KARO RE MAN CHALNE KI ... करो रे मन चलने की तैयारी

करो रे मन चलने की तैयारी,

दोहा 

जाते नहीं है कोई,

दुनिया से दूर चल के,

आ मिलते हैं सब यहीं पर,

कपड़े बदल बदल के।

करो रे मन चलने की तैयारी,

चलने की तैयारी।।

आए हो तो जाना होगा -2

शास्त्र नियम निभाना होगा - 2

सूरज नित प्रद करता रहता.....ढलने की तैयारी...

करों रे मन चलने की तैयारी।।

कितनों के अरमान अधूरे-2

जाने कौन करेगा पूरे-2

काल बली संकल्प कर चुका...छलने की तैयारी

करों रे मन चलने की तैयारी।।

हमसे कोई तंग ना होगा-2

महफिल होगी रंग ना होगा-2

गंगा के तट धू-धू कर.......जलने की तैयारी

करों रे मन चलने की तैयारी,

चलने की तैयारी।।

Bageshwar astak बागेश्वर अष्टक

 

बागेश्वर अष्टक

 दिनांक शिवरात्री विक्रम संवत 2027.

ओमकार स्वरूप श्री वागीशं गंग जटाधरम । 

गले मुण्डन माल नेत्र विशाल श्री वृषभध्वजम ॥

चन्द्रमौलि त्रिनेत्र शंकर भस्म अंग विभूषितम।

बागीश नाथ अनाथ के तुम नाथ हो विश्वेश्वरम

जटा मुकुट सुकर्ण कुण्डल सर्प अंग सुशोभितम 

विन्ध्य माला शैलमध्ये आसनम पदमासनम 

आदिदेव सुदेव श्री महादेव हर विश्वम्भरम 

बागीश नाथ अनाथ के तुम.....

रुद्ररुप सुतेजकान्ती पान कियो हलाहलम।

विल्वपत्रे सुपुष्पमाला गंध धूप नेवेद्यकम 

हाथ डमरु त्रिशुल सोहे गौरि संग सदाशिवम्। बागीश नाथ.....

सोमनाथ श्री मल्लिकार्जुन महाकाल, रामेश्वरम तुम्बकेश्वर भीमाशंकर घृष्णेश्वर दुख हरम,

विश्व, वैद्य, केदार हर, नागेश, ओमकारेश्वरम | बागीश नाथ... 

क्षेत्रपाल सुपाल भैरव योगिनी संग भूषितम् ।

गगन बेधित गंगधारा, आदि अंत समाहितम ॥

चन्द्रशेखर हे महेश्वर परम प्रिय परमेश्वरम | बागीशनाथ...

मंद मंद सुगंध शीतल वायु बहे निरन्तरम।

बागीश की अनुपम कृपा से भक्तजन पावैं गतिम

दर्श स्पर्शजोर शिव मेटदै उनके भरम।  बागीशनाथ... 

नील कंठ हिमाल जलधर देव मेरे प्रिय परम

शुद्ध बुद्धि प्रकाश भरदो दूर करदो सब भरम दुःख, शोक, अशांति पापों का करो क्षय हे शिवम । बागीश नाथ... 

रविवार सुभद्र चौदस प्राप्त फलदाय रमण चम्पावति निवासी कियो मंगल दायकम । 

कृपा रहे सदैव हे बागीशर्डशमहेश्वरम्। बागीशनाथ...

 "चम्पावती निवासी स्व. श्री राधारमण नागर "

कृत रचित

स्व. श्रीमति घमि बेन (प्रमिला मेहता भोपाल)


पुत्र संजीव अलंका, प्रसून, राज नागर, चाँचौड़ा

मेरा दिल तो दीवाना हो गया मुरली बाले तेराMera dil to diwana ho gaya

 मेरा दिल तो दीवाना हो गया मुरली बाले तेरा॥

मुरली बाले तेरा,बंशी बाले तेरा॥
नजरो का निशाना हो गया मुरली बाले तेरा॥

दीवानगी ने क्या क्या दिखाया ।॥
दुनिया छुड़ाकर तुमसे मिलाया।
दुश्मन  जमाना हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल .............

जब से नजर से नजर मिल गयी है॥
उजड़े चमन की कली खिल गयी है।
क्या नजरे मिलाना हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल ............

यह दुनिया पागल खाना है,
जहा पागलआतेजाते है,
मेरा मेरा कहने वाले सब पागल बन कर जाते है,
कोई पागल है धन दोलत का कोई पागल नर नारी का,
पर सचा तो पागल बही है जो पागल है बनके बिहारी का,
तू मेरे प्यारा प्यारा मैं तेरा पागल ओ तिर्चि नजर से है दिल मेरा घायल,
मेरा दिल ............

प्राणों के प्यारे कहा तुम गए हो ।
मेरी आँखों के तारे कहा छुप गए हो।
मैं तो प्यार में पागल हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल..........

