन बिन, विप्र ज्ञान बिन, घर संतान बिना रे मूरख घर संतान बिना
देह प्राण बिन हाथ दान बिन भोजन मान बिना रे मूरख भोजन मान बिना
मोर का हे बेकार नाचना मोहन श्याम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी......... राम के नाम बिना
2. पंछी पंख बिना, बिच्छू डंक बिना, आरति शंख बिना,रे मूरख आरति शंख बिना
गणित अंक बिना, कमल पंक बिना, निशा मयंक बिना रे मूरख निशा मयंक बिना
ब्यर्थ भ्रमण चिंतन, भाषण सब , अच्छे काम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी......... राम के नाम बिना
3. प्रिया कंत बिन मठ महंत बिना हाथी दंत बिना रे मूरख हाथी दंत बिना
ग्राम पंच बिना ऋतु बसंत बिना आदि अंत बिना अरे मूरख आदि अंत बिना
नारी पुरुष बिना ऐसे जैसे अश्व लगाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी....... राम के नाम बिना
क्षत्रिय आन बिना , विप्र ज्ञान बिना, घर संतान बिना,
देह प्रान बिना, हाथ दान बिना, भोजन मान बिना
हम सब का बेकार है जीना , रघुवर नाम बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना
पंछी पंख बिना, बिच्छू डंक बिना, आरति शंख बिना,
गणित अंक बिना, कमल पंक बिना, निशा मयंक बिना
ब्यर्थ भ्रमण चिंतन भाषण सब , अच्छे काम बिना
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना
प्रिया कंत बिना , हस्ती दंत बिना, आदि अंत बिना,
वेद मंत्र बिना, मठ महंत बिना, कुटिया संत बिना
भजन बिना नर ऐसे जैसे , अश्व लगाम बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी,राम के नाम बिना
पुष्प बाग बिना , संत त्याग बिना, गाना राग बिना,
शीश नमन बिना, नयन दरस बिना, नारी सुहाग बिना
संत कहे ये जग है सूना, आत्म ज्ञान बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना
जिंदगी की राहों में
ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा,
भटकने ना पायेगा तू श्याम को मनाये जा,ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा।
अकेला ही आया है तू अकेला ही जायेगा
संग कोई जायेगा ना श्याम नाम जायेगा
ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा।
खाली हाथ आया है तू खाली हाथ जायेगा
कुछ नहीं पायेगा तू श्याम धन पायेगा
ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा।
चौरासी लाख योनि भटक कर तू आया है
मानव जीवन को तू भजन में लगाए जा
ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा।
यदि नाथ का नाम daya nidhi he
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
जहाँ वेद निषाद का आदर है
जहाँ जाद अजनिल का घर है
वही भेष बदल कर उसी घर में
हम जा ठहेरेंगे कभी न कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
जिस अंग की शोभा सुहावनी है
जिस श्यामल रंग में मोहिनी है
उसी रूप सुधा से स्नेहियो के
दृग प्याल भरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
हम द्वार पर आपके आअ ज खड़े
मुद्दत से इसी जिद पर अड़े
अब्सिंधू तारे जो बड़े से बड़े
तो बिंदु तरे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
Tera kisne kiya shringar
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।
बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाया,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाया,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
सजाता रहे हर बार सांवरे,
सजाता रहे हर बार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।
मस्तक पर मलियागिरी चन्दन,
केसर तिलक लगाया,
मोर मुकुट कानो में कुण्डल,
इत्र खूब बरसाया,
महकता रहे यह दरबार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।
बोल सांवरे बोल तुम्हे मैं,
कौन सा भजन सुनाऊँ,
ऐसा कोई राग बतादे,
तू नाचे मैं गाऊं,
बोल सांवरे बोल तुम्हे मैं,
कौन सा भजन सुनाऊँ,
ऐसा कोई राग बतादे,
तू नाचे मैं गाऊं,
नचाता रहूँ मैं हर बार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।
बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाय,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाय,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
सजाता रहे हर बार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।
गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
करता है सबसे पहले पूजा तेरी जहान,गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
चंदन चौकी पे बिराजे दाता गजशिश धारी,
शीश स्वर्ण मुकुट गले मोतियन माला प्यारी,
रिद्धि सिद्धि अंग संग छवि सबसे है न्यारी,
भोग लड्डुवन का लगे करे मूसे की सवारी,
पुरे हो काम तब ही पहले तुम्हारा ध्यान,
गौरी के लाडले महिमा तेरी महान,
माता गौरी जी के लाल शिव भोले के दुलारे,
रखे भक्तो की लाज काज बिगड़े सवारे,
अन धन ज्ञान मान से वो भरते भंडारे,
तेरा नाम सरल जो भी मन से पुकारे,
बिन मांगे लख्खा पाए मुंह माँगा तुमसे दान,
गौरी के लाड़ले महिमा तेरी महान,
करता है सबसे पहले पूजा तेरी जहान,
गौरी के लाडले महिमा तेरी महान,
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आरती अतिपावन पुराण की | धर्म - भक्ति - विज्ञान - खान की || टेक || महापुराण भागवत निर्मल | शुक-मुख-विगलित निगम-कल्ह-फल || परम...
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नन्द के द्वार मची होली सूरदास जी की दृष्टि में कुँवर कन्हैया की होली कैसी है ? बाबा नन्द के द्वार पर होली की धूम है। एक ओर पाँच वर्ष के...