MORPANKH WALA MILGYA मोर पंख वाला मिल गया

 अकेली गई थी ब्रिज में कोई नही था मेरे मन में

मोर पंख वाला मिल गया

नींद चुराई बंसी बजा के चैन चुराया सैन चुरा के
लगी आस मेरे मन में गई थी मैं वृंदावन में बांसुरी वाला मिल गया
मोर पंख वाला मिल गया

उसी ने बुलाया उसी ने रुलाया ऐसा सलोना श्याम मेरे मन भाया
तेरी बांकी चाल देखी तेरा मुकट भी देखा
टेढ़ी टांग वाला मिल गया
मोर पंख वाला मिल गया

बांके बिहारी मेरे हिरदये में बरसाऊ
तेरे बिन श्याम सुंदर कहा चैन पाई
लगन लगी तन मन में ढूंड रही मैं निधि वन में
गाऊये वाला मिल गया मोर पंख वाला मिल गया

DIL DEEWANA NA JANE KAB HOGYA मनमोहन के चरणों मे दिल खो गया

मनमोहन के चरणों मे दिल खो गया

तेरे दर पे आके दिल खुश हो गया खुश हो गया x2 खुश हो गया मेरे श्याम  दर दर भटका मैं प्रभू समझ मे सब कुछ आ गया ठोकर खाकर दुनिया की द्वारे तेरे मैं आ गया माफ करो मुझे देर हुई आने में जरा देर भई अब आगया अब आगया अब आगया मेरे श्याम जब तक दौलत पास है दुनिया तेरे साथ है कंगाली आ जाये तो कोई नही तेरे साथ है दुनिया के सारे बंधन स्वार्थ के है सब बंधन मैं समझ गया लो समझ गया हाँ समझ गया मेरे श्याम

तेरे ही दर का पुजारी बनूं आठों प्रहर तेरा नाम जपूं तन मन न्योछावर तुझपे करूँ भक्ति से बाबा तुझे खुश करूँ मैंने पा लिये मैने पा लिये मैंने पा लिये चारो धाम दुनिया के झंझट से तो प्यारा तेरा प्यार है भक्त सभी सच्चे यहॉं साँचा तेरा दरबार है भाव से जो कोई आये यहाँ परम कृपा पा जाए यहाँ मैं पा गया, मैं पा गया, पा गया मैं आशीर्वाद

TU HE MERA ME HU TERA SAWRW तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे MRER RASHKE QAMR

 तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे,

जी रहा हु किरपा पे तेरी संवारे,
मिल गई हर ख़ुशी मिट गए सारे गम.
बात बिगड़ी बनाई मेरे सँवारे,
तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे,

दो जहां का मालिक तू दया वां है ,
अपने भगतो पे तू तो मेहरबानी है
तू ही साहिल तू कश्ती मेरे सँवारे,
जी रहा हु किरपा पे तेरी सँवारे ,
तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे,

तुझसे मिलने की चाहत दिल में लगी
प्यास दर्शन की मेरे मन में जगी,
मान लो अब तो अर्जी मेरे सँवारे,
जी रहा हु किरपा पे तेरी सँवारे ,
तू है मेरा मैं तेरा ही हु सँवारे,

KARO RE MAN CHALNE KI ... करो रे मन चलने की तैयारी

करो रे मन चलने की तैयारी,

दोहा 

जाते नहीं है कोई,

दुनिया से दूर चल के,

आ मिलते हैं सब यहीं पर,

कपड़े बदल बदल के।

करो रे मन चलने की तैयारी,

चलने की तैयारी।।

आए हो तो जाना होगा -2

शास्त्र नियम निभाना होगा - 2

सूरज नित प्रद करता रहता.....ढलने की तैयारी...

करों रे मन चलने की तैयारी।।

कितनों के अरमान अधूरे-2

जाने कौन करेगा पूरे-2

काल बली संकल्प कर चुका...छलने की तैयारी

करों रे मन चलने की तैयारी।।

हमसे कोई तंग ना होगा-2

महफिल होगी रंग ना होगा-2

गंगा के तट धू-धू कर.......जलने की तैयारी

करों रे मन चलने की तैयारी,

चलने की तैयारी।।

Bageshwar astak बागेश्वर अष्टक

 

बागेश्वर अष्टक

 दिनांक शिवरात्री विक्रम संवत 2027.

