तेरा साथ निभाएगा विश्वास जरूरी है,
तेरी बिगड़ी बनाएगा विश्वास जरूरी है,
तेरा साथ निभाएगा विश्वास जरूरी है॥
जिस दिन भी तू सच्चे मन से इसका हो जाएगा,
उस दिन से तू हर पल इसको अपने संग पाएगा,
तेरे संग संग चलेगा ये आभास जरूरी है,
तेरा साथ निभाएगा विश्वास जरूरी है॥
होके मगन तू जब भी इसके भजनों को गाएगा,
गर हो भरोसा सच्चा तेरे सामने आ जाएगा,
प्यास नैनो की बुझाएगा पर प्यास जरूरी है,
तेरा साथ निभाएगा विश्वास जरूरी है॥
श्याम नाम की मस्ती में तू अरविंद अब तो खो जा,
छोड़के चिंता और फिकर तु उसकी गोद में सो जा,
हाथ सिर पर फिर आएगा एहसास जरूरी हैं,
तेरा साथ निभाएगा विश्वास जरूरी है॥
यह ब्लॉग आपके मनोरंजन के लिए बनाया गया हे यहाँ पर आपको भजन काव्य एवं साहित्य आधारित पोस्ट प्राप्त होंगी जिसमें आप नवीनतम भजनों के लिरिक्स एवं उनसे सम्बंधित जानकारिय पदर्शित की जाएँगी! पाठको से निवेदन हे की बहुत ही मेहनत से आपके लिए भजनों का संग्रह विभिन्न माध्यमो से संकलित किया जाता हे यह संकलन आपके मनोरंजन के लिए हे अत: आप इस वेबसाइट पर आते रहे और हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए पोस्ट को शेयर करते रहें जय श्री राम
teri bigdi banaye ga vishwas jaruri तेरी बिगड़ी बनाएगा विश्वास जरूरी है
शायरी2022
तुम मेरे पास नहीं,मुझे इसका ग़म है। मगर.....
तुम ख्यालों में जो आए, यह क्या कम है!!
मेरी तन्हाई में टपका हुआ ,आंसू तुम हो
जब भी तन्हाई में आहट, कोई पाता हूं
ये समझ कर, हवाओं से लिपट जाता हूं
जैसे मेरे लिए, खोले हुए बाजू हो तुम
प्यार एक फूल है, उस फूल की खुशबू हो तुम
मेरा चेहरा मेरी आंखे, मेरे गेशु तुम हो
NARSINGH CHALISA नरसिंह चालीसा
मास वैशाख कृतिका युत हरण मही को भार ।
शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन लियो नरसिंह अवतार ।।
धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम ।
तुमरे सुमरन से प्रभु , पूरन हो सब काम ।।
नरसिंह देव में सुमरों तोहि ,
धन बल विद्या दान दे मोहि ।।1।।
जय जय नरसिंह कृपाला
करो सदा भक्तन प्रतिपाला ।।२ ।।
विष्णु के अवतार दयाला
महाकाल कालन को काला ।।३ ।।
नाम अनेक तुम्हारो बखानो
अल्प बुद्धि में ना कछु जानों ।।४।।
हिरणाकुश नृप अति अभिमानी
तेहि के भार मही अकुलानी ।।५।।
हिरणाकुश कयाधू के जाये
नाम भक्त प्रहलाद कहाये ।।६।।
भक्त बना बिष्णु को दासा
पिता कियो मारन परसाया ।।७।।
अस्त्र-शस्त्र मारे भुज दण्डा
अग्निदाह कियो प्रचंडा ।।८।।
भक्त हेतु तुम लियो अवतारा
दुष्ट-दलन हरण महिभारा ।।९।।
तुम भक्तन के भक्त तुम्हारे
प्रह्लाद के प्राण पियारे ।।१०।।
प्रगट भये फाड़कर तुम खम्भा
देख दुष्ट-दल भये अचंभा ।।११।।
खड्ग जिह्व तनु सुंदर साजा
ऊर्ध्व केश महादष्ट्र विराजा ।।12।।
तप्त स्वर्ण सम बदन तुम्हारा
को वरने तुम्हरों विस्तारा ।।13।।
रूप चतुर्भुज बदन विशाला
नख जिह्वा है अति विकराला ।।14।।
स्वर्ण मुकुट बदन अति भारी
कानन कुंडल की छवि न्यारी ।।15।।
भक्त प्रहलाद को तुमने उबारा
हिरणा कुश खल क्षण मह मारा ।।१६।।
