राम सृष्टा भी है राम सृष्टि भी है
राम दृष्टा भी है और दृष्टि भी है राम एकांत है राम महफिल भी है राम रस्ता भी है राम मंजिल भी है राम जीवन भी है राम मुक्ति भी है राम है खोज भी राम युक्ति भी है राम मनहर भी है और मनस्वी भी है राम राजा भी है और तपस्वी भी है.यह ब्लॉग आपके मनोरंजन के लिए बनाया गया हे यहाँ पर आपको भजन काव्य एवं साहित्य आधारित पोस्ट प्राप्त होंगी जिसमें आप नवीनतम भजनों के लिरिक्स एवं उनसे सम्बंधित जानकारिय पदर्शित की जाएँगी! पाठको से निवेदन हे की बहुत ही मेहनत से आपके लिए भजनों का संग्रह विभिन्न माध्यमो से संकलित किया जाता हे यह संकलन आपके मनोरंजन के लिए हे अत: आप इस वेबसाइट पर आते रहे और हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए पोस्ट को शेयर करते रहें जय श्री राम
मोहे ब्रज की धुल बना दे,
लाड़ली श्री राधे,लाड़ली श्री राधे,स्वामिनी श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे
मैं साधन हिन किशोरी जी,
दीनन में दीन किशोरी जी,
दीनन में दीन किशोरी जी,
मेरे सोये भाग्य जगा दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे
अज्ञानी अभागिन हूँ दासी,
अखियाँ दर्शन को है प्यासी,
अखियाँ दर्शन को है प्यासी,
मेरी नैनो की प्यास बुझा दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे
जैसी भी हूँ मैं तुम्हारी हूँ,
करुणा की मैं अधिकारी हूँ,
करुणा की मैं अधिकारी हूँ,
मीरा गोपाल मिला दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे
जो राधे राधे कहते है,
वो प्रिया शरण में रहते है,
वो प्रिया शरण में रहते है,
उसे अपना भक्त बना दे,
लाड़ली श्री राधे,
मोहे ब्रज की धूल बना दे,
लाड़ली श्री राधे।।
AAJ PARDA HATA DO आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,
आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,
दोहा- छुपाए किस लिए हो तुम रूखे रुख़सार पर्दे में
नही पीता है चंचल शरबते दीदार पर्दे में
बहुत अब हो चुका साज़ ओर सृंगार पर्दे में
रहोगे कब तलक सांवरे सरकार पर्दे में
आज पर्दा हटा दो, कन्हैया कुंवर,
मैं तुम्हे देख लूँ, तुम मुझे देख लो,
देखते देखते,उम्र जाए गुजर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
मोर के पंख वाला,पहन लो मुकुट,
थाम लो हाथों में,रस भरी बांसुरी,
आज जलवा दिखाते,रहो रात भर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
ये शरद पूर्णिमा की,चटक चांदनी,
और बंसी की मीठी,मधुर रागनी,
सारी दुनिया से,हो जाऊं मैं बेखबर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
प्यारे जु प्यारी जु का भी,यूँ साथ हो,
उससे बढ़कर भला,कोई क्या बात हो,
धन्य हो जाऊं,जोड़ी युगल देखकर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
मैं नहीं चाहता,लोक की सम्पदा,
मैं नहीं चाहता,मुझको ध्रुव पद मिले,
आज चंचल मिले बस,नज़र से नज़र,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
आज पर्दा हटा दो,
कन्हैया कुंवर,मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो,
देखते देखते,उम्र जाए गुजर,
मैं तुम्हे देख लूँ,तुम मुझे देख लो।।
हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊँ
हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊँ
हे प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ,
