jaroori tha ज़रूरी था

 लफ्ज़ कितने ही तेरे पैरों से लिपटे होंगे
तूने जब आख़िरी खत मेरा जलाया होगा
तूने जब फूल किताबों से निकाले होंगे
देने वाला भी तुझे याद तो आया होगा?


तेरी आँखों के दरिया का उतरना भी ज़रूरी था
मोहब्बत भी ज़रूरी थी
बिछड़ना भी ज़रूरी था
ज़रूरी था की हम दोनों तवाफ़े आरज़ू करते
मगर फिर आरज़ूओं का बिखरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का उतरना भी ज़रूरी था




बताओ याद है तुमको वो जब दिल को चुराया था?
चुराई चीज़ को तुमने ख़ुदा का घर बनाया था
वो जब कहते थे मेरा नाम तुम तस्बीह में पढ़ते हो
मोहब्बत की नमाज़ों को कज़ा करने से डरते हो
मगर अब याद आता है
वो बातें थी महज़ बातें
कहीं बातों ही बातों में मुकरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का उतरना भी ज़रूरी था


वही हैं सूरतें अपनी
वही मैं हूँ, वही तुम हो
मगर खोया हुआ हूँ मैं
मगर तुम भी कहीं गुम हो
मोहब्बत में दग़ा की थी सो काफ़िर थे सो काफ़िर हैं
मिली हैं मंज़िलें फिर भी मुसाफिर थे मुसाफिर हैं
तेरे दिल के निकाले हम कहाँ भटके कहाँ पहुंचे


मगर भटके तो याद आया भटकना भी ज़रूरी था
मोहब्बत भी ज़रूरी थी
बिछड़ना भी ज़रूरी था
ज़रूरी था की हम दोनों तवाफ़े आरज़ू करते
मगर फिर आरज़ूओं का बिखरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का उतरना भी ज़रूरी था

tere aane ki jab


 

HAME DIL KI BIMARI HE हमें दिल की बीमारी है

 


हमें दिल की बीमारी है
नबजिया वैद क्या जाणे , हमें दिल कि बीमारी है ....
कभी कफ रोग बतलाये, कभी तासीर गरमी की |
जिगर का हाल तू मेरा, नहीं जाने आनाडी है || नबजिया ||
सनम कि मोहिनी मूरत, बसी दिल बीच में मेरे |
न मन में चैन है तन की, खबर सारी बिसारी है || नबजिया ||
असर करती नहीं कोई, दवा यहाँ तेरी प्रभु |
बिना दीदार दिलबर के, मिटे नहीं बेकरारी है || नबजिया ||
अगर दीदार को मेरे , मिलावे टू कभी मुझसे |
वो ब्रह्मानंद गुण तेरा, करू में यादगारी है || नबजिया ||
 

SANSHO KIMALA PE सांसो की माला पे सिमरूं मैं पि का नाम

 

सांसो की माला पे सिमरूं मैं पि का नाम
अपने मन की मैं जानु और पि के मन की राम

दीन धरम सब छोड़ के मैं तो पि की धुन में खोयी
जित जाऊं गुण पि के गाऊं नाहि दूजा काम

प्रेम पियाला जबसे पिया है जी का है ये हाल
चिंगारों पे नींद आ जाए कांटो पे आराम

प्रीतम तुमरे ही सब है अब अपना राज सुहाग
तुम नाही तो कछु नाही तुम मिले जागे भाग

आ पिया इन नैनन में जो पलक ढांप तोहे लूँ
ना मैं देखूँ गैर को ना तोहे देखन दूँ

ढांप लिया पलकों में तुझको बंद कर लिए नैन
तू मुझको मैं तुझको देखूं गैरों का क्या काम

जीवन का सिंगार है प्रीतम मांग का है सिन्दूर
प्रीतम की नज़रों से गिरके जीना है किस काम

प्रेम के रंग में ऐसी डूबी बन गया एक ही रूप
प्रेम की माला जपते जपते आप बनी मैं श्याम

प्रीतम का कछु दोष नहीं है वो तो है निर्दोष
अपने आप से बातें करके हो गयी मैं बदनाम

वो चातर है कामिनी वो है सुन्दर नार
जिस पगली ने कर लिया साजन का मन राम

नील गगन से भी परे सैंयाजी का गांव
दर्शन जल की कामना पथ रखियो हे राम

अब किस्मत के हाथ है इस बंधन की लाज
मैंने तो मन लिख दिया साँवरिया के नाम

जब से राधा श्याम के नैन हुए हैं चार
श्याम बने हैं राधिका राधा बन गयी श्याम

हाथ छुड़ावत जात हो निर्बल जानके मोहे
हिरदय में से जाओ तब मैं जानु तोहे

काजल डालूँ हो जाए किरकिरी ना रहे बह जाए
जिन नैनन में पि बसे वहाँ दूजा कौन समाए

सांसो की माला पे सिमरूं मैं पि का नाम
प्रेम के पथ पे चलते चलते हो गयी मैं बदनाम

सांसो की माला पे सिमरूं मैं पि का नाम
अपने मन की मैं जानु और पि के मन की राम

https://youtu.be/Vy1ZXWcYUl0 

SHAMMA JALAYE RAKHNA शम्मा जलाये रखना

 

शम्मा जलाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ
खुद को बचाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ

ज़िंदा दिलो से दुनिया, ज़िंदा सदा रही हैं
महफ़िल सजाये रखना, जब तक की मैं न आऊ

ये वक़्त इन्तिहाँ है सब्र ओ करार दिल का
आंसू छुपाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ

हम तुम मिलेंगे ऐसे जैसे जुड़ा नहीं थे
सांसे बचाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ 

https://youtu.be/T5SKFWmQguc

KHUDA HUMKO AISI KHUDAI खुदा हमको ऐसी खुदाई ना

 अपने किरदार को मौसम से बचा कर रखना ,
फूलों में खुशबू दुबारा नहीं आती.....

खुदा हमको ऐसी खुदाई ना दे
के अपने सिवा कुछ दिखाई ना दे

खतावार समझेगी दुनिया तुझे
के इतनी ज़ियादा सफाई ना दे

हंसो आज इतना के इस शोर में
सदा सिसकियों की सुनाई ना दे

अभी तो बदन में लहू है बहुत
कलम छीन ले रोशनाई ना दे

खुदा ऐसे एहसास का नाम है
रहे सामने और दिखायी ना दे

https://youtu.be/rRYQD67vjVk

मेरी जिंदगी संवर जाए MERI JINDGI SAWAR JAYE

 


मेरी जिंदगी संवर जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,

झलक ते आंख के आंसू कही बेकार न हो जाये,
चरण छु कर बने मोती अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,

कर्म से बन गया पत्थर नही है रूप मेरा कोई,
कलि के से सवर जाऊ अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,

भटकता रहता हु दर दर तेरे दीदार के खातिर,
भटकना जो कोई चाहे अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,

जगत ने सीना झपटा है मुझे यु बाँट डाला है,
सिमट कर एक हो जाऊ अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