ब्रह्मा, बिष्णु तुम्हे नित ध्यावे
इंद्र महेश सदा मन लावे ।।१७।।
वेद पुराण तुम्हरो यश गावे
शेष शारदा पारन पावे ।।१८।।
जो नर धरो तुम्हरो ध्याना
ताको होय सदा कल्याना ।।१९।।
त्राहि-त्राहि प्रभु दुःख निवारो
भव बंधन प्रभु आप ही टारो ।।२०।।
नित्य जपे जो नाम तिहारा
दुःख व्याधि हो निस्तारा ।।२१।।
संतान-हीन जो जाप कराये
मन इच्छित सो नर सुत पावे ।।२२।।
बंध्या नारी सुसंतान को पावे
नर दरिद्र धनी होई जावे ।।२३।।
जो नरसिंह का जाप करावे
ताहि विपत्ति सपनें नही आवे ।।२४।।
जो कामना करे मन माही
सब निश्चय सो सिद्ध हुई जाही ।।२५।।
जीवन मैं जो कछु संकट होई
निश्चय नरसिंह सुमरे सोई ।।२६ ।।
रोग ग्रसित जो ध्यावे कोई
ताकि काया कंचन होई ।।२७।।
डाकिनी-शाकिनी प्रेत बेताला
ग्रह-व्याधि अरु यम विकराला ।।२८।।
प्रेत पिशाच सबे भय खाए
यम के दूत निकट नहीं आवे ।।२९।।
सुमर नाम व्याधि सब भागे
रोग-शोक कबहूं नही लागे ।।३०।।
जाको नजर दोष हो भाई
सो नरसिंह चालीसा गाई ।।३१।।
हटे नजर होवे कल्याना
बचन सत्य साखी भगवाना ।।३२।।
जो नर ध्यान तुम्हारो लावे
सो नर मन वांछित फल पावे ।।३३।।
बनवाए जो मंदिर ज्ञानी
हो जावे वह नर जग मानी ।।३४।।
नित-प्रति पाठ करे इक बारा
सो नर रहे तुम्हारा प्यारा ।।३५।।
नरसिंह चालीसा जो जन गावे
दुःख दरिद्र ताके निकट न आवे ।।३६।।
चालीसा जो नर पढ़े-पढ़ावे
सो नर जग में सब कुछ पावे ।।37।।
यह श्री नरसिंह चालीसा
पढ़े रंक होवे अवनीसा ।।३८।।
जो ध्यावे सो नर सुख पावे
तोही विमुख बहु दुःख उठावे ।।३९।।
“शिव स्वरूप है शरण तुम्हारी
हरो नाथ सब विपत्ति हमारी “।।४० ।।
चारों युग गायें तेरी महिमा अपरम्पार ।
निज भक्तनु के प्राण हित लियो जगत अवतार ।।
नरसिंह चालीसा जो पढ़े प्रेम मगन शत बार ।
उस घर आनंद रहे वैभव बढ़े अपार ।।
।। इति श्री नरसिंह चालीसा संपूर्णम ।।
radha rani mere shath he ab darne ki kya bat he श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं
छायें कलि घटाएं तो क्या , तेरे आँचल के नीचे हूँ मैं ,
आगे आगे वो चलती मेरे , अपनी श्यामा के पीछे हूँ मैं ,
उसने पकड़ा मेरा हाथ है , फिर डरने की क्या बात है,
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं.....
इनके रहते कोई कुछ कहे बोलो किस की ये औकात है
उनकी करुना का वर्णन करूँ , मेरी वाणी में वो दम नहीं ,
जबसे तेरा सहारा मिला, फिर सताए कोई ग़म नहीं ,
करती ममता की बरसात है, मेरी लड़ो की क्या बात है ,
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं.....
इनके रहते कोई कुछ कहे बोलो किस की ये औकात है
क्यों तू भटके यहाँ से वहां , इनके चरणों में आ बैठ न ,
छोड़ दुनिया के नाते सभी, श्यामा प्यारी से नाता बना ,
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं.....
इनके रहते कोई कुछ कहे बोलो किस की ये औकात है
गर हो जाये करुना नज़र , बरसाना बुलाती हैं ये,
दिल क्यों न दीवाना बने, हिरदये से लगाती है ये ,
प्यार करने में विख्यात है,मेरी लाडो की क्या बात है ,
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं.....