माया के बंधनो से,
छुटकार कैसे पाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ
ना जानु कोई पुजन,
अज्ञानी हुँ मैं भगवन,
करना कृपा दयालू,
इसे कैसे मैं दिखाऊं,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ
मैं हुँ पतित स्वामी,
तुम हो पतित पावन,
अवगुण भरा ह्रदय है,
इसे कैसे मैं दिखाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ
अच्छा हूँ या बुरा हूँ,
जैसा भी हूँ तुम्हारा,
ठुकराओ ना मुझे अब,
चरणों में सिर झुकाऊं,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ
हे प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ,
माया के बंधनो से,
छुटकार कैसे पाऊँ,
हें प्रभु मुझे बता दो,
चरणों में कैसे आऊँ
umrbhar barsana me rahu //वृंदावन मे बसा लिजीये //दर्दे दिल की दवा दीजिए // उम्र भर बरसाना
दर्दे दिल दवा दीजिये,
हाय मेरा दिल मेरा दिल दिल दिल
श्याम मेरा दिल मेरा दिल दिल दिल,
दर्दे दिल मेरे बाबा की दवा दीजिये,
कम से कम मेरे साई मुस्कुरा दीजिये
उम्र भर बरसाना मैं रहूँ
कोई ऐसी सजा दीजिए
मेरा दिल आपका घर हुआ मेरे बाबा जी,
आते आते जाते रहा कीजिये,
ज़ख़्म दुनिया ने मुझको दिए मेरे बाबा,
आप मरहम लगा दीजिये ,
क्या सही क्या गलत, क्या पता, मैं क्या जानू,
आप ही फैसला कीजिये,
आंधियो में जो न भुझ सके मेरे बाबा,
ऐसा दीपक जला दीजिये,
एक समंदर ये कहने लगा बाबा से,
मुझको मीठा बना दीजिये,
एक होकर रहे सारे बाबा
ऐसा भारत बना दीजिए ॥
कुछ भी देना हो मारे मालिक
मेरे हक मे दुआ कीजिए
आप के नाम से नाम हो मेरे प्यारे
ऐसी शोहरत ''हम'' को अदा कीजिये,
चलो तुम तोड़ दो ये दिल
चलो तुम तोड़ दो ये दिल....
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तुम्हे लगता है अश्कों की घटाएँ अब नहीं होंगी,
ग़लतफहमी तुम्हारी है ख़तायें अब नहीं होंगी,
कोई ज़ालिम मुहब्बत मे तुम्हे जब छोड़ जायेगा,
तुम्हे बर्बादियों के रास्ते पर मोड़ जायेगा,
करोगे याद उस दिन तुम मगर होंगे न हम हासिल,
चलो तुम तोड़ दो ये दिल, चलो तुम तोड़ दो ये दिल,
हमारे साथ जब तक थे तुम्हे ग़म छुल नहीं पाए,
मगर अफ़सोस तुम इन धड़कनों में घुल नहीं पाए,
मेरा चेहरा तुम्हारे सामने अब जब भी आएगा,
भले ख़ामोश होंगे लब मगर दिल मुस्कुरायेगा,
लो कर दो क़त्ल मेरा है इजाज़त ऐ मेरे क़ातिल,
चलो तुम तोड़ दो …… …… … … … ...... .. …....।
चलो अब जा रहा हूं मै तुम्हारी छोड़ कर दुनिया,
नहीं मैं लौट पाऊंगा तकोगी तुम फकत रस्ता,
तुम्हारे ज़ख्म पर भरने कोई मरहम न आएगा,
मेरे जैसा तुम्हारा अब कोई हमदम न आयेगा,
तुम्हे हर पल लगेगी अब तुम्हारी सांस ये बोझिल,
चलो तुम तोड़ दो ..................................…।
✍️ आशीष कविगुरु
किसी से दिल लगाने की जरूरत क्या है
किसी से दिल लगाने की जरूरत क्या है ?
समंदर में आग लगाने की जरूरत क्या है?
सच्चा राज़दार कहां मिलता है जमाने में।
सब को राज़दार बनाने की जरूरत क्या है?
हर बात से ता' अल्लुक रखते क्यों हो?
बेवजह गहराई में जाने की जरूरत क्या है?
न उसने समझा है तुम्हें न कभी समझेगा।
उससे मोहब्बत जताने की जरूरत क्या है?
कोई किसी का ग़म-ख़्वार नहीं होता'ओम'।
दर्दे-दिल सबको बताने की जरूरत क्या है?
कोई नहीं बदलता है किसी के चाहने से।
बे-वजह दिमाग लगाने की जरूरत क्या है?
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