राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट
अंत काल पछतायेगा जब प्राण जाएंगे छूट
राम के नाम बिना रे मूरख,..... राम के नाम बिना
राम के नाम बिना रे मूरख....... राम के नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी .....राम के नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी ......राम के नाम बिना
1. क्षत्रिय आन बिन, विप्र ज्ञान बिन,वेद पुराण बिना
क्षत्रिय आन बिन, विप्र ज्ञान बिन, घर संतान बिना रे मूरख घर संतान बिना
देह प्राण बिन हाथ दान बिन भोजन मान बिना रे मूरख भोजन मान बिना
मोर का हे बेकार नाचना मोहन श्याम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी......... राम के नाम बिना
2. पंछी पंख बिना, बिच्छू डंक बिना, आरति शंख बिना,रे मूरख आरति शंख बिना
गणित अंक बिना, कमल पंक बिना, निशा मयंक बिना रे मूरख निशा मयंक बिना
ब्यर्थ भ्रमण चिंतन, भाषण सब , अच्छे काम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी......... राम के नाम बिना
3. प्रिया कंत बिन मठ महंत बिना हाथी दंत बिना रे मूरख हाथी दंत बिना
ग्राम पंच बिना ऋतु बसंत बिना आदि अंत बिना अरे मूरख आदि अंत बिना
नारी पुरुष बिना ऐसे जैसे अश्व लगाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी....... राम के नाम बिना
क्षत्रिय आन बिना , विप्र ज्ञान बिना, घर संतान बिना,
देह प्रान बिना, हाथ दान बिना, भोजन मान बिना
हम सब का बेकार है जीना , रघुवर नाम बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना
पंछी पंख बिना, बिच्छू डंक बिना, आरति शंख बिना,
गणित अंक बिना, कमल पंक बिना, निशा मयंक बिना
ब्यर्थ भ्रमण चिंतन भाषण सब , अच्छे काम बिना
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना
प्रिया कंत बिना , हस्ती दंत बिना, आदि अंत बिना,
वेद मंत्र बिना, मठ महंत बिना, कुटिया संत बिना
भजन बिना नर ऐसे जैसे , अश्व लगाम बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी,राम के नाम बिना
पुष्प बाग बिना , संत त्याग बिना, गाना राग बिना,
शीश नमन बिना, नयन दरस बिना, नारी सुहाग बिना
संत कहे ये जग है सूना, आत्म ज्ञान बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना
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