Aai bhar haste haste

 आई बहार हँसते-हँसते,

आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

परम अनूप आया,
त्रिभुवन का भूप आया.....-2
रघुवर सरताज हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

नाथों का नाथ आया,
करने सनाथ आया....-2
श्रृष्टि सुधार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

तपसिन का त्याग,
भक्तन अनुराग आया.....-2
प्रेमिन का प्यार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

किसी का भगवान आया,
शंकर का ध्यान आया,
किसी का भगवान आया,
बाबा का ध्यान आया,
वेदों का सार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

भरत जी का भाई आया ,
जनकजी का जमाई आया।
मिथिला का श्रृंगार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

प्रगटे अवध में आके,
कौशल्या के लाल कहाके,
दशरथ कुमार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

तजि के साकेत आया,
परिकर को संग लाया,
भई जय-जयकार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते.......

Radha rani hame bhi bata de jara राधा रानी हमे भी बता दे ज़रा

 कान्हां की तस्वीर पे, रख के राधे हाथ,

सच्ची सच्ची बोलना, हम पूछे जो बात।
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा,
राधे राधे रटे हर घड़ी बाँवरा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ साँवरा,
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा।

तुम ना आये तो जमुना पे आता नहीं,
तुम ना हो तो ये बंसी बजाता नहीं,
तेरी पानी सी लस्सी भी हँस के पिए,
हम खिलाये तो माखन भी खाता नहीं,
हम खिलाये तो माखन भी खाता नहीं,
जादू टोना, जादू टोना बता कौन सा है करा,
जादू टोना बता कौन सा है करा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा,
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा।

तेरी गलीयो के चक्कर लगाने लगा,
रोज़ बरसाने में आने जाने लगा,
चूड़ी वाली कभी मेहंदी वाली कभी,
रूप निश दिन नए ये बनाने लगा,
रूप निश दिन नए ये बनाने लगा,
दे जवाब, दे जवाब आज तू सोलह आने खरा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा,
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा।

कल तलक जो चरणजीत का मीत था,
जो निभाता सदा प्रीत की रीत था,
उसकी बंसी तेरे गीत गाने लगी,
जिसकी धुन में लिखा मैंने हर गीत था,
जिसकी धुन में लिखा मैंने हर गीत था,
रह गया, रह गया प्रेम मेरा धरा का धरा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा,
राधा रानी हमें भी बता दे ज़रा,
तेरा दीवाना कैसे हुआ सांवरा।

अंजनी के लाला ने,दुनिया में नाम कर दिया।। Choti umar me tune kaisa kamal kar diya

 लाल देह लाली लसे,अरु धरि लाल लंगूर ।

बज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर


छोटी उम्र में  तूने कैसा,कमाल कर दिया।

अंजनी के लाला ने,दुनिया में नाम कर दिया।।


छोटी उम्र में तूने,सूरज को मुख में ले लिया

अंजनी के लाला ने कैसा कमाल कर दिया।

शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन।

राम जी के चरणों में शत शत वंदन।।

अंजनी के लाला ने दुनिया में नाम कर दिया।

बालापन में हनुमान ने सूरज को दबाया था

 बचपन में जब हनुमान ने वल अपना दिखलाया था

फल समझ के सूरज को मुख में आन दबाया

देख अन्धेरा पृथ्वी पर भगवान पास में आये,

अटल वरदान दिये हनुमत को सूरज मुख से छुड़ाया

देवताओं ने भी तुमको ऐसा वरदान दिया अंजनी के लाला ने दुनिया में नाम कर दिया

मेघनाद ने लक्ष्मण जी के बाण लगाया ऐसा था 

आयी मूर्छा गिरे पृथ्वी पर लक्ष्मण होश गवाया था

दोहा-

रो रहे भगवान लखन धर गोदी में

क्या करु हनुमान सिया गई चोरी में।।

आयी मूर्छा गिरे पृथ्वी पर लक्षमण होश गवाया था 

देखी हालत जब लखन लाल की, द्रोणागिरी को धाए थे

बूटी जब वो समझ न आई, पर्वत दिया उठाये

हनुमत ने लक्ष्मण जी को, जीवनदान दिया।

अंजनी के लाला ने,दुनिया में नाम कर दिया।


Prabhu ko gar bhulaoge bande

 प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


पैसे के खातिर तू बन्दे,करता रहा हेरा फेरी,

घी में डालडा, डालडा में घी,करते नही तनिक देरी,

सुंदर वक़्त को कब तक बन्दे,व्यर्थ में यू ही गवाओगे,

पैसे से बिस्तर लाओगे,नींद कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


साबुन से इस् तन को बन्दे,धोता रहा तू मल-मल के,

मन तो तेरा गंदा रह गया,तीरथ करता चल-चल के,

प्रभु शरण में नही गए तो,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से गहना लाओगे,रूप कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥

संगीत है शक्ति ईश्वर का,इसका ही गुणगान करो,

मन को बांधो तन को साधो,कभी नही अभिमान करो,

अगर साधना नही करोगे,अंत समय पछताओगे,

पैसे से सरगम सीखोगे,दर्द कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥


प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,बाद बहुत पछताओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

पैसे से भोजन लाओगे,भूख कहा से लाओगे,

प्रभु को अगर भूलोगे बंदे,बाद बहुत पछताओगे ॥