प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया- PRAGTE HE CHARON BHAIYA

प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया
बाजे बधाईयां बाजे शहनाईंयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

गलिन गलिन में धूम मची है-2
बाज रही शहनाईयां अवध में बाजे बधाईयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

जगमत जगमत दिवला जलत है-2
झिलमिल होत अटरिया अवध में बाजे बधाईयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

मईया लुटावे हीरे मोती-2
राजा लुटावे रुपइया अवध में बाजे बधाईयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

झांझ मृदंग ताल ढप बाजे-2
नाचे ता ता थइया अवध में बाजे बधाईयां
प्रकटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधाईया

आज की बधाई राजा दशरथ जी के-AAJ KI BADHAI RAJA DASHRATH JI KE

आज की बधाई राजा दशरथ जी के

गंगा फूले यमुना फूले अति सुख पाइके
सरयू मैया ऐसे फूले राम के नहाय से
आज की बधाई राजा दशरथ जी के


चंपा चमेली जूही ऐसे फूले अति सुख पाइके
महलों में कौशल्या फूले अति सुख पाइके
आज की बधाई राजा दशरथ जी के


सूरज फूले चंदा फूले अति हर्षाय के
मोती जैसे चावल फूले राम के शीश पे लगाय के
आज की बधाई राजा दशरथ जी के

ऋषि मुनि महर्षि फूले अति हर्षाय के
वशिष्ट मुनि ऐसे फूले नाम रखवाय के
आज की बधाई राजा दशरथ जी के


ब्रम्हा फूले विष्णु फूले आनंद मनाय के
तुलसी दास ऐसे फूले राम गुण गाय के
आज की बधाई राजा दशरथ जी के 

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ- HE RAJA RAM TERI ARTI UTARUN


हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ
आरती उतारूँ तुझे तन मन बारूँ,

कनक शिहांसन रजत जोड़ी,
दशरथ नंदन जनक किशोरी,
युगुल  छबि को सदा निहारूँ,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ........

बाम भाग शोभति जग जननी, 
चरण बिराजत है सुत अंजनी,
उन चरणों को सदा पखारू,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ........ 

आरती हनुमंत के मन भाये,
राम कथा नित शिव जी गाये,
राम कथा हिरदय में उतारू,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ........ 

चरणों से निकली गंगा प्यारी,
बधन करती दुनिया सारी,
उन चरणों में शीश को धारू,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ........ 

भये प्रगट कृपाला-BHAYE PRAGAT KRIPALA

भये प्रगट कृपाला
भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी .
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी ..

लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी .
भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी ..

कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता .
माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता ..

करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता .
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयौ प्रकट श्रीकंता ..

ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै .
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै ..

उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै .
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ..

माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा .
कीजे सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा ..

सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा .
यह चरित जे गावहि हरिपद पावहि ते न परहिं भवकूपा ..

लल्ला जन्म सुन आयी-LALLA JANM SUN AAYE

लल्ला जन्म सुन आयी

लल्ला जन्म सुन आयी , यशोदा मैया देदे बधाई 
देदे बधाई मैया देदे बधाई 
लल्ला जन्म सुन आयी यसोदा मैया देदे बधाई ॥

हीरे भी देदे मैया मोती भी देदे
नथनी की देदे घड़ाई यसोदा मैया देदे बधाई 
लल्ला जन्म सुन आयी यसोदा मैया देदे बधाई ॥

लहंगा भी देदे मैया चूड़ी भी देदे 
साड़ी की देदे कढ़ाई यसोदा मैया देदे बधाई 
लल्ला जन्म सुन आयी यसोदा मैया देदे बधाई ॥

सोना भी देदे मैया चांदी भी देदे 
झुमकी की देदे घड़ाई यसोदा मैया देदे बधाई 
लल्ला जन्म सुन आयी यसोदा मैया देदे बधाई॥

बांके बिहारी मुझको देना सहारा-BANKE BIHARI MUJHKO DENA SAHARA

बांके बिहारी मुझको देना सहारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

तेरे सिवा दिल में समाये न कोई
लगन का ये दीपक बुझाये ना कोई
तु ही मेरी कश्ती, तु ही है किनारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा
तेरे सिवा दिल में समाये न कोई
 का ये दीपक बुझाये ना कोई

तु ही मेरी कश्ती, तु ही है किनारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हार
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

तेरे नाम का गान गाता रहूं मै
सुबह शाम तुझको रिझाता रहू मै
तेरा नाम है मुझको प्राणों से प्यारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा

बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा
इशारो से मुझको बुलाती है दुनिया
देखू न हरगिज़ मै दुनिया का इशारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

बड़ी भूल की जो मै दुनिया में आया
मूल भी ख़ोया और ब्याज भी गवाया
दुनिया में मुझको ना भेजना दुबारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा

बांके बिहारी मुझको देना सहारा
बांके बिहारी मुझको देना सहारा
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा


इंतज़ाम कर दिया है तुमने रोज़ी रोटी का- INTZAM KAR DIYA HE TUMNE

इंतज़ाम कर दिया है तुमने रोज़ी रोटी का
इंतज़ाम कर दिया है तुमने रोज़ी रोटी का
विश्वकर्मा जी से नक्शा पास करा दे कोठी का
बाबा सुनलो ऐसी मेरी कोठी हो
दूर से ही कोठी के दरवाजे पर दिखे गणेश
जिनके दर्शन से मिट जाये सभी कलेश
ड्रॉइंग रूम और डायनिंग हाल भी हो उच्च कोटि का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
कोठी के अंदर बाबा तेरा सुन्दर मंदिर हो
सारे देवी देव साथ मंदिर के अंदर हो
घर में रहे प्रकाश भी बाबा तेरी ज्योति का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
एक रसोई अलग से हो जहा भोग रोज बन जाये
तुझको भोग लगा पहले बाद में हम मिल खाये
आँगन में तुलसी का पौधा हो पट्टी छोटी का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
मेरी श्याम और सुनलो
खड़ी हो बाबा एक लम्बी सी गाडी
खिली नरसिंघ लक्खा के घर की फुलवारी
शोर हमेशा मचा रहे घर पोते पोती का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
सुनले मेरी विनती बाबा
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का
विश्वकर्माजी से नक्शा पास करादे कोठी का