Na Ghar chahiye na sansar chahiye

 मातु सुधा रस का प्याला गर,मिल जाता तो पी लेता l
कितना पीता इतना पीता, सावन का महीना आ जाता ll


सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है
ये मेरी मां की दुआओं का असर लगता है 

एक वीराना जहां उम्र गुजार दी मैंने
 मां की तस्वीर लगा दी तो घर लगता है 


मां की दुआओं का असर निकला l
ये कामयाबी मेरे इश्क का सफर निकला ll

जमाने भर की निगाहों ने उसे थाम लिया l
जो अपनी मां का कदम घर से चूम के निकला ll


ना घर चाहिए ना संसार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए //2//

मां...ओ ...मां ....मां ... ओ ..मां
मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए


नयन झुका के मां कब से खड़ा हूं,
मां तेरे चरणों में आके पड़ा हूंl
प्यासी है अखिया- प्यासी है अखियां दीदार चाहिए
मां तेरे चरणों का प्यार चाहिए
मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए

ना घर चाहिए ना संसार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए


तेरी दया मां अगर मिल जाए, जीवन की बगिया खिल जाएl
उजड़े चमन में - उजड़े चमन में बहार चाहिए
 मा तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए
 मां तेरे थोड़ा सा प्यार चाहिए

ना घर चाहिए ना संसार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए

मां  तेरे दरश की आस लगी है, दर्शन की मां प्यास लगी है  ll 

भक्तों को तेरा दीदार चाहिए
 हम सब को मां तेरा दीदार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए

ना घर चाहिए ना संसार चाहिए मां तेरा थोड़ा सा प्यार चाहिए


 

जल जाए जिह्वा पापिनी .....राम के नाम बिना

राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट
अंत काल पछतायेगा जब प्राण जाएंगे छूट

राम के नाम बिना रे मूरख,..... राम के नाम बिना
राम के नाम बिना रे मूरख....... राम के नाम बिना


जल जाए जिह्वा पापिनी .....राम के नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी ......राम के नाम बिना


1.    क्षत्रिय आन बिन, विप्र ज्ञान बिन,वेद पुराण बिना
        क्षत्रिय आन बिन, विप्र ज्ञान बिन, घर संतान बिना रे मूरख घर संतान बिना
        देह प्राण बिन हाथ दान बिन भोजन मान बिना रे मूरख भोजन  मान बिना
        मोर का हे बेकार नाचना मोहन श्याम बिना
        जल जाए जिह्वा पापिनी......... राम के नाम बिना 

2.    पंछी पंख बिना, बिच्छू डंक बिना, आरति शंख बिना,रे मूरख  आरति शंख बिना
        गणित अंक बिना, कमल पंक बिना, निशा मयंक बिना रे मूरख निशा मयंक बिना

        ब्यर्थ भ्रमण चिंतन, भाषण सब , अच्छे काम बिना

        जल जाए जिह्वा पापिनी......... राम के नाम बिना 

3.    प्रिया कंत बिन मठ महंत बिना हाथी दंत बिना रे मूरख हाथी दंत बिना
        ग्राम पंच बिना ऋतु बसंत बिना आदि अंत बिना अरे मूरख आदि अंत बिना
        नारी पुरुष बिना ऐसे जैसे अश्व लगाम बिना
        जल जाए जिह्वा पापिनी....... राम के नाम बिना

https://youtu.be/HJFZiLFLOfY

 

क्षत्रिय आन बिना , विप्र ज्ञान बिना, घर संतान बिना,
देह प्रान बिना, हाथ दान बिना, भोजन मान बिना 

हम सब का बेकार है जीना , रघुवर नाम बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना

पंछी पंख बिना, बिच्छू डंक बिना, आरति शंख बिना,
गणित अंक बिना, कमल पंक बिना, निशा मयंक बिना

 ब्यर्थ भ्रमण चिंतन भाषण सब , अच्छे काम बिना
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना


प्रिया कंत बिना , हस्ती  दंत बिना, आदि अंत बिना,
वेद मंत्र बिना, मठ महंत बिना, कुटिया संत बिना
भजन बिना नर ऐसे जैसे , अश्व लगाम बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी,राम के नाम बिना


पुष्प बाग बिना , संत त्याग बिना, गाना राग बिना,
शीश नमन बिना, नयन दरस बिना, नारी सुहाग बिना

 संत कहे ये जग है सूना, आत्म ज्ञान बिना,,,
जल जाए जिहवा पापिनी, राम के नाम बिना
 

जिंदगी की राहों में

 ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा,

भटकने ना पायेगा तू श्याम को मनाये जा,
ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा।

अकेला ही आया है तू अकेला ही जायेगा
संग कोई जायेगा ना श्याम नाम जायेगा
ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा।

खाली हाथ आया है तू खाली हाथ जायेगा
कुछ नहीं पायेगा तू श्याम धन पायेगा
ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा।

चौरासी लाख योनि भटक कर तू आया है
मानव जीवन को तू भजन में लगाए जा
ज़िन्दगी की राहों में तू श्याम धुन गाए जा।

यदि नाथ का नाम daya nidhi he

 यदि नाथ का नाम दयानिधि है

तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की 
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है 

जहाँ वेद निषाद का आदर है
जहाँ जाद अजनिल का घर है
वही भेष बदल कर उसी घर में
हम जा ठहेरेंगे कभी न कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की 
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है 

जिस अंग की शोभा सुहावनी है
जिस श्यामल रंग में मोहिनी है
उसी रूप सुधा से स्नेहियो के
दृग प्याल भरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की 
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी 
यदि नाथ का नाम दयानिधि है 

हम द्वार पर आपके आअ ज खड़े
मुद्दत से इसी जिद पर अड़े
अब्सिंधू तारे जो बड़े से बड़े
तो बिंदु तरे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की 
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी
यदि नाथ का नाम दयानिधि है
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी
दुःख हारी हरी दुखियारी जन की
दुःख क्लेश हरेंगे कभी ना कभी 
यदि नाथ का नाम दयानिधि है

Tera kisne kiya shringar

 तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।

बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाया,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाया,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
सजाता रहे हर बार सांवरे,
सजाता रहे हर बार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।

मस्तक पर मलियागिरी चन्दन,
केसर तिलक लगाया,
मोर मुकुट कानो में कुण्डल,
इत्र खूब बरसाया,
महकता रहे यह दरबार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।

बोल सांवरे बोल तुम्हे मैं,
कौन सा भजन सुनाऊँ,
ऐसा कोई राग बतादे,
तू नाचे मैं गाऊं,
बोल सांवरे बोल तुम्हे मैं,
कौन सा भजन सुनाऊँ,
ऐसा कोई राग बतादे,
तू नाचे मैं गाऊं,
नचाता रहूँ मैं हर बार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।

बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाय,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
बागो से कलियाँ चुन चुन कर,
सुन्दर हार बनाय,
रहे सलामत हाथ सदा वो,
जिसने तुझे सजाया,
सजाता रहे हर बार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
लागे दूल्हा सा तू, दिलदार सांवरे,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे।