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KIRTAN ME AB RANG .कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है
तर्ज _ काली कमली वाला
कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है,
देखो देखो आ गया बजरंग बाला है,
जहाँ जहाँ कीर्तन प्रभु का होता है,
नाचे हनुमत होकर के मतवाला है,
कीर्तन मे अब रंग.......
पाँव में घुँघरू बांधे है हाथ में करताल,
ठुमक ठुमक कर झूमता है अंजनी का लाल,
पी रहा मस्ती का भर भरकर प्याला है,
देखो देखो आ गया..........
राम का दरबार हो या श्याम का दरबार,
रहता है हनुमान हरदम सेवा में तैयार,
अपने प्रभु का ये तो भक्त निराला है,
देखो देखो आ गया......
भक्ति का भण्डार है ये प्रेम का सागर,
माँग लो अनमोल धन ये हाथ फैला कर,
खुलवा लो जो बंद करम का ताला है,
देखो देखो आ गया.....
कर रहे है भक्त सारे प्रार्थना इतनी,
भक्तिरस हमको चखा दो भक्त शिरोमणि,
“बिन्नू” ने चरणों मे डेरा डाला है,
देखो देखो आ गया .........
दुल्हे का चेहरा सुहाना लगता
SHIV KE PYARE GANESH शिव के प्यारे गणेश
शिव के प्यारे गणेश, काटो विघन कलेश.
मेरे अंगना पधारो मैं तर जाऊंगा...
इक दया की नजर आप करदो इधर .
मेरी बिगड़ी सुधारो मैं तर जाऊंगा...
रिद्धि सिद्धि के दाता कहें आपको .
ज्ञान बुद्धि विधाता कहें आपको ...
कर के मूषे सबारी चले आइये .
मेरा नर तन सँवारो, मैं तर जाऊंगा ....
चार मौदक के लड्डू चढ़ायें तुम्हें .
सारे देवों से पहले मनायें तुम्हें ...
नाम सुमरन करें शीश चरनन धरें .
पार भव से उतारो मैं तर जाऊंगा .....
आपके दर पे जो भी सवाली आया .
आज तक कोई दर से न खाली गया .....
मैं हूँ पापी अधम, है शरण में पदम्.
गीत मेरे निहारो, मैं तर जाऊंगा ........
MERE RASHKE QAMAR
VEENA VALI MA SHARE वीणा वाली माँ शारदे वीणा तुम बजा देना
वीणा वाली माँ शारदे वीणा तुम बजा देना
मैया अपनी वीणा से जरा रस बरसा देना
श्वेत वसन वाली है,हंस की सवारी है
प्रेम भरे आँचल को मुझी पे उढा देना
तू जग से न्यारी है जग तेरा पुजारी है
प्रेम भाव से सब रहें ऐसा ज्ञान दे जाना
स्वर का तो ज्ञान नही,लय का ठिकाना नही
संगीत सागर से स्वर सुधा पिला देना
तुम से मेरी अर्जी है,आगे तेरी मर्जी है
अंधकार मिट जाए ज्ञान का प्रकाश देना
तुम तो ठहरे परदेसी धुन पर वंदना
SABSE PAHE TUMHE . सबसे पहले तुम्हे मनाऊँ,
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान
HE GAJANN AAPKI DARKAR हे गजानन आपकी दरकार है
दिल के अरमां आंसुओ में बह गए
RAM BANE HE DULHA राम बने हैं दूल्हा सीताजी दुल्हनिया
राम बने हैं दूल्हा सीताजी दुल्हनिया
आज होगा रे लगन सीताजी का राम संग
बड़ी शुभ है घड़ीx2
सब हरसाये सभी देते हैं बधाइयां
कैसी जोड़ी है सजी, सींता संग राम की
आये देव सभी x2
राम बनेंगे आज सियावर,जानकी राम प्रिया हो
मंदिर मंदिर घर घर छाई चारो तरफ खुशियां हो
जनक दुलारी ने रघुवर का x2
आज किया है वरन हो
राम उढ़ाने आये सींता को चुनरियाx2
आज होगा रे लगन सीताजी का राम संग
बड़ी शुभ है घड़ीx2
धर्म निभाना है राजा को आज तो एक पिता का
करनाहै कन्यादान जनक को आज तो अपनी सुता का
जनक भरे हैं नैन में आंसू x2
दिल मे बड़ी ये दुआ हो
तुमको लगे ना लाडो किसी की नज़रिया x2
आज होगा रे लगन सीताजी का राम संग
बड़ी शुभ है घड़ीx2
अवधपुरी के सब हर नारी आज भरे हैं उमंग से
दसरथ हर्षित हर्षित हैं सब माताएं इस संग से
रघुनंदन ने पूरा किया है x2
आज तो सबका स्वपन हो
राम ब्याह के लाये सींता को नगरिया x2
आज होगा रे लगन सीताजी का राम संग
बड़ी शुभ है घड़ीx2
कौन दिशा में लेके
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