डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और ध्यान लगाये किसका - DAMRU BAJAYE ANG BHASAM RAMAYE

डमरू बजाये अंग भस्म रमाये 

डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और !!
ध्यान लगाये किसका न जाने वो डमरू वाला !! 
सब देवो में सब देवों में हे वो देव निराला...........
डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और ध्यान लगाये किसका 

मस्तक पे चंदा तेरी जाटा में हे गंगा
रहती पार्वती संग में सवारी हे बुढा नंदा!!
हे कैलाशी हे अविनाशी हे कैलाशी हे अविनाशी
रहता सदा मतवाला ..........
डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और ध्यान लगाये किसका 

बाघम्बर धारी भोला शम्भू त्रिपुरारी
रहता मस्त सदा शिव की महिमा हे सबसे न्यारी
भोला भला वो मतवाला,पीवे भंग का प्याला........
डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और ध्यान लगाये किसका 

सत्संग मंडल ये गाये ,भोला शम्भू को ध्याये
जो भी मांगे सो पावे दर से खली ना जाये
बड़ा हे दानी बड़ा हे ज्ञानी,बड़ा हे दानी बड़ा हे ज्ञानी
सारा जग का रखवाला ..........
डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और ध्यान लगाये किसका 

सारी दुनियां है दीवानी- SARI DUNIYA HE DIWANI RADHA RANI APKI

सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप की 

सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप की 

कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की 
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप की

सारा जहां है एक चमन और, इस चमन के फूल हम 
और इन सभी फूलो में श्यामा, हम निशानी आप की 
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की 

जैसे गंगा और यमुना की, धारा बहती भूमि पर 
वैसे ही बहती है ममता, राधा रानी आप की 
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की

तन भी तेरा मन भी तेरा, मेरा क्या है लाड़ली 
तेरा तुझको सौंपती हूँ, यह निशानी आप की 
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की

उम्र भर गाती रहूँ मैं, महिमा श्यामा आप की 
अपने चरणों में ही रखना, मेहरबानी आप की 
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की

दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में- DEWWANA TERA AAYA BABA TERI SHIRDI ME

है अजब तरह का सामान तेरी शिर्डी में,
आता हिन्दू है मुस्लमान तेरी शिर्डी में।
आए जितने भी परेशान तेरी शिर्डी में,
काम सबके हुए आसान तेरी शिर्डी में॥

दीवाना तेरा आया बाबा तेरी शिर्डी में।
नज़राना दिल का लाया बाबा तेरी शिर्डी में।

मिल मुझको मेरे बाबा, भरनी तुम्हे पड़ेगी,
झोली मैं खाली लाया बाबा तेरी शिर्डी में॥

मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे, मैं दीवाना हो गया॥

यूँ तो हज़ारो मंजर देखने हैं हसीं मेने,
दिल तो सकूँ पाया, बाबा तेरी शिर्डी में॥

शिर्डी को छोड़ कर मैं कहीं और कैसे जाऊं,
सब कुछ तो यहीं पाया, बाबा तेरी शिर्डी में॥

वो हो राम कृष्ण विष्णु या हो शेरों वाली मैया,
मुझे तू ही नज़र आया सब में, बाबा तेरी शिर्डी में॥

ना ‘हयात’ भूल पाया तेरी शिर्डी का वो मंज़र,
भगवान नज़र आया बाबा तेरी शिर्डी में॥

श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में-SHYAM DEEWANO NE SHYAM KE PYAR ME

श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में 
श्याम दीवानों ने श्याम के प्यार में 
ऐसी महफ़िल सजाई मजा आ गया।।
श्याम दीवानों ने, श्याम के प्यार में,
ऐसी महफ़िल सजाई मजा आ गया,
चाँद के साये में,ऐ मेरे सांवरे,
ऐसी मस्ती पिलाई मजा आ गया।।
हर एक भक्त तो आज मदहोश है,
ये तेरी ही नजर का तो सब दोष है,
तेरे भजनों में हम ऐसे खो से गए,
तूने नजरे मिलाई मजा आ गया,

श्याम दीवानो ने, श्याम के प्यार में,
ऐसी महफ़िल सजाई मजा आ गया।।
देखो बाबा भी नज़रे मिलाने लगा,
देखकर हमको वो मुस्कुराने लगा,
देखा हमनें उन्हें मुस्कुराते हुए,
फिर गर्दन झुकाई मजा आ गया,

श्याम दीवानो ने, श्याम के प्यार में,
ऐसी महफ़िल सजाई मजा आ गया।।
आज खाटु में आना सफल हो गया,
हम दीवानो को अब श्याम मिल ही गया,
उसने हाथो से ‘गिन्नी’ मेरे माथे पर,
ऐसे उंगली फिराई मजा आ गया,

श्याम दीवानों ने, श्याम के प्यार में,
ऐसी महफ़िल सजाई मजा आ गया।।
श्याम दीवानो ने, श्याम के प्यार में,
ऐसी महफ़िल सजाई मजा आ गया,

चाँद के साये में,ऐ मेरे सांवरे,
ऐसी मस्ती पिलाई मजा आ गया।।

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो-SANWRE KO DIL ME BASA KAR TO DEKHO

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो

दुनिया से मन को हटा के देखो
बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी
इक बार वृन्दावन आ करके तो देखो 

बांके बिहारी भक्तों के दिलदार
सदा लुटाते हैं कृपा के भण्डार

मीरा ने जैसे गिरिधर की पाया
प्याला ज़हर का अमृत बनाया
मीरा सी हस्ती मिटा कर तो देखो
इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

तेरी पल में झोली वो भर देगा
दुःख दर्द जिंदगी के वो हर लेगा
चौखट पे दामन फैला कर तो देखो
बस, इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो

‘चित्र विचित्र’ का तो बस यही कहना
प्रभु चरणो से कही दूर नहीं रहना
जिंदगी यह बंदगी में मिटा कर तो देखो
इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

गोकुल की हर गली में, मथुरा की हर गली में- GOKUL KI HAR GALI ME MATHURA

गोकुल की हर गली में, मथुरा की हर गली में

गोकुल की हर गली में, मथुरा की हर गली में

कान्हा को ढूंढता हूँ, दुनियाँ की हर गली में 

गोकुल गया तो सोचा, माखन चुराता होगा 
या फिर कदम के निचे, बंशी बजाता होगा 
गुजरी की हर गली में, ग्वालन की हर गली में 
कान्हा को ढूंढता हूँ दुनियाँ की हर गली में 

शायद किसी नारि का, चीर बढा।ता होगा 
या फिर विष के प्याले को, अमृत बनाता होगा 
मीरां की हर गली में, भक्तों की हर गली में 
कान्हा को ढूंढता हूँ दुनियाँ की हर गली में 

गोकुल की हर गली में, मथुरा की हर गली में 
कान्हा को ढूंढता हूँ दुनियाँ की हर गली में

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