इनके रहते कोई कुछ कहे बोलो किस की ये औकात है
शायरी दोहे 2022
मुझे गम नहीं है इसका कि बदल गया जमाना
मेरी जिंदगी के मालिक कहीं तुम बदल ना जाना
प्यार में ताकत है दुनिया को झुकाने की
वरना क्या जरूरत थी राम को शबरी के जूठे बेर खाने की
जो कुछ है तेरे दिल में सब उसको ख़बर है
बंदे तेरे हर हाल पर भगवान की नजर है
जंगल में रहो या बस्ती में लहरों में रहो या कश्ती में
महंगी में रहो या सच्ची में पर रहो सदा भगवान की भक्ति में
ना पैसा लगता है ना खर्चा लगता है
राम राम बोलिए बड़ा अच्छा लगता है
शब्द शब्द में ब्रह्म है शब्द शब्द में सार
शब्द सदा ऐसे कहो जिनसे उपजे प्यार
वह तैरते तैरते डूब गए जिन्हे खुद पर गुमान था
वह डूबते डूबते तर गए जिन पर तू मेहरबान था
सागर मथ कर अमृत पर देव सभी ललचाए
पर तुम अभ्यंकर विष को पीकर नीलकंठ कहलाए
YAMUNA PE AANE KA WADA कह रही राधिका प्यारे मोहन सुनो,
कह रही राधिका प्यारे मोहन सुनो,
तीर जामुन पे आने का वादा करो ॥
मोहिनी धुन पे मोहन कदम के तले,
मंजु मुरली बजाने का वादा करो ॥
संग सखियों के पनिघट पे आउंगी मैं,
तुम भी आना कन्हैया सबेरे वही॥
नीर भरकरके जब मैं निहारु तुम्हें,
मेरी गागर उठाने का वादा करो॥
मेरी नैया के तुम ही खेवैया तो हो ,
हो मेरी जिंदगी का सहारा तुम्ही॥
अपनी बाहों का देकर सहारा मुझे,
जिन्दनगी ये बिताने का वादा करो॥
छोड़ बृज का नगर जाओ मथुरा न तुम,
पाँव पड़ती हूँ निर्मोही अब मैं तेरे॥
बांह मेरी पकड़ जो लिए आज हो,
जिंदगी भर निभाने का वादा करो॥
जंग से मुल्क जीते गए है सदा
प्यार से जीत लेता है दिल आदमी।।
ये जो तेरी निगाहों में नफरत है जो
उसको चाहत बना दू अगर तुम कहो।।
करने वंदन चरणों में बजरंगी, Karne vandan charno me bajrangi
करने वंदन चरणों में बजरंगी,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे,हो, दर पे तेरे रोज आएँगे,
दर पे हम तेरे रोज़ आएंगे।
द्वार पे तेरी अपनी विपदा सुनाएंगे,
द्वार पे तेरी अपनी विपदा सुनायेंगे,
अपने ह्रदय का हम हाल सुनाएंगे,
अपने ह्रदय का हम हाल सुनायेंगे,
करने पूजन चरणों में महावीरा,
मंदिर में तेरे रोज आएंगे,
दर पे हम तेरे रोज़ आएंगे।
संकट हारी तेरी लीला अपार है,
संकटहारी तेरी लीला अपार हैं,
दिल में तुम्हारे अपने भक्तो का प्यार है,
दिल में तुम्हारे अपने भक्तो का प्यार हैं,
करके अर्चन चरणों में मारुति नंदन,
भक्ति के गीत रोज गाएंगे,
दर पे हम तेरे रोज़ आएंगे।
श्रद्धा सुमन हम तुमको चढ़ाएंगे,
श्रद्धा सुमन हम तुमको चढ़ायेंगे,
दीपक जलाएंगे आरती दिखाएंगे,
दीपक जलाएंगे आरती दिखायेंगे,
करने पूजन चरणों में अंजनी लल्ला,
हवन में नित प्रीत लाएंगे,
दर पे हम तेरे रोज़ आएंगे।
करने वंदन चरणों में बजरंगी,
दर पे हम तेरे रोज आएंगे,
हो दर पे तेरे रोज आएंगे,दर पे हम तेरे रोज़ आएंगे।
-
आरती अतिपावन पुराण की | धर्म - भक्ति - विज्ञान - खान की || टेक || महापुराण भागवत निर्मल | शुक-मुख-विगलित निगम-कल्ह-फल || परम...
-
होरी खेले तो आ जइयो बरसाने रसिया होरी खेले तो। कोरे कोरे कलस मँगाए केसरिया रंग इनमें घुलाए, रंग रेले तो, होरी खेले तो, होरी...