ओमकार स्वरूप श्री वागीशं गंग जटाधरम । 

गले मुण्डन माल नेत्र विशाल श्री वृषभध्वजम ॥

चन्द्रमौलि त्रिनेत्र शंकर भस्म अंग विभूषितम।

बागीश नाथ अनाथ के तुम नाथ हो विश्वेश्वरम

जटा मुकुट सुकर्ण कुण्डल सर्प अंग सुशोभितम 

विन्ध्य माला शैलमध्ये आसनम पदमासनम 

आदिदेव सुदेव श्री महादेव हर विश्वम्भरम 

बागीश नाथ अनाथ के तुम.....

रुद्ररुप सुतेजकान्ती पान कियो हलाहलम।

विल्वपत्रे सुपुष्पमाला गंध धूप नेवेद्यकम 

हाथ डमरु त्रिशुल सोहे गौरि संग सदाशिवम्। बागीश नाथ.....

सोमनाथ श्री मल्लिकार्जुन महाकाल, रामेश्वरम तुम्बकेश्वर भीमाशंकर घृष्णेश्वर दुख हरम,

विश्व, वैद्य, केदार हर, नागेश, ओमकारेश्वरम | बागीश नाथ... 

क्षेत्रपाल सुपाल भैरव योगिनी संग भूषितम् ।

गगन बेधित गंगधारा, आदि अंत समाहितम ॥

चन्द्रशेखर हे महेश्वर परम प्रिय परमेश्वरम | बागीशनाथ...

मंद मंद सुगंध शीतल वायु बहे निरन्तरम।

बागीश की अनुपम कृपा से भक्तजन पावैं गतिम

दर्श स्पर्शजोर शिव मेटदै उनके भरम।  बागीशनाथ... 

नील कंठ हिमाल जलधर देव मेरे प्रिय परम

शुद्ध बुद्धि प्रकाश भरदो दूर करदो सब भरम दुःख, शोक, अशांति पापों का करो क्षय हे शिवम । बागीश नाथ... 

रविवार सुभद्र चौदस प्राप्त फलदाय रमण चम्पावति निवासी कियो मंगल दायकम । 

कृपा रहे सदैव हे बागीशर्डशमहेश्वरम्। बागीशनाथ...

 "चम्पावती निवासी स्व. श्री राधारमण नागर "

कृत रचित

स्व. श्रीमति घमि बेन (प्रमिला मेहता भोपाल)


पुत्र संजीव अलंका, प्रसून, राज नागर, चाँचौड़ा

मेरा दिल तो दीवाना हो गया मुरली बाले तेराMera dil to diwana ho gaya

 मेरा दिल तो दीवाना हो गया मुरली बाले तेरा॥

मुरली बाले तेरा,बंशी बाले तेरा॥
नजरो का निशाना हो गया मुरली बाले तेरा॥

दीवानगी ने क्या क्या दिखाया ।॥
दुनिया छुड़ाकर तुमसे मिलाया।
दुश्मन  जमाना हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल .............

जब से नजर से नजर मिल गयी है॥
उजड़े चमन की कली खिल गयी है।
क्या नजरे मिलाना हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल ............

यह दुनिया पागल खाना है,
जहा पागलआतेजाते है,
मेरा मेरा कहने वाले सब पागल बन कर जाते है,
कोई पागल है धन दोलत का कोई पागल नर नारी का,
पर सचा तो पागल बही है जो पागल है बनके बिहारी का,
तू मेरे प्यारा प्यारा मैं तेरा पागल ओ तिर्चि नजर से है दिल मेरा घायल,
मेरा दिल ............

प्राणों के प्यारे कहा तुम गए हो ।
मेरी आँखों के तारे कहा छुप गए हो।
मैं तो प्यार में पागल हो गया मुरली बाले तेरा॥
मेरा दिल..........

Aai bhar haste haste

 आई बहार हँसते-हँसते,

आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

परम अनूप आया,
त्रिभुवन का भूप आया.....-2
रघुवर सरताज हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

नाथों का नाथ आया,
करने सनाथ आया....-2
श्रृष्टि सुधार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

तपसिन का त्याग,
भक्तन अनुराग आया.....-2
प्रेमिन का प्यार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

किसी का भगवान आया,
शंकर का ध्यान आया,
किसी का भगवान आया,
बाबा का ध्यान आया,
वेदों का सार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

भरत जी का भाई आया ,
जनकजी का जमाई आया।
मिथिला का श्रृंगार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

प्रगटे अवध में आके,
कौशल्या के लाल कहाके,
दशरथ कुमार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते।

तजि के साकेत आया,
परिकर को संग लाया,
भई जय-जयकार हँसते हंसते,
आया साँवला सरकार हँसते-हँसते,
आई बहार हँसते-हँसते,
आया साँवला सरकार,
हँसते-हँसते.......