दोहा
जाते नहीं है कोई
दुनिया से दूर चलके
आ मिलते है सब यही पर
कपड़े बदल बदल के
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दोहा
जाते नहीं है कोई
दुनिया से दूर चलके
आ मिलते है सब यही पर
कपड़े बदल बदल के
मोहे ब्रज की धुल बना दे,
लाड़ली श्री राधे,लाड़ली श्री राधे,दोहा- छुपाए किस लिए हो तुम रूखे रुख़सार पर्दे में
नही पीता है चंचल शरबते दीदार पर्दे में
बहुत अब हो चुका साज़ ओर सृंगार पर्दे में
रहोगे कब तलक सांवरे सरकार पर्दे में
आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,
मैं तुम्हे देख लूँ, तुम मुझे देख लो,
देखते देखते,उम्र जाए गुजर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
मोर के पंख वाला,पहन लो मुकुट,
थाम लो हाथों में,रस भरी बांसुरी,
आज जलवा दिखाते,रहो रात भर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
ये शरद पूर्णिमा की,चटक चांदनी,
और बंसी की मीठी,मधुर रागनी,
सारी दुनिया से,हो जाऊं मैं बेखबर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
प्यारे जु प्यारी जु का भी,यूँ साथ हो,
उससे बढ़कर भला,कोई क्या बात हो,
धन्य हो जाऊं,जोड़ी युगल देखकर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
मैं नहीं चाहता,लोक की सम्पदा,
मैं नहीं चाहता,मुझको ध्रुव पद मिले,
आज चंचल मिले बस,नज़र से नज़र,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
आज पर्दा हटा दो,
कन्हैया कुंवर,मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो,
देखते देखते,उम्र जाए गुजर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊँ
दर्दे दिल दवा दीजिये,
हाय मेरा दिल मेरा दिल दिल दिल
श्याम मेरा दिल मेरा दिल दिल दिल,
दर्दे दिल मेरे बाबा की दवा दीजिये,
कम से कम मेरे साई मुस्कुरा दीजिये
उम्र भर बरसाना मैं रहूँ
कोई ऐसी सजा दीजिए
मेरा दिल आपका घर हुआ मेरे बाबा जी,
आते आते जाते रहा कीजिये,
ज़ख़्म दुनिया ने मुझको दिए मेरे बाबा,
आप मरहम लगा दीजिये ,
क्या सही क्या गलत, क्या पता, मैं क्या जानू,
आप ही फैसला कीजिये,
आंधियो में जो न भुझ सके मेरे बाबा,
ऐसा दीपक जला दीजिये,
एक समंदर ये कहने लगा बाबा से,
मुझको मीठा बना दीजिये,
एक होकर रहे सारे बाबा
ऐसा भारत बना दीजिए ॥
कुछ भी देना हो मारे मालिक
मेरे हक मे दुआ कीजिए
आप के नाम से नाम हो मेरे प्यारे
ऐसी शोहरत ''हम'' को अदा कीजिये,